अगर आप अभी-अभी ही कोविड-19 इंफेक्शन से रिकवर हुए हैं या फिर अस्पताल से घर वापस आए हैं तो ये समझिए एक तरह से तो आपने जंग जीत ली है। अपनी पीठ थपथपाइए और अब छोटी-छोटी जंग के लिए तैयार हो जाइए जिनका सामना आपको अपनी रूटीन लाइफ में वापस लौटने के दौरान करना होगा। कोविड-19 का सफल इलाज करवाने के बाद भी आप इन लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं, जैसे:

इनमें से बहुत से लक्षण ऐसे हैं जो समय के साथ जैसे-जैसे आप अपनी खोयी हुई शक्ति वापस हासिल करेंगे, ये लक्षण अपने आप ही बेहतर होते जाएंगे। उदाहरण के लिए- चीजों को याद रखना और काम पर फोकस करना आसान हो जाएगा। लेकिन कोविड-19 के कई ऐसे बाद के प्रभाव (आफ्टर-इफेक्ट) हैं जिसके लिए आपको अपनी तरफ से मेहनत करनी पड़ेगी। उदाहरण के लिए- सांस फूलने की समस्या को दूर करने के लिए आपको कुछ एक्सरसाइज या पोजिशन्स का नियमित रूप से अभ्यास करना होगा जिसकी मदद से थोड़े समय में ये समस्या भी दूर हो जाएगी।

(और पढ़ें - कोविड-19 मरीज को ठीक होने में लगता है कितना समय)

इस आर्टिकल में संक्षेप में हम आपको उन सभी प्रैक्टिकल टिप्स के बारे में बता रहे हैं जिसकी मदद से आप कोविड-19 के बाद के लक्षणों को आसानी से मैनेज कर सकते हैं। ये सारे टिप्स उन लोगों के लिए भी मददगार साबित हो सकते हैं जिनके परिवार का कोई सदस्य हाल ही में कोविड-19 से रिकवर हुआ हो। याद रखें कि कोविड-19 से रिकवर हो रहे परिवार के सदस्य को आने वाले कुछ समय तक आपकी मदद और धैर्य की जरूरत होगी।

  1. कोविड-19 के बाद के प्रभावों (आफ्टर-इफेक्ट) को कैसे मैनेज करें?
  2. कोविड-19 से रिकवर होने के बाद क्या खाएं?
  3. कोविड-19 के बाद सामान्य शारीरिक गतिविधी और एक्सरसाइज कैसे करें?
  4. डॉक्टर से संपर्क कब करें?
  5. आखिर में ये बातें याद रखें
कोविड-19 से रिकवर होने वाले मरीज की देखभाल कैसे करें? के डॉक्टर

कोविड-19 बिलकुल नया वायरल इंफेक्शन है और 2019 से पहले किसी ने भी इसके बारे में नहीं सुना था। हालांकि कुछ ही महीनों में वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने इस वायरस के बारे में काफी जानकारी हासिल कर ली है लेकिन कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें सिर्फ समय के साथ ही समझा जा सकता है। इसमें से एक है कोविड-19 के बाद के प्रभाव यानी आफ्टर इफेक्ट्स के बारे में जानकारी। जो बच्चे कोविड-19 से रिकवर हो रहे होते हैं भले ही हल्के लक्षण वाले ही क्यों न हों उनमें पीडियाट्रिक मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है :

अगर बच्चे में निम्नलिखित गंभीर संकेत या लक्षण नजर आए तो बच्चे को तुरंत अस्पताल लेकर जाएं:

  • सांस लेने में तकलीफ
  • बच्चे को नींद से उठने या जगे रहने में मुश्किल हो
  • सीने में लगातार दर्द या दबाव महसूस होना
  • भ्रम की स्थिति: अगर व्यवहार में अचानक कोई बदलाव हो या किसी चीज को समझने में दिक्कत महसूस हो
  • चेहरे या होंठ का नीला पड़ना भी इस बात का संकेत है कि बच्चे को तुरंत चिकित्सीय सहायता की जरूरत है
  • पेट में असहनीय दर्द

अब तक जितने भी सबूत मौजूद हैं उसके मुताबिक जितने भी मरीजों को कोविड-19 का हल्का या मध्यम श्रेणी का इंफेक्शन होता है (करीब 80 प्रतिशत कोविड मरीज ऐसे ही हैं) वे बिना किसी जटिलता के ही बीमारी से रिकवर हो जाते हैं। तो वहीं कुछ मरीजों को कोविड-19 के बाद के प्रभाव जैसे- थकान और सांस फूलने जैसी समस्याएं लंबे समय तक महसूस हो सकती हैं। आप अपनी कोविड-19 रिकवरी को आसान और तेज बना सकते हैं और इसके लिए अपनी नियमित ऐक्टिविटी में वापस लौटते वक्त आपको श्रेणीबद्ध दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। 

