अमेरिकी दवा कंपनी मॉडेर्ना ने कोविड-19 बीमारी के इलाज और रोकथाम को लेकर तैयार की अपनी वैक्सीन एमआरएनए1273 को लेकर बड़ा दावा किया है। कंपनी ने कहा है कि उसकी वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 94.5 प्रतिशत तक प्रभावी है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, मॉडेर्ना ने अंतिम चरण के ट्रायलों के प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर यह दावा किया है। इससे पहले अमेरिका की ही एक और बड़ी दवा निर्माता कंपनी फाइजर ने भी इस तरह के प्रारंभिक परिणामों के आधार पर दावा किया था कि उसके द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन ने नए कोरोना वायरस के खिलाफ 90 प्रतिशत से ज्यादा क्षमता दिखाई है। फिर उसके बाद रूस के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने भी बयान जारी कर कहा था कि उसकी कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक 5 कोविड-19 की रोकथाम में 92 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावी है।

कोविड-19 की संभावित वैक्सीन के रूप में एमआरएनए-1273 को इस समय तीसरे चरण के ट्रायल के तहत 30 हजार से ज्यादा प्रतिभागियों पर आजमाया जा रहा है। मॉडेर्ना ने इसी ट्रायल के प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर वैक्सीन को बीमारी के खिलाफ 94 प्रतिशत से ज्यादा सक्षम बताया है। उसने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि वैक्सीन सभी सिंप्टोमैटिक मरीजों में कोविड-19 की रोकथाम करने में कामयाब रही है। इसके साथ ही, वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित भी साबित हुई है। कंपनी ने कहा है कि उसके ट्रायल में कुछ प्रतिभागियों में मामूली दुष्प्रभाव दिखने के अलावा कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं दिखा है। मॉडेर्ना का कहना है कि इन साइड इफेक्ट में थकान, मांसपेशी में दर्द, जॉइंट पेन, सिरदर्द आदि शामिल हैं, जो थोड़े समय के लिए ही दिखाई दिए थे।

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कंपनी की मानें तो ट्रायल में अब तक केवल पांच मरीजों में वैक्सीन के बाद कोविड-19 से बीमार होने के लक्षण दिखे हैं। इन पांचों को टीके के दो-दो डोज दिए गए थे। अमेरिका के नेशनल इंस्टीस्ट्यूट ऑफ हेल्थ के एक स्वतंत्र डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड ने वैक्सीन ट्रायल की समीक्षा की है। उसने कहा है कि वैक्सीन लेने वाले पांच प्रतिभागियों की तुलना में प्लसीबो ड्रग लेने वाले 90 प्रतिभागियों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दिए हैं। इस आधार पर भी मॉडेर्ना ने वैक्सीन को कोरोना संक्रमण के खिलाफ कारगर बताया है।

अमेरिकी दवा कंपनी की मानें तो उसकी वैक्सीन न सिर्फ हल्के और मध्यम स्तर के कोविड-19 के लिए इफेक्टिव है, बल्कि इसने गंभीर कोविड-19 के खिलाफ भी क्षमता दिखाई है। मॉडेर्ना के मुताबिक, अब तक जितने भी लोगों को वैक्सीन लगाई गई है, उनमें से किसी में भी इस बीमारी के गंभीर होने के लक्षण नहीं दिखे हैं। वहीं, प्लसीबो वाले वॉलन्टियर ग्रुप में 11 लोग गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण से बीमार पड़ चुके हैं। मॉडेर्ना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन बैंसल इन परिणामों को लेकर काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने इसे कोविड-19 के खिलाफ 'गेमचेंजर' तक बताया। मॉडेर्ना के आधिकारिक बयान में उन्होंने कहा, 'मुझे जिस बात ने सबसे ज्यादा उत्साहित किया, वह यह कि वैक्सीन बीमारी के गंभीर होने पर भी कारगर है। मेरे लिए यह गेमचेंजर है।'

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मुताबिक, शुरुआती परिणामों के आधार पर अब मॉडेर्ना भी शीर्ष अमेरिकी ड्रग एजेंसी एफडीए से एमआरएनए1273 के इस्तेमाल के लिए आपातकालीन मंजूरी मांगेगी। इससे पहले फाइजर भी एफडीए से इसी तरह की अनुमति लेने की बात कह चुकी है। इस बारे में मॉडेर्ना का कहना है कि वह 151 प्रतिभागियों में वैक्सीन के प्रभाव और सेफ्टी फॉलोअप से जुड़े डेटा के आधार पर यह इमरजेंसी अप्रूवल दिए जाने का आवेदन करेगी। कंपनी ने कहा कि यह आंकड़े इस महीने के अंत तक जारी किए जा सकते हैं।

फाइजर द्वारा निर्मित कोविड-19 वैक्सीन की तुलना में मॉडेर्ना ने कहा है कि उसके टीके को रेफ्रिजरेटर के स्तर के तापमान में 30 दिनों तक रखा जा सकता है। इससे पहले कंपनी ने वैक्सीन के इसी तापमान में सात दिनों तक बने रहने का दावा किया था। अब उसका दावा है कि टीके को ज्यादा समय तक फ्रिज में रखा जा सकता है। साथ ही उसका यह भी कहना है कि एमआरएनए1273 को फाइजर की बीएनटी162 की तरह फ्रिज में रखते हुए विशेष सुविधाओं की जरूरत नहीं है। हालांकि दोनों ही टीकों को कोरोना वायरस के जेनेटिक मटीरियल की मदद से तैयार किया गया है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें अब मॉडेर्ना ने अपनी वैक्सीन को कोविड-19 के खिलाफ 94 प्रतिशत से ज्यादा सक्षम बताया है

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