जिन लोगों में कोविड-19 संक्रमण का टेस्ट पॉजिटिव आया है, उनमें से ज्यादातर लोगों में कई अलग-अलग तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं जिसमें लगातार बुखार रहने से लेकर, गले में खराश और दर्द, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के साथ ही सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता का नुकसान शामिल है।

कोविड-19 मरीज में गंध की हानि की आशंका 27 गुना अधिक
ईलाइफ नाम की पत्रिका में प्रकाशित एक पिछली स्टडी में यह बात सामने आयी थी कि कोविड-19 संक्रमण वाले मरीजों में बुखार का अनुभव करने की तुलना में अपनी सूंघने की शक्ति खोने की आशंका 27 गुना अधिक है। लिहाजा गंध लेने की क्षमता खोना, इस संक्रामक बीमारी का एक बेहतर पूर्वसूचक हो सकता है। 

सर्दी-जुकाम और फ्लू में भी सूंघने में होती है दिक्कत
लेकिन अक्सर आपने यह नोटिस किया होगा कि सामान्य सर्दी जुकाम और फ्लू की समस्या में भी लोगों की सूंघने की क्षमता कम हो जाती है या खत्म हो जाती है। तो आखिर कोविड-19 के कारण सूंघने की क्षमता की हानि और सर्दी-जुकाम के कारण गंध लेने की क्षमता में कमी के बीच अंतर कैसे किया जाए?

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विशेषज्ञों ने बताया दोनों में अंतर
19 अगस्त 2020 को राइनोलॉजी नाम की पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च में यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट ऐंगलिया के गंध विकार (स्मेल से जुड़ी बीमारी) के विशेषज्ञों ने दिखाया है कि कोविड-19 संक्रमण में दिखने वाली सूंघने की क्षमता की हानि, ऊपरी श्वसन पथ संक्रमण के दौरान अनुभव की जाने वाली गंध की हानि से अलग कैसे है। 

कोविड-19 के मरीजों में एनोस्मिया
इस बारे में अब तक जितनी भी स्टडी हुई है उसके मुताबिक कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित करीब 34 प्रतिशत से लेकर 98 प्रतिशत लोगों में सूंघने की क्षमता की हानि देखने को मिलती है जिसे चिकित्सीय भाषा में एनोस्मिया कहते हैं। राइनोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित इस नई स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं ने सूंघने और स्वाद लेने की क्षमता का टेस्ट किया और इसके लिए उन्होंने 10 कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों को चुना, 10 ऐसे लोगों को जिन्हें बहुत ज्यादा सर्दी-जुकाम था और नियंत्रित समूह के तहत 10 स्वस्थ लोगों का चयन किया गया। 

अध्ययन के परिणामों से पता चला है कि सूंघने की क्षमता का नुकसान कोविड-19 के मरीजों में अधिक गंभीर समस्या के रूप में दिखा। अपने अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने पाया कि कोविड-19 वाले मरीज न केवल गंध की पहचान करने में असमर्थ थे, बल्कि वे कड़वा और मीठा स्वाद के बीच अंतर भी नहीं कर पा रहे थे। यह समस्या बहुत ज्यादा सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों में मौजूद नहीं थी।

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स्टडी का निष्कर्ष
इस रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला कि बहुत ज्यादा खराब सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों में या तो नाक जाम होने की समस्या होगी या फिर उनका वायुमार्ग बंद होगा। हालांकि, कोविड-19 संक्रमण वाले मरीजों के मामले में, सूंघने की क्षमता का नुकसान शायद इसलिए होता है क्योंकि संक्रमण तंत्रिका तंत्र और घ्राण तंत्रिकाओं (ओलफैक्ट्री नर्व्स) तक पहुंच जाता है। इसलिए व्यक्ति की नाक भरी हुई या जाम नहीं होती लेकिन फिर भी वह सूंघ नहीं पाता।

कोविड-19 के कुछ मरीजों में गंध लेने की क्षमता कभी वापस नहीं आती
बुरी तरह से सर्दी-जुकाम से पीड़ित व्यक्ति को भले ही अपने खाने का स्वाद महसूस न हो लेकिन वह स्ट्रॉन्ग फ्लेवर जैसे मीठे और कड़वे के बीच अंतर अवश्य कर लेगा। वहीं दूसरी तरफ कोविड-19 के मरीज में स्वाद महसूस करने की क्षमता पूरी तरह से खत्म हो जाती है। इस बारे में हुए पिछले अध्ययनों से यह भी पता चला है कि जहां कुछ कोविड-19 मरीजों में 30 दिनों के भीतर सूंघने की क्षमता वापस आ सकती है, वहीं बाकी मरीजों में गंध लेने की क्षमता कभी वापस नहीं आती। वहीं, सर्दी जुकाम और फ्लू के मामले में, आमतौर पर एक सप्ताह के भीतर मरीज की गंध लेने की क्षमता वापस आ जाती है।

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वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं का मानना ​​है कि इस खोज की मदद से, डॉक्टर्स अब सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू वाले मरीजों और कोविड-19 के मरीजों के बीच आसानी से अंतर कर पाएंगे।


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 संक्रमण में सूंघने की क्षमता का नुकसान, सामान्य सर्दी-जुकाम में सूंघने की क्षमता के नुकसान से कैसे है अलग? है

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