अगर आपको गंभीर कोविड-19 बीमारी हुई थी, आप अस्पताल में भर्ती थे तो आपको कुछ और अतिरिक्त लक्षण भी दिख सकते हैं जैसे- अस्पताल में रहने के दौरान की बुरी यादें, गले या कंठ में दर्द जहां से ट्यूब डाली जाती है और हटायी जाती है, लेकिन ये सारी समस्याएं भी धैर्य और अनुशासन के साथ बेहतर हो सकती हैं। आप चाहें तो किसी पेशेवर थेरेपिस्ट की भी मदद ले सकते हैं जो आपके उर्जा के लेवल को बेहतर बनाने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा भी कुछ और चीजें हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं:

  • परिवार के सदस्यों और दोस्तों से लें मदद
  • कुछ चीजों को पुनःसंगठित करें ताकि अगले कुछ हफ्तों या महीनों तक आपको वे काम करने में कम ऊर्जा लगे, जैसे- अगर आप अपने कपड़ों और जूतों को अलग-अलग कमरे में रखते हैं तो उन्हें वहीं पर ले आएं जहां आप नहाते और कपड़े पहनते हैं।
  • प्रोटीन से भरपूर डायट का सेवन करें और रोजाना कम से कम 5 बार अलग-अलग तरह की सब्जियां और फल खाएं।
  • श्वसन व्यायाम करें और अपनी शक्ति और ताकत वापस पाने की तरफ हड़बड़ी दिखाने की बजाए छोटे-छोटे कदम उठाएं।

(और पढ़ें - कोविड-19 के मरीजों की घर पर कैसे करें देखभाल)

कोविड-19 के बाद के लक्षणों के बारे में जानें और उन्हें कैसे मैनेज करना है इससे मदद मिल सकती है। कोविड-19 के बाद इन लक्षणों को कैसे मैनेज करना है, जानें:

कोविड-19 के बाद थकान के लिए क्या करें?

वायरल बुखार का कॉमन संकेत है थकान। ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर बड़ी मात्रा में ऊर्जा को शरीर की सामान्य प्रक्रियाओं से लेकर इंफेक्शन से लड़ने के लिए भेज देता है। कोविड-19 के कुछ मरीजों को हालांकि हद से ज्यादा थकान महसूस होती है- यह एक ऐसा लक्षण है जो बीमारी से ठीक होने के बाद भी कुछ समय तक जारी रह सकता है। अगर आप अभी-अभी कोविड-19 से रिकवर हुए हैं तो अपनी रिकवरी और लक्षणों के बारे में वास्तविक रहें। रिकवर हो चुके मरीजों को अगर रेग्युलर गतिविधियां करने में मुश्किल हो रही हो तो वे पेशेवर थेरेपिस्ट की मदद ले सकते हैं जो उन्हें उनके रोजाना के काम कैसे करने हैं इसमें मदद कर सकते हैं।

कोविड-19 के बाद महसूस हो रही थकान से निपटने के लिए आप इन 5 टिप्स को अपना सकते हैं:
1. मौजूदा ऊर्जा के स्तर के हिसाब से अपना नया टाइमटेबल बनाएं। 
याद रखें कि आपको अभी आराम करना है और अपनी खोई हुई शक्ति को वापस पाना है। अगले कुछ हफ्तों तक इस फैक्टर को भी अपने वर्क कैलेंडर में शामिल करें:

  • अगले कुछ दिनों तक काम से जुड़ी समय सीमा (डेडलाइन्स) को लचीला रखें
  • सामान्य दिनों की तुलना में काम के बीच में ज्यादा ब्रेक रखें
  • दूसरों को काम सौंपें: टीम के बाकी सदस्यों, परिवारवालों या दोस्तों के द्वारा जो काम किए जा सकते हैं उन्हें वह काम करने के लिए कहें
  • वैसे काम जिन्हें गैर जरूरी हैं या जिन्हें किसी समय सीमा के अंदर करना जरूरी नहीं है, उन्हें टाल दें
  • दिन के किस समय आप सबसे ज्यादा ऊर्जावान महसूस करते हैं उसी समय सबसे ज्यादा ऊर्जा-खपत वाले काम को करें। अगर आपको दोपहर में झपकी लेने के बाद ऊर्जावान महसूस होता है तो सबसे मुश्किल कामों को उसी समय करें।

2. ऊर्जा की खपत कम करने के लिए ऑफिस, डेस्क आदि को पुनःसंगठित करें

  • अगर आपको दिनभर में कई बार अलमारी या ऐसी चीजों के लिए एक जगह से दूसरी जगह जाना होता है तो अस्थायी रूप से इन चीजों को एक ही जगह शिफ्ट कर लें।
  • आप चाहें तो अभी के लिए डेस्क पर ही सारी चीजों को जमा कर लें ताकि अतिरिक्त गतिविधियों से आप बच जाएं।
  • याद रखें कि चलने, सीढ़ियां चढ़ने और फोन पर बात करने से भी आपको थकान महसूस हो सकती है इसलिए धैर्य से काम लें।
  • आप चाहें तो अपने वर्कप्लेस और काम के बोझ को मैनेज कैसे करना है इस बारे में किसी पेशेवर थेरेपिस्ट से मदद ले सकते हैं।

