कार्डियक अरेस्ट के बाद अस्पताल में भर्ती कराई गई टीवी एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ की हालत में सुधार हो रहा है। उनका इलाज कर रहे डॉक्टर पंकज के मुताबिक गहना की हालत नाजुक थी, अब उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। डॉक्टर ने बताया कि गहना को पहले वेंटिलेटर पर रखा गया था। अब उनकी हालत पहले से अब ठीक है, लिहाजा उन्हें वेंटिलेटर से हटा लिया गया है।

  1. अचानक कैसे बिगड़ी तबीयत?
  2. कार्डियक अरेस्ट की वजह?
  3. डायबिटीक कीटो-एसिडोसिस भी एक वजह?
  4. कितना घातक है डायबिटिक केटोएसिडोसिस?
  5. क्या लगातार काम से बढ़ता है बीमारी का जोखिम?
  6. लगातार काम करने से कैसे प्रभावित होता है शरीर?
  7. सारांश

दरअसल शूटिंग के दौरान गहना वशिष्ठ की तबीयत अचानक खराब हो गई। बताया जा रहा है कि उस दौरान वो एक वेब सीरीज़ 'मढ आइलैंड' की शूटिंग कर रही थी। इसके बाद उन्हें मुंबई के मलाड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

जानकारी के मुताबिक गहना वशिष्ठ को माइल्ड (हल्का) कार्डियक अरेस्ट आया था। जिसका एक कारण यह हो सकता है कि गहना पिछले 48 घंटे से शूटिंग कर रही थी और इस दौरान उन्होंने कुछ खाया नहीं था और वो लिक्विड डाइट पर निर्भर थी। गहना को डायबिटीज भी है और लंबे समय तक लगातार काम करने की वजह से उनका शरीर यह दबाव नहीं झेल पाया।

गहना वशिष्ठ को जब अस्पताल में भर्ती कराया गया, उस वक्त उनकी हालत गंभीर थी। सही वक्त पर इलाज मिलने से आज वो खतरे से बाहर हैं। अब उनका स्वास्थ्य बेहतर है और वो ठीक हो रही हैं। बताया जा रहा है कि जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था, उस समय वो डायबिटीज की समस्या से ग्रस्त थी। डॉक्टर प्रणव काबरा ने गहना वशिष्ठ की गंभीर हालात को लेकर कई कारणों को वजह बताया। जो कि इस प्रकार है-

  • कई तरह की गंभीर बीमारियों की वजह से गहना का शरीर एक अलग स्टेज पर पहुंच गया था, जिसमें डायबिटिक केटोएसिडोसिस (शुगर की एक गंभीर जटिलता है, जो तब होता है जब आपके शरीर में किटोन नामक रक्त एसिड का उच्च स्तर पैदा होता है) भी शामिल था।
  • डायबिटीक कीटो-एसिडोसिस की वजह से ही डॉक्टरों को गहना के अलग-अलग टेस्ट करने पड़े।
  • डॉक्टर प्रणव के मुताबिक डायबिटिक केटोएसिडोसिस, डायबिटीज से जुड़ी एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण शरीर में उच्च स्तर पर रक्त अम्लों का उत्पादन होता है। इसे किटोंस भी कहते हैं।
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डॉक्टर प्रणव काबरा ने बताया कि गहना सेरेब्रल ओडेमा और कोमा की हालत में जाने वाली थीं। इतना ही नहीं जब गहना को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब वो हाइपरग्लाइसीमिया (खून में शुगर का स्तर अधिक होना) से पीड़ित थीं। जो दिमाग के ओडेमा, हाइपोक्सिया और कार्डियक अरेस्ट के कारण बने। इससे इंसान की मौत भी हो सकती है।

myUpchar से जुड़ी डॉक्टर शहनाज़ जफ़र का कहना है कि जब तक किसी व्यक्ति को कोई अन्य बीमारी न हो, तब तक लगातार लंबे समय तक काम करने से हृदय रोग होने की आशंका कम ही होती है। क्योंकि गहना वशिष्ठ डायबटिक हैं। लिहाजा उनमें हृदय रोग का खतरा बढ़ा। इसके अलावा ज्यादा काम करने के कारण तनाव की स्थिति पैदा हुई, जो कार्डियक अरेस्ट की एक और वजह हो सकती है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि कोई स्वस्थ व्यक्ति लंबे समय से काम कर रहा है तो उसे कार्डियक अरेस्ट आ जाए। बशर्ते उस व्यक्ति में कोई बुरी आदत (धूम्रपान इत्यादि) न होता।

लगातार लंबे समय तक काम करना शरीर पर कई तरह की बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकता है। क्योंकि, लगातार फिजिक्ल एक्टिविटी से मानसिक और शारीरिक तनाव बढ़ता है, जो किसी बीमारी का कारण बन सकता है। दरअसल कई घंटों तक काम करने से पूरा शरीर थक जाता है और तनाव के चलते हार्मोन बढ़ जाते हैं।

  • तनाव से कॉर्टिसोल (ग्लुकोकोर्टिकोइड्स नामक हार्मोन के समूह से संबंधित है) बढ़ता है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा होता है।
  • कॉर्टिसोल से ब्लड प्रेशर भी बढ़ता है, जिसके कारण आपका हार्ट भी प्रभावित होता है।

देखा जाए तो लगातार लंबे समय तक काम करना जान के जोखिम को बढ़ता है। क्योंकि डॉक्टर भी काम के साथ आराम की सलाह देते हैं। वहीं डायबिटीज समेत अन्य कई बीमारियों की स्थिति में ये जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है। लिहाजा लगातार लंबे समय तक काम करना आपको परेशानी में डाल सकता है।

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