दुनियाभर में नए कोरोना-वायरस को फैले 6 महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है और करीब 1 करोड़ लोग अब तक इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और करीब 5 लाख लोगों की मौत भी हो चुकी है। बावजूद इसके कोविड-19 के अलक्षणी (asymptomatic) मरीजों की स्थिति अब भी एक पहेली बनी हुई है। चूंकि, अलक्षणी मरीजों में बीमारी के कोई लक्षण नजर नहीं आते, इसलिए उनमें इंफेक्शन को डायग्नोज करना मुश्किल होता है। साथ ही व्यापक शोध की कमी के कारण इस बात पर भी संदेह बना हुआ है कि अलक्षणी मरीजों के सुपरस्प्रेडर्स बनने की अधिक आशंका है या नहीं।

अलक्षणी मरीजों से जुड़ी पहेली
यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO भी अलक्षणी मरीजों को लेकर कन्फ्यूजन में है। एक दिन WHO कहता है कि अलक्षणी मरीजों द्वारा नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 के फैलने का खतरा बेहद कम है तो वहीं अगले ही दिन WHO अपनी इस बात से पलटकर इस बात को स्वीकार करता है कि अलक्षणी मरीजों द्वारा बीमारी को फैलाने की स्पष्ट दर क्या है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह विशिष्ट स्थिति स्वास्थ्यकर्मियों, अलक्षणी मरीजों और वैसे लोग जो कोविड-19 के मरीजों के संपर्क में आ चुके हैं उनके लिए मुश्किलें पैदा करती हैं। खासकर भारत जैसे देश में जहां अलक्षणी मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा, बल्कि सिर्फ होम क्वारंटीन किया जा रहा है।

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भारत में जनसंख्या का घनत्व और सांस्कृतिक मानक कुछ इस तरह के हैं कि यहां पर अधिकांश लोग न केवल अपने जीवन और रहने की जगह को अपने परिवार (जॉइंट या न्यूक्लियर) के साथ शेयर करते हैं, बल्कि अपने पड़ोसियों और समुदायों के साथ भी साझा करते हैं। यह स्थिति कोविड-19 पॉजिटिव मरीज के सही तरीके से क्वारंटीन होने की व्यवस्था को बाधित करती है, क्योंकि ऐसी स्थिति में बाकी लोगों के साथ संपर्क को टाल पाना बेहद मुश्किल होता है। इतना ही नहीं, होटल या क्लिनिक में दिए जा रहे महंगे क्वारंटीन पैकेज को सभी लोग अफोर्ड भी नहीं कर सकते हैं।

यहां हम वैसे अलक्षणी मरीजों की बात कर रहे हैं जो किसी कोविड-19 कंफर्म मरीज के संपर्क में आने के बाद अपना टेस्ट करवाते हैं और वह टेस्ट रिजल्ट पॉजिटिव आता है, लेकिन उस व्यक्ति में अब तक कोई लक्षण दिखने शुरू नहीं हुए हैं। या फिर अगर आपके परिवार में कोई कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया है और आप उसके साथ रहते हैं लेकिन आपमें अब तक कोई लक्षण दिखने शुरू नहीं हुए हैं तो आप भी अलक्षणी मरीज की श्रेणी में आएंगे।

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अलक्षणी मरीजों के लिए दिशा निर्देश
ऐसी स्थिति में अलक्षणी मरीजों के लिए सिर्फ एक ही विकल्प बचता है कि वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें। तब तक जब तक कि आप पूरी तरह से रिकवर न हो जाएं और कोविड-19 टेस्ट रिजल्ट नेगेटिव न आ जाए। इन नियमों का पालन करने से न सिर्फ रिकवरी की प्रक्रिया तेज हो सकती है, बल्कि आप यह भी सुनिश्चित कर पाएंगे कि आपके आसपास मौजूद आपके परिवार वाले सुरक्षित रहें। लिहाजा कोविड-19 के सभी अलक्षणी मरीजों को निम्नलिखित मानकों का पालन करना चाहिए :

1. अकेले रहें : अलक्षणी मरीज के डायग्नोसिस के नतीजे जैसे ही आ जाते हैं या फिर उन्हें अपने बीमार होने को लेकर थोड़ी भी शंका हो तो उन्हें तुरंत अपने आप को परिवार के बाकी सदस्यों से अलग कर लेना चाहिए। बेहद जरूरी है कि आप किसी ऐसे रूम में खुद को क्वारंटीन करें जो हवादार हो और जिसमें क्रॉस वेंटिलेशन की सुविधा हो। अच्छा तो यही रहेगा कि आप इस कमरे में अकेले ही रहें। लेकिन अगर ये संभव न हो तो रूम में रहने वाले बाकी लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखें।