3. आप कितना काम कर सकते हैं इस बात को लेकर खुद से ईमानदार बनें और उसके बाद प्राथमिकता के हिसाब से ही काम करें
आप इसे अच्छी प्लानिंग कहें या फिर छंटाई करना, लेकिन आपको इस बारे में बिल्कुल स्पष्ट होने की जरूरत है कि किन कार्यों के लिए आपके इनपुट्स की जरूरत है और कहां नहीं। जहां आपके सहयोग या इनपुट्स देना जरूरी है वहां दें और जहां दूसरे लोग कुछ समय के लिए काम संभाल सकते हैं वहां उन्हें संभालने दें ताकि आप अपनी ताकत फिर से हासिल कर पाएं।

4. धीमी चाल से चलें
आपकी याददाश्त और एकाग्रता को फिर से पहले की तरह सामान्य स्थिति में आने में कुछ समय लग सकता है। काम के प्रवाह में वापस तेजी लाने के चक्कर में भागम-भाग करने की कोशिश करेंगे तो आपको निराशा महसूस होगी और अधिक थकान भी लगेगी। इसलिए एक वर्गीकृत दृष्टिकोण अपनाएं- हर दिन और हर सप्ताह थोड़ा-थोड़ा काम करने की कोशिश करें। आपकी ताकत और सहनशक्ति में भी धीरे-धीरे सुधार होगा। स्वस्थ, संतुलित, और प्रोटीन से भरपूर डायट का सेवन करने और हल्का व्यायाम करने से भी मदद मिलेगी।

5. आप कैसा महसूस कर रहे हैं इसे नजरअंदाज न करें
आप हाल ही में मुश्किल परिस्थितियों से होकर गुजरे हैं। ऐसे में अगर कभी-कभी आपको अपने स्वास्थ्य के बारे में दुख, निराशा या चिंता महसूस हो तो इन भावनाओं और संकेतों को अनदेखा न करें। इन भावनाओं के बारे में किसी दोस्त या डॉक्टर से बात करें, ताकि वे आपको इस बारे में अपनी उचित प्रतिक्रिया दे सकें। बेवजह की चिंता करने से आपकी ऊर्जा का नुकसान होगा और हद से ज्यादा थकान महसूस होगी।

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कोविड के बाद खांसी और बलगम ज्यादा आ रहा हो तो क्या करें?

लगातार जारी रहने वाली खांसी भी कोविड-19 का एक अहम लक्षण है। कुछ मरीजों को लगातार खांसी रहने के कारण उबकाई जैसा भी महसूस होता है। संक्रमण समाप्त होने के बाद भी कुछ मरीजों को लगातार खांसी और अत्यधिक कफ बनने का अनुभव हो सकता है। अगर डॉक्टर ने आपसे कह दिया है कि आप संक्रमण-मुक्त हो गए हैं तो यह खांसी और बलगम चिंता की बात नहीं है। आसान टिप्स की मदद से आप अपनी खांसी को मैनेज कर सकते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपको सूखी खांसी है या फिर गीली खांसी जिसमें बलगम भी आ रहा है।
सूखी खांसी को कैसे मैनेज करें

  • दिनभर में थोड़ा-थोड़ा पानी और तरल पदार्थों का सेवन करते रहें। आप चाहें तो गर्म पेय पदार्थ जैसे तुलसी का काढ़ा या गुनगुने पानी में नींबू और शहद डालकर पिएं। इसके अलावा अल्कोहल, चीनी वाले पेय पदार्थ और कॉफी का भी कुछ समय तक सेवन न करें क्योंकि इससे डिहाईड्रेशन की समस्या हो सकती है। एक ही बार में बहुत सारा पानी पीने की बजाए, थोड़ा-थोड़ा करके पिएं।
  • अगर पानी या कोई और ड्रिंक आपके आसपास न हो तो अपने लार को कई बार निगलने की कोशिश करें। इससे कंठ सूखने की समस्या नहीं होती।
  • रोजाना 10-15 मिनट तक दिन में 2-3 बार भाप लें। आप चाहें तो अपने कमरे में ह्यूमिडिफायर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

(और पढ़ें - सूखी खांसी दूर करने के घरेलू उपाय)

अगर खांसी के साथ बलगम भी आ रहा हो तो क्या करें

  • भाप लेने से बलगम ढीला होता है और बाहर आने में मदद मिलती है। दिनभर में 2-3 बार 15 मिनट के लिए भाप जरूर लें।
  • बलगम की वजह से नाक या छाती में जकड़न महसूस हो सकती है जिस कारण नींद में बाधा आती है जिससे रिकवरी भी धीमी हो जाती है। ऐसे समय में पीठ के बल लेटने की बजाए करवट लेकर लेटें। आप चाहें तो सिर के नीचे कई तकिए लगाकर सिर को ऊंचा करके भी लेट सकते हैं।
  • शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए तरल पदार्थों का सेवन करते रहें खासकर गर्म और हाई-प्रोटीन और अधिक ऊर्जा वाले ड्रिंक्स पिएं जैसे- पाया सूप, सब्जियों या दाल का सूप आदि। आप चाहें तो अदरक, तुलसी का पत्ता और काली मिर्च को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।

कोविड के बाद छाती में जकड़न हो तो क्या करें?

