भारत की जानी-मानी जेनेटिक फार्मास्यूटिकल कंपनी हेटेरो लैब्स ने कोविड-19 के हल्के और सामान्य मरीजों के इलाज के लिए अपनी जेनेटिकल ओरल एंटी-वायरल दवा फेवीवीर के 800 और 200 एमजी टैबलेट पैक को लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने शुक्रवार को ड्रग लॉन्च करते हुए यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 'फेवीवीर 800/200' में 18 टैबलेट होंगी। इनमें फेवीपिरावीर 800 एमजी की 16 टैबलेट और फेवीपिरावीर 200 एमजी की दो टैबलेट होंगी। दवा के पैकेट का मूल्य 2,640 रुपये रखा गया है।

दवा की लॉन्चिंग से जुड़े आधिकारिक बयान में हेटेरो ने कहा है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानी डीसीजीआई ने फेवीपिरावीर 800 एमजी को ज्यादा डोज वाले ड्रग के रूप में स्वीकृति दी है। इसके बाद कंपनी ने कहा है कि डीसीजीआई के अप्रूवल के बाद वह दवा के दोनों वर्जन की मार्केटिंग और डिस्ट्रिब्यूशन करेगी। बयान में हेटेरो ने कहा है, 'फेवीवीर 800/200 को लॉन्च करने का उद्देश्य (कोविड-19 के) मरीजों की दवाओं की संख्या कम करना है, जिन्हें उन्हें प्रतिदिन लेना पड़ता है।'

(और पढ़ें - कोविड-19 के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए यूनानी दवा कंपनी 'हमदर्द' अपनी इन दो दवाओं का ट्रायल करेगी, जानें इनके बारे में)

इसके साथ ही हेटेरो ने कहा है कि उसकी दवा देशभर के रिटेल मेडिकल आउटलेट्स और हॉस्पिटल फार्मेसी में उपलब्ध कराई जाएगी। कंपनी के मुताबिक, दवा को केवल प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर ही बेचा जाएगा। गौरतलब है कि इस साल 29 जुलाई को हेटेरो ने घोषणा करते हुए फेवीपिरावीर दवा के जेनेरिक वर्जन को लॉन्च किया था। कंपनी ने इस वर्जन का नाम 'फेवीवीर' रखा था। उस समय भी हेटेरो ने डीसीजीआई से अप्रूवल लिया था।

दरअसल, जुलाई में हेटेरो ने फेवीपिरावीर के 200 एमजी वाले ड्रग का अप्रूवल लिया था। तब कोरोना वायरस के मरीजों को 14 दिनों तक फेवीपिरावीर 200 एमजी के 122 डोज यानी टैबलेट लेने पड़ते थे। नए पैक के साथ कंपनी ने हाई डोज वाली 16 टैबलेट दी हैं, जिससे मरीजों को 122 की बजाय 32 टैबलेट लेनी होंगी। इसी डोज के लिए उसने डीसीजीआई से एक और अप्रूवल लिया है। इससे कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हल्के और सामान्य मरीजों के लिए यह ड्रग लेने का बोझ 75 प्रतिशत तक कम हो गया है। कहा जा रहा है कि इससे इलाज के बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

(और पढ़ें - कोविड-19: केरल की इस कंपनी ने तैयार किया नया ड्रग, एस्पिरिन से '20 गुना ज्यादा' असरदार होने का दावा, दूसरे चरण के ट्रायल को डीसीजीआई की मंजूरी)

क्या है फेवीपिरावीर?
यह एक एंटीवायरल ड्रग है। बताया जाता है कि जापान में साल 2014 से यह दवा इन्फ्लूएंजा के इलाज के रूप में इस्तेमाल की जा रही है। वहां फूजीफिल्म नामक कंपनी ने फेवीपिरावीर को बनाया था। कोरोना वायरस संकट की शुरुआत के बाद दुनियाभर में जिन ओरल ड्रग्स ने मेडिकल एक्सपर्ट का ध्यान खींचा है, उनमें से एक यह दवा भी है। कई क्लिनिकल ट्रायलों में यह दवा कोरोना वायरस के मरीजों की हालत में सुधार लाने में कारगर साबित हुई है। हालांकि कुछ अध्ययनों में परिणाम मिले-जुले भी बताए जाते हैं। 

बहरहाल, रिपोर्टों के मुताबिक, कोविड-19 के इलाज के लिए फेवीपिरावीर को कोई 18 क्लिनिकल ट्रायलों में आजमाया जा चुका है। इनमें दवा से सकारात्मक परिणाम मिलने का दावा किया जाता है। कोरोना संक्रमण के इलाज में इस दवा के चर्चा में आने के बाद भारत की फार्मा कंपनियों ने फेवीपिरावीर के जेनेटिक वर्जन बनाने की घोषणा की थी। इनमें हैदराबाद स्थित हेटेरो के अलावा मुंबई स्थित ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स भी शामिल है। इस कंपनी ने फेवीपिरावीर के जेनेरिक वर्जन को फेबीफ्लू ब्रैंड से लॉन्च किया था।

(और पढ़ें - कोविड-19: बिल्लियों को कोरोना वायरस से जुड़ी जानलेवा बीमारी से बचाने वाले इस ड्रग में सार्स-सीओवी-2 को रोकने की क्षमता दिखी)


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19: हेटेरो लैब्स ने 800 एमजी की टैबलेट वाला फेवीवीर ड्रग पैक लॉन्च किया, डीसीजीआई ने दी मंजूरी है

ऐप पर पढ़ें