आगामी सर्दी और त्योहारी सीजन ने केंद्र सरकार और उसके पॉलिसी थिंक टैंक नीति आयोग की चिंता बढ़ाई हुई है। मंगलवार को नीति आयोग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सर्दी और त्योहारों में भारत में कोविड-19 की 'दूसरी लहर' आने का खतरा है। नीति आयोग के सदस्य और नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने बीते दिन हुई प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि भारत में कोविड-19 की एक और लहर देखने को मिलेगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस बार की संभावित लहर में मृत्यु दर पहले के मुकाबले कम रहेगी, क्योंकि अब देश का स्वास्थ्यगत ढांचा इस संकट से लड़ने के लिए तैयार है।

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, डॉ. वीके पॉल ने कहा है, 'इस रेस्पिरेटरी वायरस का स्वभाव देखते हुए और यूरोप तथा अमेरिका में मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर, हम अनुमान लगा सकते हैं कि (भारत में भी) कोविड-19 के मामलों में वृद्धि होगी। रेस्पिरेटरी वायरस की प्रवृत्ति ऐसी होती है कि यह सर्दियों में बढ़ता है। चूंकि सार्स-सीओवी-2 एक रेस्पिरेटरी वायरस है, लिहाजा हमारा अनुमान है कि सर्दी के दौरान इसके संक्रमण में बढ़ोतरी होगी। इन्फ्लूएंजा वायरस के चलते देखने में आई महामारियों के अध्ययनों से पता चलता है कि ठंड के मौसम में मामले पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ते हैं।'

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डॉ. पॉल ने कहा कि इस खतरे को देखते हुए और ज्यादा सावधानियां बरतने की जरूरत है और त्योहारों के दौरान लोगों को इकट्ठा होने से बचना चाहिए, वर्ना इससे सुपरस्प्रेडर के मामले बढ़ सकते हैं। यह कहते हुए नीति आयोग के सदस्य ने कहा, 'अब यह साफ हो चुका है कि कोविड-19 के मरीजों में वायरस शेडिंग (बॉडी में वायरस का फैलना) लक्षण दिखने से दो-तीन दिन पहले शुरू होती है। ऐसे निर्दोष मरीजों को अपने स्वास्थ्य स्टेटस का नहीं पता होता। हालांकि, उनकी यह अज्ञानता खतरनाक हो सकती है, अगर वे किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर जाते हैं या बुलाए जाते हैं। संक्रमित व्यक्ति बीमारी को कई लोगों तक पहुंचा सकता है और फिर एक चेन बनती चली जाएगी।'

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समाचार एजेंसी आईएएनएस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकल विशेषज्ञ भी आने वाले दिनों को लेकर चिंतित हैं। उन्हें भी लगता है कि सर्दी में कोरोना वायरस के मामले बढ़ सकते हैं। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सेंटर फॉर कंट्रोल क्रॉनिक कंडीशंस के निदेशक डॉ. प्रभाकरण दोरायराज कहते हैं, 'सभी संक्रामक बीमारियां सर्दियों में बढ़ती हैं। ज्यादातर मामलों में वायरस तापमान बढ़ने पर मर जाते हैं। लेकिन कम तापमान में वे तेजी से बढ़ते हैं। सार्स-सीओवी-2 तो गर्मी में भी फैला है। वहींं, कई देशों में सर्दी शुरू होने के साथ ही वायरस के फिर से फैलने के सबूत मिले हैं, ऐसे में भारत में भी दूसरी लहर आने का अनुमान लगाया जा सकता है।'


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें सर्दी और त्योहारों के चलते भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर आने का खतरा: नीति आयोग है

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