अतिरिक्त बलगम और खांसी की वजह से कई बार रिकवर हो चुके मरीजों में छाती में जकड़न की समस्या भी हो जाती है। हम आपको कुछ एक्सरसाइज और चेस्ट पोजिशन के बारे में बता रहे हैं जिससे आपको इस स्थिति में कुछ आराम मिल सकता है:

छाती में जकड़न दूर करने की एक्सरसाइज

ऐक्टिव साइकल ऑफ ब्रीदिंग : यह मल्टी-स्टेप ब्रीदिंग एक्सरसाइज है जिसकी मदद से कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों को बलगम और छाती में जकड़न की समस्या से छुटकारा मिल सकता है, इसे ऐसे करें: 

  • कुर्सी पर आराम से बैठें, कंधों को रिलैक्स करें और उन्हें कानों से दूर नीचे रखें। सांस को सामान्य करने के लिए 2-3 बार आराम से सांस लें।
  • अब 3-4 बार पेट से सांस लें। एक हाथ छाती पर रखें औऱ दूसरा पेट पर। अब नाक से सांस लें और हवा को छाती में भरने की बजाए पेट में भरें।
  • अब 2 बार में सांस को बाहर छोड़ें: कल्पना करें कि आप अपने सांस से आइने को साफ कर रहे हों। इसके लिए अपनी छाती और पेट की मांसपेशियों की मदद से फोर्स के साथ सांस बाहर निकालें।

जकड़न के लिए पोजिशन

  • फेफड़ों को खाली करने के लिए दाईं तरफ करवट लेकर लेट जाएं और एक या दो तकिए को अपने हिप्स के नीचे रख लें, ऐसा करने से फेफड़ों के बीच वाले हिस्से में जकड़न दूर होगी।
  • दाईं तरफ करवट लेकर लेटें और 2-3 तकिए को सिर के नीचे रखें। अगर असहज महसूस हो रहा हो तो अपने बाएं हाथ को छाती पर रख लें।

इन पोजिशन्स को कब न करें

(और पढ़ें - सीने में जकड़न के घरेलू उपाय)

कोविड से उबर चुके मरीजों में बेचैनी की समस्या से कैसे निपटें?

ऐसे कई कारण हैं जिसकी वजह से कोई व्यक्ति जो अभी-अभी कोविड-19 से उबर चुका है उसे चिंता महसूस हो सकती है, उनमें सबसे स्पष्ट कारण हैं:

  • चिंता या बेचैनी कोविड-19 के न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के अवशेष की तरह है
  • आपको ठीक होकर फिर से बीमार होने, दोबारा संक्रमित होने या परिवार के किसी सदस्य या दोस्त के संक्रमित होने की चिंता होती है
  • आप कोविड के बाद के लक्षणों को लेकर चिंतित हैं या आप उस गति के बारे में चिंतित हैं जिससे आप अपने सामान्य जीवन को फिर से शुरू कर सकते हैं
  • यदि आप ठीक से सो नहीं पा रहे हैं, नींद पूरी नहीं हो रही है तो यह भी बेचैनी को बढ़ा सकता है
  • अस्पताल में रहते हुए स्वास्थ्य लाभ के दौरान की कुछ बुरी यादें हैं तो कई कारणों से आपको याद आ सकती हैं, जैसे: शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचने या मृत्यु का डर, आपके साथ क्या हो रहा है, इस बात की जानकारी न होना, कई दिनों तक परिवार और दोस्तों से अलग-थलग रहना

कारण चाहे जो भी हो, अब आपको आराम करना चाहिए। तनाव, बेचैनी और चिंता की वजह से कोविड-19 के बाद के कुछ लक्षण जैसे- सांस लेने में कठिनाई या थकान में बढ़ोतरी हो सकती है। इससे बचने के लिए आप इनमें से कुछ टिप्स आजमा सकते हैं: 

  • महामारी के बारे में चल रही न्यूज अगर आपकी बेचैनी बढ़ाती है और आपको उदासी महसूस होती है तो न्यूज न देखें। अगर ये संभव न हो तो दिनभर में कुछ मिनट के लिए ही न्यूज देखें औऱ वह भी सिर्फ विश्वसनीय चैनल, अखबार या न्यूज साइट पर ही।
  • तनाव में कमी और शारीरिक रूप से रिकवरी के लिए मेडिटेशन और योग करें।
  • रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं: .

