रूस द्वारा निर्मित कोविड-19 वैक्सीन स्पूतनिक 5 एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं। खबर है कि इटली के कई विश्वविद्यालयों समेत अन्य मेडिकल संस्थानों के दो दर्जन से ज्यादा वैज्ञानिकों ने स्पूतनिक 5 के शुरुआती ट्रायल के डेटा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने वाले एक खुले पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पत्र में जानी-मानी मेडिकल पत्रिका दि लांसेट को संबोधित करते हुए कहा गया है कि रूसी वैक्सीन के ट्रायल से जुड़े डेटा में उन्हें ऐसे पैटर्न मिले हैं, जो 'काफी अविश्वसनीय' हैं। बता दें कि दि लांसेट ने हाल में रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित स्पूतनिक 5 के ट्रायल परिणामों की समीक्षा कर उन्हें प्रकाशित किया था और वैक्सीन को 'सक्षम और सुरक्षित' बताया था।

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इन वैज्ञानिकों में से एक ने अपने निजी ब्लॉग पर यह खुला पत्र प्रकाशित किया है। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन के पहले और दूसरे ट्रायल के परिणामों से पता चलता है कि कई प्रतिभागियों ने 'आइडेंटिकल एंटीबॉडी लेवल' की रिपोर्ट की थी। पत्र में कहा गया है, 'सामान्य संभाव्यात्मक मूल्यांकन के आधार पर अलग-अलग प्रयोगों से जुड़े कई डेटा पॉइंट्स को संरक्षित किया जाना काफी अविश्वसनीय है।' हालांकि इन वैज्ञानिकों ने कहा है कि वे ऐसा निष्कर्ष लांसेट में प्रकाशित रूसी ट्रायल के डेटा के संक्षिप्त विवरण के आधार पर दे रहे हैं। उधर, वैक्सीन निर्माता गामालेया इंस्टीट्यूट ने इस आलोचना को खारिज कर दिया है।

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खबर के मुताबिक, इंस्टीट्यूट के उप-निदेशक डेनिस लोगुनोव ने एक बयान जारी कर कहा है, 'प्रकाशित परिणाम विश्वसनीय और सही हैं। दि लांसेट के पांच समीक्षा विशेषज्ञों ने इनकी जांच की है।' डेनिस का दावा है कि गामालेया इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन के ट्रायलों से जुड़ा पूरा रॉ डेटा लांसेट को मुहैया कराया था, जिसके आधर पर उसे सक्षम और सुरक्षित करार दिया गया था। आलोचना करने वाले वैज्ञानिकों पर हमलावर होते हुए संस्थान के उप-निदेशक ने कहा, 'हमने ट्रायल से मिले डेटा पेश किए हैं। इटैलियन विशेषज्ञों को खुश करने के लिए हमने डेटा प्रेजेंट नहीं किए हैं।' समाचार एजेंसी ने बताया है कि प्रतिष्ठित जॉन हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (जेएचबीएसपीएच) के उप-निदेशक नाओर बार-जीव रूसी वैक्सीन के डेटा की समीक्षा करने वाले विशेषज्ञों में शामिल थे। उन्होंने समीक्षा को लेकर उठे सवाले पर अपने विश्लेषण का बचाव किया है।

