पंजाब में विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही वहां के 23 विधायक और मंत्री कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। खबरों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बुधवार को इन नेताओं की कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जबकि दो दिन बाद ही पंजाब का विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है। राज्य के विधायकों और मंत्रियों के संक्रमित पाए जाने पर सीएम अमरिंदर सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, 'अगर विधायकों और मंत्रियों का यह हाल है तो कोई भी यह कल्पना कर सकता है कि जमीनी स्तर पर स्थिति क्या होगी। हालात ऐसे नहीं हैं कि परीक्षाएं आयोजित की जा सकें।' सीएम अमरिंदर ने कोरोना वायरस संकट के बीच परीक्षाओं के आयोजन को लेकर छिड़ी बहस के मद्देनजर यह बात कही है।

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उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी आज मुख्यमंत्रियों की ऑनलाइन बैठक में यह सुझाव दिया कि कोविड-19 महामारी के बीच परीक्षाएं आयोजिन कराने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ राज्यों को फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। इस बैठक के बाद अमरिंदर सिंह ने पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को निर्देश दिया कि वे अन्य राज्यों के अपने समकक्षों के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट में एक रिव्यू पिटिशन दायर करें, जिसमें जेईई और एनईईटी या नीट परीक्षाओं को स्थगित करने की अपील की जाए। अमरिंदर ने कहा, 'परीक्षाएं स्थगित करने के लिए हमें एक साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए, जो लाखों छात्रों के जीवन के लिए खतरा बन गई हैं।' यह बात कहते हुए अमरिंदर ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया में ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत में भी जेईई और नीट के अलावा अन्य पेशेवर परीक्षाएं ऑनलाइन ली जानी चाहिए।

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गौरतलब है कि पंजाब में कोरोना वायरस हाल के दिनों में ज्यादा तेजी से फैला है। यह रिपोर्ट लिखे जाने तक यहां कोविड-19 के 44 हजार 577 मामले सामने आ चुके थे। इनमें से 1,178 मामलों से जुड़े मरीजों की मौत हो गई है। एक समय पंजाब उन राज्यों में शामिल था, जहां कोरोना वायरस से प्रतिदिन होने वाली मौतों की संख्या सबसे कम होती थी। लेकिन अब यहां रोजाना दर्जनों लोगों की मौत हो रही है। मंगलवार की ही बात करें तो इस दिन पंजाब में लगभग 50 लोग कोरोना संक्रमण से मारे गए हैं। राज्य में कोविड-19 की मृत्यु दर 2.6 प्रतिशत हो गई है। वहीं, रिकवरी रेट 65 प्रतिशत है, जो कभी 75 प्रतिशत के आसपास था।

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