मानसिक चित्रण - कल्पना करें कि आप किसी ऐसी जगह पर हैं जो आपको बेहद पसंद है। वह आपकी मां का किचन हो सकता है, आपकी पसंदीदा छुट्टी की जगह, फेवरिट लाइब्रेरी आदि। उस जगह के बारे में विस्तार से सोचें- वहां की खुशबू कैसी है, वह जगह कैसी दिखती है। 

खुद को स्थिर करने की कोशिश करें - मौजूदा समय में रहने के लिए अपनी पांचों इंद्रियों को इंगेज करें। आसपास मौजूद उन 5 चीजों की सूची बनाएं जिन्हें आप देख सकते हैं, 4 चीजें जिन्हें आप सुन सकते हैं, 3 चीजें जिन्हें आप छू सकते हैं, 2 चीजें जिन्हें आप महसूस कर सकते हैं और 1 चीज जिसका आप स्वाद ले सकते हैं।

कोविड के बाद सांस फूल रही हो तो क्या करें?

हम जानते हैं कि कोविड-19 सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है क्योंकि कोविड-19 बीमारी के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 वायरस एसीई2 रिसेप्टर्स से खुद को बांध लेता है जो मुख्य रूप से फेफड़ों और रक्त धमनियों में पाया जाता है और उसके अतिरिक्त कुछ दूसरे अंगों में भी। कोविड-19 के गंभीर लक्षणों में से एक है सांस फूलना या सांस लेने में दिक्कत महसूस होना। यह संक्रमण वायु कोष तक पहुंचकर इन्फ्लेमेशन यानी सूजन-जलन की समस्या उत्पन्न कर सकता है और साथ ही फेफड़ों में तरल पदार्थ भी भर सकते हैं (निमोनिया की स्थिति)।

(और पढ़ें - कोविड-19 और निमोनिया के बीच क्या लिंक है)

सांस से जुड़ी कुछ परेशानियां कोविड-19 का इलाज हो जाने के बाद भी रिकवरी फेज में जारी रह सकती हैं। इसका कारण- कोविड-19 की वजह से होने वाला पल्मोनरी इम्बोलिज्म (इसमें फेफड़ों की छोटी छोटी रक्त धमनियों में रूकावट आने लगती है, हाइपरऐक्टिव इम्यून प्रतिक्रिया की वजह से पीछे जो मलबा और खून के थक्के रह जाते हैं उनकी वजह से) और कोविड के बाद कुछ मरीजों में फेफड़ों में होने वाले फाइब्रोसिस की समस्या।

कोविड-19 के बाद सांस फूलने की समस्या को मैनेज करने के लिए इन 2 तरीकों को अपनाएं

  • पहला ब्रीदिंग पोजिशन्स
  • दूसरा ब्रीदिंग एक्सरसाइज

ब्रीदिंग पोजिशन्स ये किसी तरह की मुश्किल पोजिशन नहीं है, इसका मकसद आपको कंफर्टेबल बनाना है और आपकी मदद करना है ताकि आप जितना हो सके उतनी हवाओं को फेफड़ों में भर लें। जब भी आपकी सांस फूलने लगे आप इनमें से किसी भी पोजिशन को ट्राई कर सकते हैं:

  • सीधे बैठें : कुर्सी या सोफे पर आराम से लेकिन पीठ को बिलकुल सीधा करके बैठें। कंधों को रिलैक्स कर लें और अपने हाथों को अपनी गोद में रखें। आंखों को खुला रखें और सामने की तरफ देखें। धीरे-धीरे सांस लें। वायुमार्ग में किसी भी तरह की रुकावट हमेशा सीधे बैठने से दूर हो जाती है। कंधों को रिलैक्स करने से बेचैनी दूर होती है और सांस लेने की प्रक्रिया में भी सुधार होता है।
  • आगे की तरफ झुककर बैठें : कुर्सी में आराम से बैठें और अपने हाथों की कुर्सी के हत्थे पर या अपनी जांघ पर रखें और आगे की तरफ थोड़ा झुकें। अगर सिर घूम रहा हो तो ऐसा न करें। आगे झुकने से फेफड़ों की वेंटिलेशन की क्षमता बेहतर होती है और वे ज्यादा हवा अंदर ले पाते हैं।
  • नीचे सिर रखकर बैठें : अगर आप एक मेज के सामने बैठे हैं, तो अपनी बाहों से तकिया बनाएं और अपना सिर उसपर रखें। एक तरफ देखें- अपने एक गाल को माथे की बजाय बाहों पर रखें। आप अपने गाल के नीचे कुर्सी पर रखा जाने वाला कुशन या तकिया भी रख सकते हैं।
  • पीठ को सपोर्ट देते हुए खड़ा होना : अपनी पीठ को दीवार के साथ टिकाकर खड़े हों। अपने पैरों को दीवार से दूर थोड़ा आगे लाएं। अपने कंधों को आराम देने पर फोकस करें।
  • आगे झुककर खड़े हों : किसी दीवार या खिड़की की चौखट के सामने खड़े हों। थोड़ा आगे की ओर झुकें और अपनी हथेलियों को दीवार पर या अपनी कोहनी को खिड़की की दीवार पर टिकाएं (सुनिश्चित करें कि खिड़की सुरक्षित है और आपके गिरने का कोई खतरा नहीं है)।
  • ऊंचे हिस्से पर लेटना : अपने बिस्तर पर 4-5 नरम तकिया रखें और सिर को इन तकियों पर आराम से रखते हुए एक तरफ करवट लेकर लेट जाएं। यह स्थिति भी सोने के लिए अच्छी है अगर नाक बंद होने या जाम होने की वजह से आपकी रातों की नींद खराब हो रही है।

