कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में, जब बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी तब ये कहा जा रहा था कि गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क ग्रुप में नहीं हैं और उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा किसी अन्य व्यक्ति की तुलना में बहुत अधिक नहीं है। साथ ही में मां से बच्चे में बीमारी के फैलने यानी वर्टिकल ट्रांसमिशन के सबूत भी बेहद कम थे। हालांकि, अब जब कोविड-19 के बारे में डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को काफी जानकारी हो गई तब से काफी कुछ बदल गया है। 

सामान्य आबादी की तुलना में गर्भवती को कोविड का खतरा 4 गुना अधिक
भारत समेत दुनियाभर में वर्टिकल ट्रांसमिशन यानी गर्भवती महिला से बच्चे तक वायरस फैलने के कई मामले देखे गए हैं। इतना ही नहीं साइंस इम्यूनोलॉजी नाम की पत्रिका में हाल में प्रकाशित एक रिसर्च से यह भी पता चलता है कि गर्भवती महिलाओं को सामान्य आबादी की तुलना में कोविड-19 होने की आशंका 4 गुना अधिक है। अमेरिका के फिलाडेल्फिया में 1200 से अधिक गर्भवती महिलाओं में एंटीबॉडी की उपस्थिति का अध्ययन करके स्टडी के ये नतीजे प्राप्त किए गए थे।

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गर्भवती महिलाओं में खून का थक्का जमने का खतरा
इसके अलावा एक दूसरी स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं ने खुलासा किया है कि कोविड-19 गर्भवती महिलाओं के साथ ही वैसी महिलाएं जो गर्भनिरोधक गोलियों के तौर पर या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के तौर पर ऐस्ट्रोजेन का सेवन कर रही हैं उनमें ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के जमने के खतरे को बढ़ा सकता है। एन्डोक्रिनोलॉजी नाम की पत्रिका में प्रकाशित इस स्टडी में एक्सपर्ट्स का कहना है कि गर्भवती महिलाओं में गैर-गर्भवती महिलाओं की तुलना में कोविड-19 के कारण खून के थक्के बनने का खतरा 5 गुना अधिक है और ऐसा कहा जा रहा है कि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में होने वाले विभिन्न परिवर्तनों के कारण ऐसा होता है।  

कोविड-19 की जटिलताओं में से एक है खून का थक्का बनना
कोविड-19 की विभिन्न जटिलताओं में से एक है- पहले से स्वस्थ लोगों में खून के थक्के का निर्माण होना। ऐस्ट्रोजन, प्रेगनेंसी के दौरान और गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने वाली महिलाओं में खून के थक्कों की संभावना को बढ़ाता है। ऐसे में अगर गर्भवती महिला या इन गोलियों का सेवन करने वाली या थेरेपी लेने वाली महिलाएं कोविड-19 से संक्रमित हो जाएं तो इनमें खून के थक्के जमने का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है। इस कारण उन्हें एंटीकॉग्यूलेशन यानी थक्कानिरोधी या खून को पतला करने वाली थेरेपी से गुजरना पड़ सकता है या अपनी ऐस्ट्रोजन दवाओं को बंद करना पड़ सकता है।

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इस स्टडी के लेखक डैनियल आइ.स्प्रैट कहते हैं, 'कोविड-19 महामारी के दौरान, हमें यह निर्धारित करने के लिए अतिरिक्त शोध करने की जरूरत है कि क्या गर्भावस्था के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाली महिलाओं को खून को पतला करने वाली एंटीकॉग्यूलेशन थेरेपी दी जानी चाहिए या फिर क्या गर्भनिरोधक गोलियां या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने वाली महिलाओं को इसे लेना बंद कर देना चाहिए।' 

समय से पहले प्रसव और मिसकैरेज का भी खतरा
हालांकि अब तक कोविड-19 पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं में मिसकैरेज या समय से पहले प्रसव (प्रीटर्म बर्थ) का एक भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एमइआरएस) के आंकड़ों के आधार पर एक्सपर्ट्स का यही सुझाव है कि ये नया कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 जो कोविड-19 बीमारी के लिए जिम्मेदार है, इन दोनों ही स्थितियों (मिसकैरेज और प्रीटर्म बर्थ) को प्रेरित कर सकता है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 गर्भवती महिलाओं में बन सकता है घातक ब्लड क्लॉट का कारण, समय से पहले प्रसव का भी खतरा है

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