वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने की सुविधा जब पहली बार लागू हुई थी उस वक्त बहुत से लोगों के लिए यह किसी वरदान की तरह थी। ड्राइव करके ऑफिस तक जाने की जरूरत नहीं, सड़कों पर घंटों ट्रैफिक जाम में फंसने की जरूरत नहीं, कुछ देर ज्यादा सोने की आजादी और अपने शौक से जुड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए मिलने वाला समय- इन सारी चीजों की वजह से लोगों का उत्साह चरम पर था। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है यह बात स्पष्ट होती जा रही है कि घर से काम करना उतना आसान नहीं है। इसकी वजह ये है कि एक अतिरिक्त चिंता है जिसकी वजह से हद से ज्यादा थकान (fatigue) का लेवल बढ़ रहा है और जिसे बहुत से लोग लगातार महसूस करते हैं और वह है अलग-अलग वर्चुअल प्लैटफॉर्म्स पर मीटिंग में उपस्थित होना या क्लायंट्स के साथ मिलकर काम करना।

आपके मन में भी यह सवाल जरूर होगा कि आखिर क्यों बहुत से लोगों के मन में इस बात को लेकर इतनी ज्यादा चिंता है। हकीकत यही है कि वर्चुअल प्लैटफॉर्म यानी किसी भी ऑनलाइन माध्यम के जरिए जब आप ऑफिस का काम करते हैं तो इस दौरान आपको असाधारण रूप से सतर्क और चौकस रहने की जरूरत होती है। इस दौरान आप जिन लोगों के साथ मीटिंग या काम कर रहे होते हैं उन लोगों से आपको बेहद सीमित अशाब्दिक (नॉन-वर्बल) संकेत मिलते हैं क्योंकि इस दौरान आप उनके बॉडी लैंग्वेज को पूरी तरह से देख नहीं पाते। नतीजतन, आपको इस बात पर फोकस करने में मुश्किल आती है कि आप जो विवरण या सूचनाएं शेयर कर रहे हैं उस पर सामने वाले लोग कैसी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। 

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इसके अलावा बहुत से लोगों को इस वर्चुअल या ऑनलाइन माध्यम के जरिए काम करने में अलगाव की भावना भी महसूस होती है जिस वजह से उन्हें उदासीनता महसूस होती है या फिर ऐसा लगता है मानो वे उसके साथ इंगेज नहीं हैं। चूंकि काम से जुड़ी ये मीटिंग्स या संवाद बेहद जरूरी हैं ऐसे में अतिरिक्त कोशिश करनी चाहिए ताकि इसमें सभी लोगों का फोकस, ध्यान और सावधानी बनी रहे। 

ऊपर बताए गए इन कारणों की वजह से एक और जरूरी बात सामने आयी है जिस पर ध्यान देने और विचार करने की जरूरत है और वह है- इन वर्चुअल या ऑनलाइन मीटिंग से जुड़ी थकान (fatigue)। इसे दूर करना बेहद जरूरी है वरना इसका असर काम करने वाले व्यक्ति की उत्पादकता (प्रॉडक्टिविटी) पर पड़ता है, मूड पर पड़ता है। साथ ही इसकी वजह से प्रफेशनल और पर्सनल रिश्तों में तनाव और दूरियां भी आ सकती हैं। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे सुझाव दे रहे हैं जिसकी मदद से आप इन वर्चुअल मीटिंग से जुड़ी थकान को आसानी से दूर कर पाएंगे:

1. धीरे से शुरुआत करें और फिर अपनी गति बनाएं
इसकी शुरुआत उसी समय से हो जाती है जब आप सोकर उठते हैं। इसका मतलब है कि आपके पास सोकर उठने के बाद इतना समय तो जरूर होना चाहिए कि आप अपने सुबह के सभी कामों को बिना हड़बड़ी के कर पाएं और फिर आराम से खुद को अपने आज दिन के काम के लिए तैयार कर लें। जब आप काम करने के लिए बैठें तो कम से कम 15 मिनट का समय हाथ में जरूर रखें ताकि आप अपनी सभी चीजों को सही क्रम से रख पाएं, मीटिंग से पहले की जरूरी तैयारियां कर लें और उसके बाद मीटिंग या जो भी काम आपको करना है, उसके साथ अपने दिन की शुरुआत करें।

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2. आपकी ध्यान अवधि कितनी संकीर्ण है इसके हिसाब से ही मीटिंग प्लान करें
हो सकता है कि आम दिनों में जब आप ऑफिस से काम करते हैं उस वक्त आपके काम का जो दृष्टिकोण होता है आप उससे अब तक हटे नहीं हैं और उसी हिसाब से काम कर रहे हैं और बैक-टू-बैक लगातार मीटिंग प्लान कर रहे हैं। लेकिन काम करने का यह अप्रोच सही नहीं है। इस वक्त जब आप घर से काम कर रहे हैं, इस दौरान अपनी ध्यान अवधि (अटेंशन स्पैन) के संकीर्ण होने का संज्ञान लें और वर्चुअल मीटिंग की वजह से होने वाले थकान को ध्यान में रखते हुए ही मीटिंग प्लान करें।