ब्रीदिंग एक्सरसाइज

जब आप ठीक से सांस नहीं ले पाते हैं तो अनुभव बेहद डरावना हो सकता है। इस बात को पूरी तरह से समझा जा सकता है अगर आपको अस्पताल में रहने के दौरान या घर पर ही बीमार रहते हुए बिस्तर पर रहने की बुरी यादें सताएं। हालांकि, जब आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही हो ऐसे समय में आपका तात्कालिक लक्ष्य सांस को नियमित करना होना चाहिए। घबराएं नहीं और इन एक्सरसाइज में से किसी एक पर ध्यान केंद्रित करें:

पेट से सांस लेना : कुर्सी पर आराम से बैठें। पीठ को सीधा लेकिन कुर्सी के साथ सपोर्ट में रखें। अब एक हाथ को अपने सीने पर और दूसरे को पेट पर रखें। जैसे-जैसे आप नाक से सांस लेते हैं, वैसे-वैसे अपने हाथ को उठते हुए महसूस करें। अपने मुंह से सांस बाहर छोड़ें और अपने पेट पर हाथों को अपने मूल स्थान पर वापस लौटते हुए देखें। आराम से सांस लें। शोध से पता चला है कि जब हम नाक से सांस लेते हैं, तो शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का सुई की तरह प्राकृतिक अंतःक्षेपण होता है। यह फेफड़ों को हर एक सांस के साथ अधिक ऑक्सीजन लेने में मदद करता है।

(और पढ़ें - क्या नाइट्रिक ऑक्साइड से कोरोना वायरस को खत्म किया जा सकता है)

आयत का पता लगाएं : यह एक्सरसाइज आपको एक आसान लय में लाकर सांस को नियमित करने में मदद कर सकती है। अपने कमरे में एक छोटा आयत खोजें: वो चाहे कंप्यूटर का मॉनिटर हो, टीवी स्क्रीन या खिड़की का फ्रेम। सांस लेते वक्त आयत के छोटे हिस्से के एक छोर से दूसरे छोर तक जाते हुए टकटकी लगाए रखें। आयत के लंबे पक्ष की ओर देखते वक्त सांस बाहर छोड़ें। इसे एक या दो मिनट तक तब तक करें जब तक आपकी सांस लयबद्ध न हो जाए।

रफ्तार से सांस लें : सीढ़ियों पर चढ़ने और लंबी दूरी तक चलने की वजह से कोविड-19 से रिकवर हुए कुछ मरीज हांफने लगते हैं। निश्चिंत रहें थोड़ा-थोड़ा करके यह समस्या बेहतर हो जाएगी। सांस लेने की इस लय का पालन करते हुए आप धीरे-धीरे अपने चलने की दूरी और सीढ़ियां बढ़ा सकते हैं:

  • इससे पहले कि आप पहला कदम बढ़ाएं सांस लें।
  • सांस बाहर छोड़ते हुए एक-एक सीढ़ी ऊपर चढ़ें।
  • दोबारा सीढ़ी चढ़ने से पहले आराम करें और सांस लें।

पल्मोनोलॉजिस्ट ने चेतावनी दी है कि सप्लिमेंटल या पूरक ऑक्सीजन इन परिस्थितियों में सांस लेने में मदद नहीं करेगा। ऐसे में ऊपर वर्णित एक्सरसाइज में से किसी एक पर अपना ध्यान केंद्रित करना बेहतर होगा। सांस फूलने की वजह से भी कई बेचैनी महसूस होती है, जिससे सांस लेना और भी मुश्किल हो सकता है। यह आसान नहीं है, लेकिन कोशिश करें और शांत रहें।

इस दौरान ऐसी चीजें खाएं जिससे आपकी मांसपेशियां बनाने, इम्यूनिटी मजबूत बनाने और ऊर्जा को बढ़ाने में मदद मिले। आहार में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स को शामिल करें और सभी फूड ग्रुप से हर चीज जरूर खाएं।