उन्होंने कहा है, 'विज्ञान को अविश्वास, संदेहवाद और सत्यता के बीच संतुलन रखना चाहिए। (वैक्सीन ट्रायल के) परिणाम विश्वसनीय हैं और एडीवी (एडीनोवायरस) वेक्टर आधारित अन्य उत्पादों (दवा और वैक्सीन प्रॉडक्ट्स) से ज्यादा अलग नहीं हैं।' नाओर ने कहा कि ट्रायल की समीक्षा के लिए वैक्सीन बनाने वाले (रूसी) शोधकर्ताओं ने आवश्यकता से ज्यादा विस्तृत जानकारी मुहैया कराई थी और उनके सवालों के जवाब भी दिए थे। उनके मुताबिक, ये जवाब तथ्यात्मक रूप से समझदारी और आत्मविश्वास के साथ इस तरह दिए गए थे कि उन्हें समझा जा सके। रॉयटर्स को ईमेल के जरिये भेजे जवाब में जेएचबीएसपीएच के एक्सपर्ट ने कहा, 'मुख्य बात यह है कि मुझे परिणामों की वैधता पर संदेह करने का कोई कारण नहीं मिला। मैंने इन्हें पढ़ा और इनकी समीक्षा की। लेकिन हां, एक व्यक्ति सब नहीं जान सकता।' उधर, लांसेट पत्रिका की प्रवक्ता ने अध्ययन से जुड़े अन्य लेखकों को उसकी रिपोर्ट पर उठे सवालों का जवाब देने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि पत्रिका इस मुद्दे और इससे जुड़े पहलुओं पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।

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गौरतलब है कि लांसेट ने रूस द्वारा निर्मित कोविड-19 वैक्सीन 'स्पूतनिक 5' को छोटे मानव परीक्षणों के परिणामों के आधार पर कोरोना वायरस के खिलाफ सक्षम और सुरक्षित बताया था। पत्रिका की मानें तो इन सीमित मानव परीक्षणों (76 प्रतिभागी) में वैक्सीन से प्रतिभागियों के शरीर में कोरोना वायरस को रोकने वाले एंटीबॉडी पैदा हुए और ऐसा होते हुए उनमें कोई भी गंभीर दुष्प्रभाव नहीं दिखे। रिपोर्टों के मुताबिक, पत्रिका ने बताया था कि शुरुआती चरण में नॉन-रैंडमाइज्ड ट्रायलों के दौरान 76 लोगों पर स्पूतनिक 5 वैक्सीन को दो फॉर्मुलेशन के साथ आजमाया गया, जिन्हें 42 दिनों के ऑब्जर्वेशन के दौरान सुरक्षित पाया गया है। इन डोजों से प्रतिभागियों के शरीर में 21 दिनों के अंदर एंटीबॉडी रेस्पॉन्स पैदा होने का दावा किया गया था। इतना ही नहीं, शोधकर्ताओं ने वैक्सीन के प्रभाव में प्रतिभागियों में टी सेल रेस्पॉन्स देखे जाने का भी दावा किया है, जोकि कोरोना संक्रमण के खिलाफ दीर्घकालिक इम्यूनिटी होने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

लांसेट द्वारा वैक्सीन ट्रायल के परिणाम प्रकाशित किए जाने के बाद हाल में रूस ने स्पूतनिक 5 को आम लोगों के लिए रिलीज कर दिया है। हालांकि यहां स्पष्ट कर दें कि पत्रिका ने जिस संख्या में प्रतिभागियों को अध्ययन में शामिल किया, वह वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित और सक्षम साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। मेडिकल जानकारों के मुताबिक, किसी बीमारी के खिलाफ तैयार की गई वैक्सीन को सही मायने में सक्षम और सुरक्षित तब माना जाता है, जब उसे अंतिम ट्रायल के तहत हजारों प्रतिभागियों पर आजमाया जाता है। रूस ने हाल में घोषणा की थी कि वह स्पूतनिक 5 की क्षमता की जांच के लिए इसके अंतिम ट्रायल में 40 हजार लोगों को शामिल करेगा। उसके बाद ही तय होगा कि स्पूतनिक 5 वाकई में सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ कारगर है या नहीं। यहां बताते चलें कि यह अंतिम ट्रायल अगस्त महीने के अंत में लॉन्च किया गया था, जिसके लिए अब तक 31 हजार लोगों को भाग लेने के लिए नामांकित किए जाने का दावा रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से किया गया है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: वैज्ञानिकों ने रूसी वैक्सीन के डेटा पर सवाल उठाए, निर्माता ने किया खारिज, लांसेट पत्रिका ने जवाब देने के लिए समीक्षकों को आमंत्रित किया है

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