भारत सरकार ने कोविड-19 से जुड़े लक्षणों में नए लक्षण शामिल किए हैं। इनमें सूंघने और स्वाद महसूस करने की क्षमता का खत्म होना भी शामिल है। दरअसल, सरकार ने कोविड-19 के इलाज के लिए डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और विशेषज्ञों को एक दस्तावेज बतौर रेफरेंस जारी किया है। इसमें बताया गया है कि सूंघने और स्वाद महसूस करने की क्षमता को खोना भी कोरोना वायरस से होने वाली इस बीमारी के लक्षणों में शामिल हैं। 

कोरोना वायरस के संक्रमण से जुड़ा यह तथ्य हाल में काफी चर्चा में रहा था कि इसके प्रभाव में मरीज अपने सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता खो सकता है। दुनियाभर के डॉक्टरों और मेडिकल विशेषज्ञों के बीच चल रही इस चर्चा के बीच कुछ समय पहले अमेरिका की सरकारी स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी ने इसी तरह के फैसले में स्वास्थ्य से जुड़ी छह स्थितियों को कोविड-19 के लक्षणों में जोड़ा था। इनमें गंध को सूंघने और स्वाद महसूस करने की क्षमता का खोना भी शामिल था। अब लगता है कि भारत सरकार ने भी इस तथ्य को स्वीकार कर लिया है।

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इन दोनों लक्षणों के अलावा 'क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल: कोविड-19' नाम के इस डॉक्युमेंट में नौ और लक्षण शामिल किए गए हैं, जो कि इस प्रकार हैं-

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए डॉक्युटमेंट में कहा गया है कि कोरोना वायरस दो व्यक्तियों के नजदीकी संपर्क के दौरान संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने के दौरान फैल सकता है। ऐसा तब होता है जब संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकलने वाली पानी की सूक्ष्म बूंदें सामने या आसपास खड़े व्यक्तियों तक पहुंचती हैं। इन्हीं बूंदों के जरिये वायरस अन्य लोगों के शरीर में प्रवेश कर सकता है। डॉक्युमेंट कहता है, 'ये सूक्ष्म बूंदे अलग-अलग सतहों पर भी जम सकती हैं, जहां वायरस सक्रिय बना रह सकता है। अगर कोई व्यक्ति उस संक्रमित सतह को छूने के बाद अपनी मुंह, नाक या आंख पर हाथ लगा ले तो वह भी संक्रमण का शिकार हो सकता है।'

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इसके अलावा, दस्तावेज में कोरोना वायरस को 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और पहले से कुछ गैर-संक्रामिक बीमारियों (डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हृदय रोग आदि) से ग्रस्त लोगों के लिए ज्यादा घातक बताया गया है। वहीं, कोविड-19 के इलाज को लेकर सरकार ने कहा है कि फिलहाल इसके खिलाफ कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है, हालांकि वह जांच के तहत कुछ दवाओं-थेरेपी का सीमित इस्तेमाल कर रही है। उसने कहा कि फिलहाल इन दवाओं को कोविड-19 के मरीजों के कुछ विशेष समूहों को ही दिया जाना चाहिए। इन दवाओं या थेरेपी में रेमडेसिवियर, टॉसिलिजुमैब और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के अलावा कॉन्वलेसेंट प्लाज्मा थेरेपी शामिल है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोरोना वायरस: भारत सरकार ने सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता खोने को भी कोविड-19 के लक्षणों में शामिल किया है

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