केंद्र सरकार ने कोविड-19 की संभावित वैक्सीन के वितरण के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ने वाले बयान से असहमति जताई है। इसी हफ्ते सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने अपने एक बयान में कहा था कि देश में कोविड-19 वैक्सीन को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए सरकार को 80 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। यह कहते हुए उन्होंने सरकार से सवाल किया था कि क्या कोरोना वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए उसके पास यह रकम है। मंगलवार को उनके इस बयान से जुड़े सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि सरकार इस लागत से जुड़ी कैलकुलेशन से सहमत नहीं है।

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क्या कहा था एसआईआई के सीईओ ने?
खबरों के मुताबिक, एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने अपने एक ट्वीट में स्वास्थ्य मंत्रालय का नाम लेते हुए कहा था, 'एक सवाल; क्या सरकार के पास अगले एक वर्ष में 80 हजार करोड़ रुपये होंगे? क्योंकि भारत में हर किसी को वैक्सीन देने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को इतनी रकम की जरूरत होगी। हमें इस अगली चिंताजनक चुनौती से निपटने की जरूरत है।'

वहीं, मंगलवार को पूनावाला के इस ट्वीट से जुड़े सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा, 'हम 80 हजार करोड़ रुपये की गणना से सहमत नहीं हैं। सरकार ने वैक्सीन एक्सपर्ट को लेकर एक राष्ट्रीय समिति गठित की है, जिसकी अब तक पांच बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में हमने कोविड-19 वैक्सीन के वितरण की प्रक्रिया, टीकाकरण के संबंध में जनसंख्या प्राथमिकता और इस प्राथमिकता के आधार पर क्रमबद्ध तरीके से इम्यूनाइजेशन करने पर विचार किया गया है।' राजेश भूषण ने आगे कहा, 'बैठकों में हमने आवश्यक राशि की गणना की है और इस समय यह अमाउंट सरकार के पास उपलब्ध है।'

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए '80 हजार करोड़ रुपये की जरूरत' वाले बयान से स्वास्थ्य मंत्रालय सहमत नहीं है

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