राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस का प्रकोप अभी खत्म नहीं हुआ था कि अब डेंगू के मामलों में अचानक से आई तेजी ने अधिकारियों में हलचल बढ़ा दी है। डेंगू के खिलाफ चलाए गए अभियान और सरकार की कोशिशों के बावजूद भी डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ताजा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों से डेंगू के 35 नए मामले सामने आए। इसके बाद दिल्ली में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 131 तक पहुंच गया। इसके अलावा पांच चिकनगुनिया के मामले भी बीते शुक्रवार तक दर्ज किए गए।

(और पढ़ें - डेंगू बुखार के जोखिम और जटिलताएं)

कहां से कितने मामले आए सामने?
दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक इन 35 मामलों में से 22 केस तीन नगर पालिकाओं (उत्तर, दक्षिण और पूर्व निगमों) से आए हैं। वहीं, डेंगू के सात मामले नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) से दर्ज किए गए हैं, जबकि अन्य छह मरीजों का रिकॉर्ड प्राप्त नहीं हुआ है। गौरतलब है कि साल 2019 सितंबर में इसी सप्ताह तक डेंगू के मामलों की संख्या 171 थी। वहीं, साल 2018 में इसी अवधि के दौरान 243 डेंगू के मामले सामने आए थे। नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो उन्होंने जलभराव, कीटनाशक स्प्रे और चालान डिफॉल्टरों की जांच करने के लिए अपने अभियान को तेज कर दिया है।

क्या हैं डेंगू के लक्षण?
डेंगू बुखार के लक्षण शुरू में हल्के हो सकते हैं और इसलिए इन्हें कई बार गलतफहमी में सर्दी या वायरल के लक्षण समझ लिया जाता है। थोड़े से मामलों में, डेंगू का बुखार एक गंभीर रूप ले लेता है जिसे डी-एच-एफ के नाम से जाना जाता है। डी-एच-एफ काफी जानलेवा हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्तस्राव होता है, रक्त प्लेटलेट की गिनती कम हो जाती है। इसके बाद (थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया), रक्त प्लाज्मा रिसाव हो सकता है या अधिक घातक डेंगू शॉक सिंड्रोम भी हो सकता है। इस स्थिति में खतरनाक रूप से रक्तचाप कम होता है। डेंगू बुखार के प्रमुख लक्षण कुछ इस प्रकार हैं-

(और पढ़ें - डेंगू कैसे फैलता है और किस स्थिति में डॉक्टर के पास जाना चाहिए)

पहले के मुकाबले डेंगू के मामले कम, लेकिन सतर्कता जरूरी : अधिकारी
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के एक अधिकारी का कहना है कि पिछले दो वर्षों की तुलना में डेंगू के मामले कम जरूर हुए हैं, लेकिन बावूजद इसके लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है और हम हर मोर्चे पर सतर्कता बरतना चाहते हैं। यही वजह है कि आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है, जिससे लोगों को अपने परिसर में मच्छर की स्थिति की जांच करने के लिए कहा जा सकता है।

इससे अलग पिछले सप्ताह रिपोर्ट किए गए मलेरिया के मामलों की संख्या 17 थी। इस तरह मलेरिया के कुल मामले 114 के आंकड़े पर पहुंच गए हैं। हालांकि, आंकड़े पहले से थोड़े बेहतर जरूर हैं। क्योंकि इस साल की तुलना में सितंबर 2019 में कुल 247 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इसी तरह साल 2018 में मलेरिया के कुल मामलों की संख्या 225 थी।

(और पढ़ें - मलेरिया बुखार होने पर क्या करें)

ऐप पर पढ़ें