  • साबुत अनाज जैसे- गेंहू, रागी और ओट्स हेल्दी कार्बोहाइड्रेट हैं जो शरीर की ऊर्जा मुख्य स्त्रोत हैं।
  • मीट, मछली, अंडा प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स हैं। पाया सूप या चिकन सूप पीना भी एक अच्छा आइडिया है। अगर आप शाकाहारी हैं तो दाल, फलियां, सोयाबीन, सूखे मेवे और बीज का सेवन करें।
  • अखरोट और बादाम में पाए जाने वाले हेल्दी फैट का सेवन करें। काजू जिंक का अच्छा सोर्स है जिससे इम्यूनिटी मजबूत होती है और फ्लू जैसे लक्षण कम होते हैं।
  • रोजाना एक बार हल्दी वाला दूध पिएं, इससे भी इम्यूनिटी मजबूत होती है और खोयी हुई ताकत वापस मिलती है। सोया मिल्क, टोफू, पनीर आदि भी प्रोटीन का वेजिटेरियन सोर्स हैं।
  • विटामिन और मिनरल्स के लिए रोजाना कम से कम 5 बार अलग-अलग तरह की सब्जियों और फलों का सेवन करें। फलों में प्राकृतिक चीनी जिसे फ्रक्टोज कहते हैं वह पाया जाता है जिसे शरीर आसानी से सोख लेता है, इसलिए फल खाने से ऊर्जा मिलती है। साथ ही अपनी प्लेट में इंद्रधनुष के सभी रंगों को शामिल करने की कोशिश करें। बेरीज से पर्पल, गाजर से लाल, पीली शिमला मिर्च से पीला रंग, मटर से हरा इत्यादि।
  • आप चाहें तो डार्क चॉकलेट का भी सेवन कर सकते हैं जिससे आपका मूड अच्छा होगा और इम्यूनिटी भी।
  • आंतों की सेहत (गट हेल्थ) बनाए रखने के लिए फाइबर और पानी को डायट में शामिल करें।
  • कई लोगों को स्वाद महसूस न होने की समस्या भी हो सकती है या निगलने में दिक्कत की वजह से भूख नहीं लगती। इन दिक्कतों के बावजूद नियमित रूप से खाना जरूरी है। अगर आपको खाना पसंद नहीं आ रहा है तो उसमें थोड़ा सा अचार या जैम मिलाकर स्वाद बढा सकते हैं। अगर निगलने में दिक्कत हो रही है तो खाने को पेस्ट जैसा बना लें या बहुत छोटा-छोटा काटकर खाएं।

(और पढ़ें : कैसी होनी चाहिए कोरोना मरीज की डाइट)

अगर आपने बिस्तर पर कई दिनों या हफ्तों का समय व्यतीत किया है, तो हो सकता है कि आपको शारीरिक रूप से डीकंडिशनिंग महसूस हो रही होगी, इसका अर्थ है कि आपकी मांसपेशियों फिलहाल किसी तरह की गतिविधि के लिए तैयार नहीं हैं। सप्ताह में 5 दिन, 20 से 30 मिनट रोजाना व्यायाम करें जिससे आपको अपनी ताकत वापस पाने और जल्दी ही सांस लेने की प्रक्रिया में भी सुधार करने में मदद मिलेगी। आपकी रिकवरी के इस स्टेज में जो भी संभव हो फिर चाहे खड़े होकर या नीचे बैठकर आप एक्सरसाइज कर सकते हैं। यहां कुछ एक्सरसाइज बताए गए हैं जिनसे आप शुरूआत कर सकते हैं:

  • 5 मिनट के लिए वॉर्मअप करें। कुर्सी पर बैठें। अपने कंधों को ऊपर-नीचे करें, दोनों पैरों के घुटने को ऊपर-नीचे करें, टखनों और कलाईयों को घुमाएं और अगर संभव हो तो एक तरफ से दूसरी तरफ बेंड भी करें।
  • मुख्य वर्कआउट के लिए आप कार्डियो एक्सरसाइज कर सकते हैं, एक ही जगह पर मार्च करें, सीढ़ियों पर एक-एक सीढ़ी चढ़ें और फिर नीचे उतरें या फिर घर के बाहर वॉक करना।
  • इसके अलावा आप दीवार के सहारे पुशअप्स कर सकते हैं, स्क्वॉट्स कर सकते हैं, बाइसेप कर्ल से भी ताकत पाने और मांसपेशियां बनाने में मदद मिल सकती है। हफ्ते में 3 बार इन स्ट्रेन्थ एक्सरसाइज को करें। आप चाहें तो 10 बार दोहराते हुए 3 सेट से शुरुआत करें औऱ फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं।
  • स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के साथ हमेशा वर्कआउट खत्म करें।

एक्सरसाइज से जुड़े ये सिर्फ कुछ सुझाव हैं आप चाहें तो कई अलग-अलग तरह की चीजें कर सकते हैं। मॉर्निंग या इवनिंग वॉक कर सकते हैं, जब आपको महसूस हो कि आप कुछ मिनट के लिए बिना थके चल सकते हैं। याद रखें कि कभी कभार या वर्कआउट के दौरान हांफना या सांस फूलना पूरी तरह से नॉर्मल है। अगर आप थोड़ी बहुत मुश्किल के साथ आराम से बात कर पा रहे हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। लेकिन अगर 2 शब्द बोलते ही सांस फूलने लग जाए तो अपनी रफ्तार धीमी कर दें।

अगर सबकुछ ठीक रहता है तो आपको रोजाना थोड़ी मजबूती और थोड़ी खुशी महसूस होनी चाहिए। हालांकि इस रिकवरी पीरियड के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखें। निम्नलिखित चीजें हो तो इसका मतलब है कि आपको चिकित्सीय मदद की जरूरत है:

