भारत ने प्रतिदिन दस लाख कोविड-19 टेस्ट करने की क्षमता हासिल कर ली है। शुक्रवार को देशभर में दस लाख से ज्यादा टेस्ट कर उसने यह लक्ष्य पूरा कर लिया। इतना ही नहीं, टेस्टों की संख्या के मामले में उसने रूस को भी पीछे छोड़ दिया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर द्वारा जारी की गई ताजा अपडेट के मुताबिक, बीते 24 घंटों में देशभर में दस लाख 23 हजार 836 कोविड-19 टेस्ट किए गए हैं। इससे कोरोना वायरस के मरीजों की पहचान करने के लिए अब तक किए गए परीक्षणों की कुल संख्या तीन करोड़ 44 लाख 91 हजार 73 हो गई है। यह आंकड़ा रूस में हुए तीन करोड़ 38 लाख टेस्टों से ज्यादा है।

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भारत सरकार ने बीते महीने कहा था कि वह देश की टेस्टिंग क्षमता को जल्दी से जल्दी प्रतिदिन दस लाख तक करना चाहती है। उस समय विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में कहा गया था कि भारत की कोविड परीक्षण क्षमता में इजाफा हुआ है, लेकिन दस लाख टेस्ट की क्षमता हासिल करना एक मुश्किल काम है। लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि भारत ने करीब एक महीने में यह क्षमता प्राप्त कर ली है। इसके लिए देशभर में अब तक 1,511 प्रयोगशालाओं को स्थापित किया गया है। इनमें 983 सरकारी हैं, जबकि 528 लैब प्राइवेट हैं।

आंकड़े बताते हैं कि अब केवल चीन और अमेरिका ही टेस्टिंग के मामले में भारत से आगे हैं। 143 करोड़ की आबादी वाले चीन ने अब तक नौ करोड़ चार लाख से ज्यादा टेस्ट किए हैं। ज्यादा आबादी होने के चलते इतने ज्यादा टेस्ट करने के बावजूद वहां प्रति दस लाख की आबादी पर 62 हजार टेस्ट हो पाए हैं। वहीं, 33 करोड़ की जनसंख्या वाला अमेरिका इतनी ही आबादी पर सवा दो लाख से ज्यादा टेस्ट कर पा रहा है। वहां अब तक सात करोड़ 47 लाख से ज्यादा कोविड-19 परीक्षण किए जा चुके हैं। भारत की बात करें तो चीन की तरह आबादी ज्यादा होने के कारण यहां भी प्रति दस लाख की जनसंख्या पर करीब 25 हजार टेस्ट हो पा रहे हैं, जबकि भारत के आसपास ही टेस्ट करने वाले रूस ने प्रति दस लाख लोगों पर दो लाख 31 हजार टेस्ट किए हैं।

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हालांकि भारत के टेस्टिंग आंकड़ों में लगातार हुए सुधार से इनकार नहीं किया जा सकता। देश के कई राज्य लाखों की संख्या में टेस्ट कर हजारों से लेकर लाखों कोरोना वायरस के मरीजों की पहचान कर चुके हैं। परीक्षणों की संख्या के मामले में जहां उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य आगे हैं तो आबादी के लिहाज से टेस्ट करने के मामले में गुजरात, बिहार और राजस्थान जैसे बड़े राज्य दिल्ली और असम जैसे छोटे राज्यों से पिछड़ गए हैं। नीचे दी गई सूची में कुछ राज्यों में हुई टेस्टिंग से जुड़े आंकड़े दिए गए हैं। इनसे आप जान सकते हैं कि कौन से राज्य इस समय सबसे ज्यादा टेस्ट कर रहे हैं। साथ ही, यह भी पता चलता है कि आबादी के लिहाज से दिल्ली और असम जैसे छोटे राज्यों ने बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है।

राज्य जनसंख्या कुल टेस्ट प्रतिशत टेस्ट प्रति दस लाख
उत्तर प्रदेश 22,49,79,000 42,94,980 1.90% 19,090
तमिलनाडु 7,56,95,000 40,62,943 5.36% 53,675
महाराष्ट्र 12,21,53,000 34,98,166 2.86% 28,637
आंध्र प्रदेश 5,22,21,000 31,29,857 6% 59,934
कर्नाटक 6,57,98,000 23,14,485 3.51% 35,175
बिहार 11,95,20,000 22,28,516 1.86% 18,645
राजस्थान 7,72,64,000 20,62,109 2.66% 26,689
असम 3,42,93,000 19,30,764 5.63% 56,302
गुजरात 6,79,36,000 16,20,067 2.38% 23,847
दिल्ली 1,98,14,000 13,92,928 7% 70,300

 


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