कोलोराडो टिक फीवर - Colorado Tick Fever in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

December 31, 2019

March 06, 2020

कोलोराडो टिक फीवर
कोलोराडो टिक फीवर

कोलोराडो टिक फीवर क्या है?
कोलोराडो टिक फीवर एक वायरल संक्रमण है, जो संक्रमित कीट (डर्मेसेंटर एंडरसनी वुड टिक) के काटने से फैलता है। कीट की इस प्रजाति को सामान्यतः 'रॉकी माउंटेन वुड टिक' के रूप में जाना जाता है। ये टिक छोटे भूरे रंग के परजीवी हैं, जो आमतौर पर लकड़ी व खेतों में पाए जाते हैं। इन कीटों को जीवित रहने के लिए जानवरों व इंसानों के खून की आवश्यकता होती है। इनकी वजह से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं, जिनमे से एक कोलोराडो टिक फीवर है।
कोलोराडो टिक फीवर फरवरी और अक्टूबर के महीनों में सबसे ज्यादा प्रभावित करता है, जिसमें से 90 प्रतिशत मामले अप्रैल और जुलाई के बीच दर्ज किए जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति टिक-संक्रमित क्षेत्रों में समय बिताता है, तो उसे यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है।

कोलोराडो टिक फीवर के लक्षण
कोलोराडो टिक फीवर के लक्षणों में शामिल हैं:

टिक के काटने के बाद ये लक्षण अक्सर तीन से छह दिनों के अंदर दिखने शुरू हो जाते हैं। इस बीमारी में इलाज की शायद ही कभी आवश्यकता पड़ती है और अधिकांश लोगों में बिना किसी कठिनाई के यह बीमारी ठीक हो सकती है। कोलोराडो टिक फीवर को कभी-कभी माउंटेन टिक फीवर या अमेरिकन माउंटेन फीवर के रूप में भी जाना जाता है।

कोलोराडो टिक फीवर के कारण
यह बीमारी एक वायरस के कारण होती है और यह वायरस एक संक्रमित टिक (डर्मेसेंटर एंडरसनी) के काटने से फैलता है। कोलोराडो टिक वायरस होने की मुख्य वजह रॉकी माउंटेन वुड टिक है। यह आमतौर पर 5,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित जंगली इलाकों में पाए जाते हैं।

कोलोराडो टिक फीवर का इलाज
इस बीमारी के लिए कोई विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है। लक्षणों के विकसित होने पर उन्हें ठीक होने में आमतौर पर 10 दिन का समय लग सकता है। फीवर और मांसपेशियों में दर्द के इलाज के लिए एसिटामिनोफेन जैसे टायलेनोल व अन्य पेन किलर (दर्द निवारक) लेने की सलाह दी जा सकती है। इस दौरान पर्याप्त आराम करना और हाइड्रेट (पानी की कमी न होना) रहना भी महत्वपूर्ण है। टिक बाइट्स के बाद जल्द से जल्द इसे हटाने की जरूरत होती है। यदि त्वचा से टिक हटाने में असमर्थ हैं, तो डॉक्टर को दिखाना उचित रहेगा।

टिक संभावित क्षेत्रों में सावधान रहें जैसे कि ऐसे कपड़े पहनें जो पूरे शरीर को ढक सकें। इसके लिए पैंट के निचले सिरे को मोजों के अंदर कर लें और पूरी बाजू की कमीज पहनें। इसके अलावा कपड़े हल्के रंग के होने चाहिए क्योंकि गहरे रंग के कपड़ों पर ये टिक पहचान में नहीं आते हैं। इन उपायों से टिक के काटने के जोखिम बहुत कम हो जाते हैं।