दुनियाभर के चिकित्सा वैज्ञानिक और विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 महामारी को रोकने का सबसे कारगर तरीका यह है कि इसके संक्रमण के विस्तार का पता लगाया जाए, जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने की जरूरत है। यही कारण है कि कई देशों की सरकारें जल्दी-जल्दी परीक्षण कर कारगर और सस्ते टेस्ट तैयार करने में लगी हुई हैं। फिलहाल आरटी-पीसीआर टेस्ट को कोविड-19 की पहचान करने का सबसे कारगर तरीका माना जा रहा है। हालांकि, कुछ दिनों पहले रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट ने काफी ज्यादा चर्चा बटोरी थी। लेकिन इनके परिणामों की सटीकता पर कई सवाल उठ चुके हैं। उसके बाद से अन्य प्रकार की तकनीकों से बने एंटीबॉडी टेस्ट सामने आ चुके हैं। इस सिलसिले में अब एक नया टेस्ट सामने आया है, जो रक्त या नाक अथवा गले के स्वैब के बजाए लार (सलाइवा) की जांच कर शरीर में कोरोना वायरस का पता लगाएगा।

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अमेरिका में निर्मित इस सलाइवा टेस्ट को वहां की ड्रग एजेंसी 'फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन' की मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद कंपनियों में इसे बनाने की जबर्दस्त होड़ देखने को मिल रही है। कहा जा रहा है कि इस टेस्ट की मदद से लोग घर बैठे कोरोना वायरस की जांच कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सलाइवा टेस्ट किट की मदद से अपनी लार का सैंपल लैब को भेजना होगा, जिसका परिणाम कुछ दिनों बाद व्यक्ति को भेज दिया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, न्यूजर्सी स्थित रटगर्स यूनिवर्सिटी की एक शाखा आरयूसीडीआर इन्फाइनाइट बायोलॉजिक्स ने इस टेस्ट को तैयार किया है, जिसे बीती सात मई को एफडीए ने आपातकालीन मंजूरी दे दी। बताया जा रहा है कि कोविड-19 की पुष्टि करने के मामले में यह टेस्ट अन्य प्रकार के परीक्षणों से ज्यादा विश्वसनीय है, क्योंकि स्वैब टेस्ट में फॉल्स नेगेटिव (गलत परिणाम) के कई मामले सामने आ चुके हैं।

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कैसे होगा टेस्ट?
सलाइवा टेस्ट किट में एक छोटा सा कंटेनर के आकार का डिब्बा होगा, जिसमें एक विशेष प्रकार का लिक्विड पहले से मौजूद होगा। टेस्ट देने वाले व्यक्ति को इस कंटेनर में अपना थूक या लार डालनी होगी। इसके बाद जांच के लिए सैंपल को संबंधित परीक्षण केंद्र भेजना होगा, जहां पीसीआर मशीनों की मदद से लार के जेनेटिक मटीरियल की जांच की जाएगी। खबरों के मुताबिक, तीन दिन में टेस्ट रिपोर्ट डिलिवर कर दी जाएगी।

रटगर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ही नहीं, बल्कि अमेरिका के अन्य मेडिकल विशेषज्ञ भी मानने लगे हैं कि स्वैब टेस्ट (नाक या गले से नमूना लेकर जांच करना) की जगह लार की जांच कोविड-19 की डायग्नॉस्टिक टेस्टिंग का ज्यादा भरोसेमंद विकल्प है। उनका कहना है कि यह ज्यादा बड़ी संख्या में लोगों की जांच कर कोविड-19 के मरीजों का पता लगाने में मददगार साबित हो सकता है।

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उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें कोविड-19 की जांच के लिए अब विकसित किया गया सलाइवा टेस्ट, स्वैब टेस्ट से बेहतर बता रहे जानकार है

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