2. मास्क पहनकर रखें : इस बात को सुनिश्चित करें कि परिवार के सभी सदस्यों के पास अगर एन95s मास्क न भी हो तब भी 2 या 3 कॉटन फैब्रिक से बने अच्छे से फिट होने वाले मास्क जरूर हों और सभी लोग इन मास्क को हमेशा पहनकर रखें। आप भले ही घर पर हों, लेकिन आपको एक बेहद संक्रामक बीमारी हुई है लिहाजा आपके साथ-साथ परिवार के बाकी सदस्यों का भी हर वक्त मास्क पहनना जरूरी है। मरीज को मास्क और ग्लव्स दोनों पहनना इसलिए जरूरी है ताकि ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन और सतह से होने वाले ट्रांसमिशन दोनों के खतरे को कम किया जा सके। मरीज का मास्क और ग्लव्स पहनना तब और भी जरूरी हो जाता है जब मरीज के कमरे में कोई व्यक्ति जाए या जब मरीज को कमरे से बाहर जाने की जरूरत हो।

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3. टॉइलेट से जुड़े नियम : इंटरनेशनल जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज में मई 2020 में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया कि मल पदार्थ या स्टूल के जरिए भी कोविड-19 बीमारी फैल सकती है। यही वजह है कि कोविड-19 के मरीज को अलग टॉइलेट का इस्तेमाल करना चाहिए और उसे घर में इस्तेमाल होने वाले ब्लीच से नियमित रूप से साफ करते रहना चाहिए। अगर घर में मरीज के लिए अलग टॉइलेट की व्यवस्था न हो और उन्हें परिवार के सदस्यों के साथ टॉइलेट शेयर करना पड़े तो हर बार टॉइलेट यूज करने के बाद टॉइलट सीट का ढक्कन बंद करने के बाद ही फ्लश करें और हर बार टॉइलेट यूज करने के बाद उसे अच्छे से कीटाणुमुक्त जरूर बनाएं।

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4. घर में अपनी गतिविधियों को सीमित करें : क्वारंटीन का मतलब होता है अलगाव यानी अगर आपको कोविड-19 का संक्रमण हुआ है तो आपको घर में यहां-वहां घूमना नहीं चाहिए या फिर सिर्फ उन्हीं सुविधाओं का इस्तेमाल करना चाहिए जो आमतौर पर आप करते हैं। अपने खाने-पीने के बर्तनों को अलग रखें, उन बर्तनों को और अपने कपड़ों को अलग से धोएं और साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपका खाना, परिवार के बाकी सदस्यों के खाने से अलग बने।

5. साफ-सफाई का ध्यान रखें : हाथों की सफाई का विशेष ध्यान रखें और अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन-पानी से धोते रहें। आपने जिस कमरे में खुद को क्वारंटीन किया हो वहां की सभी वैसी सतहें, जिन्हें बार-बार छूआ जाता है जैसे- दरवाजों के हैंडल, टेबल आदि उन सभी को नियमित रूप से साफ और कीटाणुमुक्त करना भी जरूरी है।

6. देखरेख करने वाले से बात करें : बेहद जरूरी है कि परिवार का कोई एक सदस्य ही सिर्फ मरीज की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके साथ संपर्क में रहे और उसकी देखरेख करे। आपकी देखरेख करने वाले व्यक्ति को आपके साथ, स्टेट हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ और परिवार के बाकी सदस्यों के साथ बातचीत करनी होती है और यही वो सदस्य है जो मरीज के क्वारंटीन रहने के दौरान मरीज और बाकी लोगों के बीच एक तरह से ब्रिज का काम भी करता है। ऐसे में बेहद जरूरी है कि आप अपनी देखरेख करने वाले सदस्य की भी सुरक्षा का ध्यान रखें। इसलिए अपनी सेहत से जुड़ी सच बातें ही उन्हें बताएं और अगर अगर आपको खुद में कोई परेशानी या बदलाव नजर आए तो इस बारे में भी तुरंत सूचित करें।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 के एसिम्टमैटिक मरीज घर में परिवार के बाकी सदस्यों के साथ रहते हुए खुद को ऐसे करें क्वारंटीन है

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