देश में कोरोना वायरस के 31 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। दिल्ली के उत्तम नगर में 31वें मरीज के रूप में पहचान हुई है। उधर, वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच दवाओं की खपत बढ़ गई है। इसके चलते ऐसी खबरें आई थीं कि देश में दवाओं के स्टॉक में कमी हो सकती है। कुछ दिन पहले सरकार ने फार्मा कंपनियों से प्रमुख दवाओं की एक लिस्ट भी मांगी थी। लेकिन अब उसने साफ कर दिया है कि देश में दवाओं की कोई कमी नहीं है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सरकारी एजेंसियों ने दावा किया है कि अगले तीन महीनों तक दवा उत्पादन से जुड़े कच्चे माल या एपीआई की कोई कमी नहीं होगी।

मॉनिटरिंग में जुटा विशेष मंत्री समूह
केंद्र सरकार के मंत्रियों का एक समूह कोरोना वायरस से जुड़ी किसी भी संभावित समस्या से निपटने के लिए हालात पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। इसके तहत मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी हर जरूरत की बारीकी से जांच की जा रही है। खबरों के मुताबिक, भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा का कहना है कि मॉनिटरिंग का उद्देश्य कोरोना वायरस को देश में फैलने से रोकाना है। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि देश में पर्याप्त मात्रा में दवाएं और एपीआई ड्रग्स हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि आने वाले तीन महीनों तक फार्मा क्षेत्र में उत्पादन की कोई कमी महसूस नहीं होगी।

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केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठा रही है और देश में नए कोरोना वायरस (सीओवीआईडी-19) के फैलने का कोई खतरा (फिलहाल) नहीं है।

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एपीई दवाओं के उत्पादन को बढ़ाने की कोशिश
वहीं, केंद्र सरकार में राज्यमंत्री मनसुख एल मंडाविया के मुताबिक, सरकार ने देश में एपीआई का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति में दवाओं के लिए किसी और देश पर निर्भर न रहना पड़े। मंडाविया का कहना है कि देश में ही एपीआई की उपलब्धता बढ़ाने के संबंध में चर्चा जारी है। इस बारे में सरकार के अंदर पहला सवाल यह है कि क्या एपीआई के उत्पादन के बाद हमारा देश अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बनाने की स्थिति में है। इसको लेकर दो तरह की नीतियों पर जल्दी काम किया जाएगा। पहला, योजनाओं के जरिये बड़ी मात्रा एपीआई दवाओं और मेडिकल ड्रग्स का उत्पादन किया जाएगा। फिर दूसरी नीति के तहत भारत को एपीआई के लिए आत्मनिर्भर बनाए जाने काम शुरू होगा।

कोरोना वायरस संकट के बीच हाल ही में देश में 26 एपीआई दवाओं के निर्यात पर रोक लगाई दी गई थी। सरकार इन दवाओं के स्टॉक की मात्रा जानने में लगी है। मीडिया से इस बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री मंडविया ने कहा कि यह कोई स्थायी उपाय नहीं है। उन्होंने कहा, 'इससे यह सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है कि देश में दवाओं की कमी तो नहीं है ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके।'

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गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में भारत में कोरोना वायरस तेजी से फैला है। यहां इस वायरस के संक्रमितों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। इनमें 16 इटली के यात्री हैं और एक भारतीय बस चालक शामिल है जो इन इटैलियन टूरिस्टों के साथ था। वहीं, दिल्ली में तीन और आगरा में छह लोगों के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा हैदराबाद, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी एक-एक मरीज की पहचान की गई है। संक्रमितों की लिस्ट में केरल के तीन मामले भी शामिल हैं। बता दें कि इन तीनों मरीजों की सेहत ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।

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