कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 का जिक्र होते ही इसके लक्षण दिमाग में आने लगते हैं। इनमें बुखार, खांसी और सांस में कमी जैसे लक्षण सबसे पहले याद आते हैं। लेकिन करीब 26 लाख लोगों के जरिये किया गया एक अध्ययन कहता है कि सूंघने और स्वाद की क्षमता का खत्म हो जाना भी कोविड-19 के सबसे प्रमुख लक्षणों के रूप में सामने आए हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिक इन दोनों लक्षणों को कोविड-19 से जुड़ी गाइडलाइंस में शामिल करने की बात कहते रहे हैं।

कैसे किया गया शोध?
अमेरिका के शीर्ष अस्पतालों में से एक मैसच्युसेट्स जनरल हॉस्पिटल (एमजीएच) और लंदन स्थित किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 से जुड़ी आधी-अधूरी जानकारियों को पूरा करने के लिए एक अलग तरीका अपनाया। उन्होंने एक हेल्थ साइंस कंपनी द्वारा तैयार किए गए स्मार्टफोन एप्लिकेशन को अपने अध्ययन का हिस्सा बनाया और उसकी मदद से लाखों लोगों का ऑनलाइन सर्वे किया। एप इस्तेमाल करने वालों से उनके डेमोग्राफिक और हेल्थ बैकग्राउंड की जानकारी नियमित रूप से ली गई। इस दौरान उनसे उनके मौजूदा स्वास्थ्य के बारे में पूछा जाता। अगर वे कहते कि वे ठीक हैं तो दैनिक सर्वे खत्म हो जाता। वहीं, अगर वे किसी तरह की शारीरिक समस्या की बात करते तो उनसे समस्या से जुड़े लक्षणों के बारे में सवाल किए जाते।

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अध्ययन के तहत शोधकर्ताओं ने करीब 18 हजार प्रतिभागियों से जुड़ा डेटा इस्तेमाल किया। इन सभी का कोविड-19 टेस्ट हुआ था। शोधकर्ताओं ने जानने की कोशिश की कि टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए मरीजों में से किसने कोरोना वायरस के से जुड़े कौन से लक्षण सबसे ज्यादा महसूस किए। 'नेचर' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, ज्यादातर मरीजों ने कहा कि उन्हें सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी की शिकायत हुई थी। ऐसा कहने वाले मरीजों की संख्या 65 प्रतिशत थी।

फिर इसी मॉडल को आठ लाख से ज्यादा प्रतिभागियों पर अप्लाई किया गया। इन लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट नहीं हुआ था। फिर भी यह पता चला कि उनमें से करीब 40,000 संभावित रूप से कोरोना वायरस से संक्रमित थे। हालांकि शोधकर्ताओं का कहना है कि एप के जरिये लोगों ने खुद ही अध्ययन का हिस्सा बनने का फैसला किया और वे संभवतः आम जनसंख्या का प्रतिनिधित्व भी नहीं करते हैं। वहीं, अध्ययन से यह भी पता नहीं चल सका कि उनकी (संभावित संक्रमित प्रतिभागी) बीमारी के दौरान सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी की स्थिति कब आई। लेकिन साथ ही यह भी कहा गया है कि नए परिणाम सामने आने के साथ तस्वीर साफ होती जाएगी।

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एप्लिकेशन की मदद से कोविड-19 के प्रमुख लक्षणों से जुड़ी जानकारी की कमियों का तो पता चला ही, साथ ही यह भी पाया गया कि स्मार्टफोन एप की मदद से इकट्ठा किया जाने वाला डेटा कैसे किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद कर सकता है। एमजीएच में क्लिनिकल एंड ट्रांजेश्नल एपिडेमियॉलजी के प्रमुख और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रोफेसर एंड्रयू चैन का इस बारे में कहना है, 'यह तो स्पष्ट है कि हम कोविड-19 के बारे में बहुत कम जानते हैं। इसलिए हमें बीमारी को समझते हुए इससे जुड़ी जानकारी की कमियों को पूरा करना है। जैसे कौन संक्रमित हो सकता है, कोविड-19 के चलते लोगों में कौन से लक्षण पैदा होते हैं और किस देश में कहां कितने लोग बीमार पड़ रहे हैं।'

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें क्या सूंघने और स्वाद महसूस करने की क्षमता के खत्म होने को कोविड-19 के प्रमुख लक्षणों में गिना जाना चाहिए? जानें इस बारे में क्या कहते हैं शोधकर्ता है

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