  • अगर आप आराम कर रहे हैं और तब भी आपको सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही है और सांस से जुड़ी एक्सरसाइज और पोजिशन्स करने के बाद भी कोई मदद नहीं मिल रही तो आपको अपने डॉक्टर को फोन करना चाहिए।
  • अगर थोड़ी सी गतिविधि करने के बाद तुरंत सांस फूलने लगे और अगले कुछ दिनों में इसमें सुधार नहीं होता है, तो अपने डॉक्टर को फोन करें।
  • अगर आपको फिर से बुखार होता है या अगर आपके शरीर का तापमान बढ़ता है और फिर सामान्य स्थिति में वापस आता रहता है तो अपने डॉक्टर को से बात करें।
  • अगर आपको सीने में दर्द हो किसी तरह का दबाव महसूस हो तो अपने डॉक्टर को बुलाएं।
  • यदि आपकी याददाश्त और फोकस करने की क्षमता में सुधार नहीं होता तो अपने चिकित्सक से जांच करवाएं।
  • अगर आप फिर से भ्रम का अनुभव करते हैं- यानी अगर एक लक्षण की तरह भ्रम विकसित होता है तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।
  • यदि आपको कुछ दिनों से लगातार कोशिश करने के बावजूद अपने दैनिक कामों को करने में मुश्किल हो रही है, तो अपने चिकित्सक से कहें कि वे किसी पेशेवर थेरेपिस्ट का सुझाव दें।
  • यदि आपकी चिंता और मनोदशा अगले कुछ दिनों में सुधरने के बजाय और खराब हो जाती है, तो अपने डॉक्टर या सरकारी हेल्पलाइन (1075) पर कॉल करें।
  • यदि आप कोविड मुक्त घोषित होने के 6 से 8 सप्ताह बाद भी इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से मिलें।

अगर रिकवर हो चुका मरीज 19 साल से कम उम्र का बच्चा है और उसे 24 घंटे से ज्यादा समय के लिए बुखार रहता है या अगर उसमें निम्नलिखित लक्षण दिखते हैं त ब भी डॉक्टर से तुरंत मिलें:

  • नींद से जागने में मुश्किल होना
  • सांस से जुड़ी दिक्कतें
  • भ्रम या कन्फ्यूजन महसूस होना
  • होंठ और चेहने का नीला पड़ना
  • डायरिया
  • उल्टी
  • त्वचा पर चकत्ते
  • आंख लाल होना
  • हाथ और पैर में सूजन
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सच्चाई यही है कि बीमारी का सबसे मुश्किल हिस्सा अब खत्म हो गया है। लेकिन अब आपको धैर्य रखने और अपनी ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाने की जरूरत है और इसके लिए स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करें, व्यायाम करें और सेल्फ-केयर रूटीन फॉलो करें। हर दिन थोड़ा और ज्यादा करने के लिए खुद को प्रेरित करें। थकान, खांसी, सांस फूलना और घबराहट जैसे लक्षणों को इस वक्त मैनेज करना महत्वपूर्ण है। तो अपने शरीर की हर एक बात को ध्यान से सुनें। यदि आपके लक्षण छह से आठ सप्ताह के भीतर ठीक नहीं होते हैं, यदि लक्षण बेहतर होने की बजाए बदतर हो जाते हैं या यदि आप छाती में दर्द या भ्रम जैसे नए लक्षण महसूस करते हैं, तो अपने डॉक्टर से मिलें।

अगर आप 18 से 55 साल के बीच के हैं, तो आपके डॉक्टर द्वारा आपको कोविड-फ्री घोषित किए जाने के 28 दिन बाद अपना ब्लड प्लाज्मा दान करने पर विचार करें। ऐसा करने से आपको एक अच्छे उद्देश्य की पूर्ति और खुशी का अहसास होगा। शोध से पता चलता है कि किसी को कोई चीज देने का जो कार्य है वो हमें बहुत अधिक खुशी देता है। प्लाज्मा डोनेशन सेंटर पर जाने से पहले इस बात का पता जरूर लगा लें कि वे कौन से लोग हैं जो ब्लड प्लाज्मा दे सकते हैं।

(और पढ़ें - कोविड-19 मरीजों को दी जाने वाली प्लाज्मा थेरेपी क्या है)

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 से रिकवर होने वाले मरीज की देखभाल कैसे करें? है

संदर्भ

  1. World Health Organization, Regional Office for Europe [Internet]. [link].
  2. Lundberg J.O., Settergren G., Gelinder S., Lundberg J.M., Alving K., Weitzberg E. Inhalation of nasally derived nitric oxide modulates pulmonary function in humans. Acta Physiologica Scandinavica, 1996; 158(4): 343-347. PMID: 8971255.
  3. Worsham C.M., Banzett R.B., and Schwartzstein R.M. Air hunger and psychological trauma in ventilated patients with COVID-19. An urgent problem. Annals of the American Thoracic Society, 26 May 2020; 17(8). PubMed: 32501114.
  4. World Health Organization [Internet]. Clinical management of COVID-19: interim guidance, 27 May 2020.
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