देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से जुड़े सक्रिय मामलों की संख्या दस हजार से नीचे चली गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में कोविड-19 से जुड़े ताजा आंकड़े शेयर करते हुए यह जानकारी दी है। अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए बताया है, 'दिल्ली में आज (कोविड-19 के) संक्रिय मामले दस हजार से कम रह गए। एक्टिव केस के मामलों में दिल्ली अब 14वें पर आ गई है। आज मौतों की संख्या भी घट कर 12 रह गई। मुझे दिल्ली वालों पर गर्व है। आपके दिल्ली मॉडल की चर्चा हर तरफ है। लेकिन हमें लापरवाह नहीं होना चाहिए और सभी सावधानियां बरतनी चाहिए।'

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इससे पहले सोमवार को दिल्ली में केवल 17 लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हुई थी और नए मरीजों की संख्या भी 900 से कुछ ज्यादा रही थी। वहीं, मंगलवार को नए आंकड़े जारी करते हुए दिल्ली सरकार ने बताया कि इस दौरान राजधानी में केवल 12 लोगों की मौत हुई है और नए मामलों की संख्या केवल 674 रह गई है। इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना संक्रमण की चपेट में आए लोगों की संख्या एक लाख 39 हजार से ज्यादा हो गई है, जिनमें से 4,033 की मौत हो गई है। हालांकि एक लाख 25 हजार से ज्यादा मरीजों को बचा लिया गया है। इस तरह दिल्ली में कोविड-19 का रिकवरी रेट 2.9 प्रतिशत मालूम होता है, जबकि रिकवरी रेट 90 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

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दिल्ली में कोविड-19 संकट से जिस तरह निपटा गया है, उसने कोर्ट से लेकर केंद्र सरकार तक को प्रभावित किया है। हाल में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि तेलंगाना समेत देश के सभी राज्यों को कोरोना वायरस से निपटने के लिए दिल्ली मॉडल को अपनाना चाहिए। तेलंगाना के सिकंदराबाद से लोकसभा सांसद जी किशन रेड्डी ने तेलंगाना सरकार से अपील करते हुए कहा था, 'मैं राज्य सरकार से अपील करता हूं कि वह टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर फोकस करे। (तेलंगाना में) टेस्टों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। ज्यादा टेस्ट करके ही बीमारी को तेजी से नियंत्रित किया जा सकता है। केंद्रशासित प्रदेश होने के चलते मैं निजी तौर पर दिल्ली की निगरानी कर रहा हूं। दिल्ली में रिकवरी रेट 84 प्रतिशत है। सभी राज्यों को दिल्ली मॉडल अपनाना चाहिए।'

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वहीं, इससे पहले बीते महीने के अंत में दिल्ली हाई कोर्ट ने अपनी एक टिप्पणी में कहा था कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 को रोकने के लिए पर्याप्त और उचित कदम उठाए हैं। कोर्ट ने बकायदा कुछ कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई है, हेल्पलाइन नंबर की क्षमता में वृद्धि की है, टेस्टिंग सुविधाओं में बढ़ोतरी की है और कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा बैंक खोले हैं। कोर्ट ने कहा कि चूंकि दिल्ली सरकार ने बीमारी के खिलाफ पर्याप्त काम किया है, ऐसे में उस याचिका को मॉनिटर करने की कोई जरूरत नहीं है, जिसे दिल्ली में हेल्पलाइन नंबरों की कमी और मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते कोर्ट ने खुद ही दायर किया था। 


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: दिल्ली में एक्टिव मामलों की संख्या 10 हजार से कम हुई- सरकार है

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