3. गतिशीलता बनाए रखना है जरूरी
ऑफिस में काम करते हुए जिस तरह से आप आम दिनों में इधर-उधर उठकर घूमा करते थे, उसी तरह अभी भी घर से काम करने के दौरान एक ही जगह पर बैठे रहने के बजाए, थोड़ी देर के लिए अपनी जगह से उठें और इधर-उधर घूमें। चूंकि आपका काम इस वक्त सिर्फ एक ही गैजेट से हो रहा है इस वजह से कई बार आपको इस बात का एहसास भी नहीं होता कि आप एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रह जाते हैं और इस वजह से भी आपको हद से ज्यादा थकान महसूस होने लगती है। इसलिए काम के बीच में छोटा सा मेंटल ब्रेक लें, घर में इधर-उधर घूमें, 1 गिलास पानी पी लें, दूसरे कमरे में घर के बाकी सदस्य क्या कर रहे हैं इस पर एक नजर डालें या फिर घर की खिड़की या बालकनी से कुछ देर के लिए बाहर देख लें।

4. जहां तक संभव हो अपने काम (टास्क) को मिक्स-अप कर लें
हर दिन एक जैसी कार्यकुशलता और संज्ञानात्मक क्रियाओं का इस्तेमाल करना कहीं ज्यादा थकाने वाला अनुभव हो सकता है। लिहाजा बेहद जरूरी है कि आप अपने मस्तिष्क के अलग-अलग हिस्सों का इस्तेमाल करते रहें और इसके लिए जहां तक संभव हो आपको जो काम करना है उससे जुड़े टास्क को मिक्स-अप कर लें। आप अपने काम में जितनी ज्यादा भिन्नता (वरायटी) ला पाएंगे आपका काम उतनी ही अच्छी तरीके से होगा और आपको थकान भी बेहद कम महसूस होगी।

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5. काम के बीच में कुछ हंसी-मजाक भी जरूरी है
बहुत सी मीटिंग्स बेहद गंभीर तरीके से शुरू होती हैं और इस दौरान ऐसे कई मुद्दों पर चर्चा होती है जिनका भविष्य के लिए काफी महत्व होता है। हालांकि इस दौरान हंसी-मजाक के उन पलों को न भूलें जो हमेशा से एक टीम में साथ काम करने के दौरान होता है। टीम के साथ हो रही कॉल के दौरान हल्के-फुल्के क्षणों को भी इंजॉय करें और सभी लोग साथ में ठीक उसी तरह से हंसी मजाक करें जैसे कि आप ऑफिस में रहते हुए करते। अगर आप टीम को लीड कर रहे हैं या मैनेज कर रहे हैं तो आपके लिए यह रोल और भी अहम हो जाता है।

6. काम से जुड़े दिन को खत्म करने से पहले अगले दिन की कुछ प्लानिंग कर लें
यह ऐसा काम नहीं है कि जिसे आप आम दिनों में ऑफिस में रहते हुए करते होंगे। लेकिन यह एक ऐसी योग्यता है जो खासकर इस वक्त जब आप घर से काम कर रहे हैं आपके बहुत काम आ सकती है। अपने दिन के खत्म होते-होते कुछ समय निकालकर अगले दिन आप क्या काम करने वाले हैं इसकी भी कुछ प्लानिंग कर लें। ऐसा करने से आपको अपने अगले दिन के रूटीन को प्लान करने में मदद मिलेगी और ऑनलाइन मीटिंग के बीच कुछ गैप भी मिल जाएगा। इसका मतलब है कि आपको यह विचार करना है कि आपने अपना आज का दिन कैसे बिताया, कौन का काम बचा हुआ है और साथ ही आपने ऐसा क्या काम किया जिससे आपका आज का दिन अच्छा रहा।

7. समय सीमा को बनाए रखना है जरूरी
चूंकि आप इस वक्त घर से काम कर रहे हैं और अपने काम से जुड़ी सभी चीजों को कभी भी और किसी भी वक्त एक्सेस कर सकते हैं इसका मतलब ये नहीं कि आप अपनी समय सीमा का ध्यान न रखें। अपने काम के घंटों के प्रति वफादार बने रहें, हालांकि थोड़ा बहुत समय ऊपर नीचे होना चलता है। बावजूद इसके आप अपने दिन की शुरुआत कितने बजे कर रहे हैं और दिन को खत्म कितने बजे कर रहे हैं, इसे हर दिन एक जैसा ही रखें। इससे आपको अपने रूटीन का पूर्वानुमान करने में काफी मदद मिलेगी। साथ ही इससे आपको दिन खत्म होते-होते बहुत ज्यादा थकान भी महसूस नहीं होगी।

ये सभी कदम आपके वर्क लाइफ से जुड़े एक पहलू की ओर ध्यान देते हैं। ऐसे में अगर आप इन स्टेप्स को फॉलो करेंगे तो घर से काम करने के दौरान आपका दिन कैसा गुजर रहा है इसमें आपको संतुलन का अनुभव होगा और साथ ही आपके काम से जुड़ी थकान में भी कमी देखने को मिलेगी।

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