विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO भले ही इस बात को लंबे समय से कहता आ रहा हो कि नए कोरोना वायरस सार्स-सीओवी-2 से होने वाली बीमारी कोविड-19 मच्छरों के काटने से या मच्छरों के जरिए नहीं फैलती, लेकिन इस बात के अब तक कोई पुख्ता सबूत या जानकारी मौजूद नहीं थी। लेकिन अब अमेरिका के कैनसस स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस बात के पुख्ता सबूत जुटा लिए हैं कि नया कोरोना वायरस मच्छरों के जरिए नहीं फैलता। कैनसस के अनुसंधानकर्ताओं की इस स्टडी को नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स नाम के जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
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शोधकर्ताओं को मिले पुख्ता सबूत
वैसे तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जब कोविड-19 को महामारी घोषित किया था तब से भी वह यह बात कहता आ रहा है कि नया कोरोना वायरस मच्छरों के जरिए नहीं फैलता, लेकिन उसके पास इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं थे। WHO के मिथ बस्टर्स पेज पर अब भी यही बात लिखी हुई है कि, 'अब तक इस बारे में कोई जानकारी या सबूत मौजूद नहीं हैं जो इस बात सुझाव दें कि 2019 नया कोरोना वायरस मच्छरों द्वारा संचारित हो सकता है।' लेकिन अब कैनसस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के पास इस बात के सबूत मौजूद हैं।
इस रिसर्च के को-ऑथर स्टीफन हिग्स कहते हैं, 'यहां हम पहला प्रयोगात्मक डेटा प्रदान कर रहे हैं जिसमें यह जांच की गई कि सार्स-सीओवी-2 वायरस की मच्छरों को संक्रमित करने और मच्छरों द्वारा संचारित होने की क्षमता क्या और कितनी है। भले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही ये कहा हो कि मच्छर नए कोरोना वायरस को नहीं फैला सकता, हमारा यह अध्ययन इस सिद्धांत को साबित करने वाला और इसका समर्थन करने वाले निर्णायक डेटा को प्रदान करने वाला पहला अध्ययन है।'
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मच्छरों में अपनी प्रतिकृति बनाने में असमर्थ है नया कोरोना वायरस
कैनसस यूनिवर्सिटी के बायोसिक्योरिटी रिसर्च इंस्टिट्यूट में हुए इस अध्ययन के मुताबिक, मच्छरों की तीन आम और सबसे व्यापक रूप से वितरित प्रजातियों- एडीज एजिप्टी, एडीस एल्बोपिक्टस और क्यूलेक्स क्विनक्यूफैसिटस में नया कोरोना वायरस खुद को दोहराने यानी अपनी प्रतिकृति बनाने में असमर्थ है- और इसलिए इसे मनुष्यों में प्रेषित (ट्रांसमिट) नहीं किया जा सकता।
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस को नहीं फैला सकता मच्छर
अध्ययन के दौरान 277 कीड़ों में सार्स-सीओवी-2 वायरस का टीका लगाया गया, लेकिन शोधकर्ता इन कीड़ों और मच्छरों में वायरस की प्रतिकृति का पता लगाने में असमर्थ थे। ऐसे में अध्ययन के अनुसार, यह निष्कर्ष निकाला गया कि मच्छरों की आबादी, भले ही कोविड-19 बीमारी की मेजबानी करने में सक्षम हो लेकिन यह बीमारी को फैलाने में सक्षम नहीं है विशेष रूप से मनुष्यों में। साधारण शब्दों में समझें तो इसका मतलब ये हुआ कि अगर मच्छर उन लोगों का खून भी पी ले, जिनके शरीर में कोविड-19 का संक्रमण है, तब भी यह मच्छर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इस बीमारी को फैला नहीं सकता।
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