कैम्पिलोबैक्टर इन्फेक्शन क्या है?
यह एक प्रकार का बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो मुख्य रूप से पेट में इन्फेक्शन व अन्य समस्याएं पैदा कर देता है। कुछ मामलों में यह पूरे शरीर को भी प्रभावित करने लगता है। कैम्पिलोबैक्टर इन्फेक्शन मुख्य रूप से दूषित भोजन खाने से होता है।
कैम्पिलोबैक्टर इन्फेक्शन के लक्षण क्या हैं?
शरीर में बैक्टीरिया जाने के कुछ दिन बाद इसके लक्षण शुरू हो जाते हैं। इस इन्फेक्शन के लक्षण एक हफ्ते तक रह सकते हैं।
दस्त लगना कैम्पिलोबैक्टर इन्फेक्शन का सबसे मुख्य लक्षण होता है और कभी-कभी मल के साथ खून भी आ जाता है। इसके अलावा आपको पेट खराब होने और उल्टी आने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। (और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय)
कैम्पिलोबैक्टर इन्फेक्शन के कुछ अन्य संकेत व लक्षण जैसे:
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कैम्पिलोबैक्टर इन्फेक्शन क्यों होता है?
कैम्पिलोबैक्टर इन्फेक्शन मुख्य रूप से कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया के कारण होता है। इस बैक्टीरिया के कारण दस्त व फूड पाइजनिंग जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं।
लोग आमतौर पर दूषित पानी पीकर या दूषित भोजन खाकर कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाते हैं। मुख्य रूप से बिना पका चिकन, ताजा और बिना पाश्चराइज्ड किया हुआ दूध आदि में यह बैक्टीरिया हो सकता है।
एक स्वस्थ व्यक्ति, किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से भी कैम्पिलोबैक्टर इन्फेक्शन से संक्रमित हो सकता है।
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कैम्पिलोबैक्टर संक्रमण का इलाज कैसे किया जाता है?
यह इन्फेक्शन लगभग हर बार अपने आप ठीक हो जाता है और इसलिए ज्यादातर मामलों में इसका इलाज करने की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि यदि इस इन्फेक्शन के लक्षण गंभीर हैं, तो कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से लक्षणों को ठीक किया जा सकता है।
इलाज का मुख्य लक्ष्य शरीर में पानी व अन्य द्रवों की कमी को दूर करना और रोगी को अच्छा महसूस करवाना होता है। (और पढ़ें - शरीर में पानी की कमी के लक्षण)
यदि आपको दस्त है, तो निम्न उपायों की मदद से आपको राहत मिल सकती है:
- दिन में 8 से 10 गिलास पानी पिएं
- दिन में तीन बार खाना खाने की बजाए, उसको थोड़ा-थोड़ा करके दिन में कई बार खाएं
- नमक वाले पेय पदार्थ पिएं जैसे सूप व स्पोर्ट्स ड्रिंक्स आदि।
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