भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण - Esophageal candidiasis in Hindi

Dr. Ajay Mohan (AIIMS)MBBS

September 25, 2020

December 20, 2023

भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण
भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण

भोजन नली (Food pipe) को मेडिकल भाषा में इसोफेगस (Esophagus) कहा जाता है, इसलिए इसमें होने वाले यीस्ट संक्रमण को इसोफेजियल कैंडिडायसिस या इसोफेजियल थ्रश नाम से जाना जाता है।

भोजन नली में यीस्ट इन्फेक्शन आमतौर पर फंगी के कारण होने वाला संक्रमण होता है। कैंडिडा परिवार के ऐसे लगभग बीस प्रकार के फंगी होते हैं, जो भोजन नली में यीस्ट संक्रमण का कारण बन सकते हैं। हालांकि, मुख्य रूप से संक्रमण फैलाने वाला इसमें कैंडिडा अल्बिकन्स (Candida albicans) के नाम से जाना जाता है।

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भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण के लक्षण - Esophageal candidiasis Symptoms in Hindi

भोजन नली में यीस्ट संक्रमण या फूड पाइप थ्रश का सबसे प्रमुख लक्षण डिस्फेजिया है, जिसमें व्यक्ति को निगलने में कठिनाई होने लगती है। ऐसा आमतौर पर इसलिए होता है, क्योंकि इसोफेजियल कैंडिडायसिस में भोजन नली के अंदर सफेद चकत्ते बन जाते हैं।

इसोफेजियल थ्रश के अन्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं -

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

यदि आपको निगलने में कठिनाई लगातार दो दिन से हो रही है और उससे आराम नहीं मिल पा रहा है तो ऐसे में डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। इसके अलावा कुछ अन्य स्थितियां हैं, जो गंभीर स्थितियों का संकेत देती हैं और ऐसे में डॉक्टर को दिखाना जरूरी होता है -

  • कुछ भी खा या पी न पाना
  • निगलने में कठिनाई के साथ बुखार या अन्य कोई लक्षण होना
  • लक्षण लगातार बदतर होना

इसके अलावा यदि आपको या आपके परिवार में किसी को ओरल थ्रश की समस्या हुई है और अब आपको ये लक्षण महसूस होने लगे हैं, तो भी डॉक्टर से बात करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

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भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण के कारण - Esophageal candidiasis Causes in Hindi

जब कैंडिडा मुंह या भोजन नली में अनियंत्रित रूप से बढ़ने लग जाता है, तो भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण होने लगता है। यह आमतौर पर उन लोगों में अधिक देखा जाता है, जिनकी शारीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करने वाले कुछ अंदरुनी कारणों में निम्न शामिल हैं -

कुछ दवाएं लेना

कुछ प्रकार की दवाएं भी हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देती हैं। इन दवाओं में आमतौर पर निम्न शामिल हैं -

  • स्व-प्रतिरक्षित रोग के लिए ली जाने वाली दवाएं
  • शरीर का अंग प्रत्यारोपित करने के बाद दी जाने वाली दवाएं
  • कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं जैसे प्रेडनीसोन

इसके अलावा कुछ ऐसी दवाएं भी हैं, जिनके कारण मुंह सूखने लगता है। ये दवाएं भी भोजन नली में यीस्ट संक्रमण का कारण बन सकती है।

जीवनशैली संबंधी कुछ आदतें हैं, जो शरीर भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण होने का कारण बन सकते हैं। इनमें निम्न शामिल हैं -

वैसे तो इसोफेजियल कैंडिडायसिस अधिकतर उन लोगों को ही होता है, जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। हालांकि, यह भी संभव है कि जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत है उन्हें भी संक्रमण हो सकता है।

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भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण का परीक्षण - Diagnosis of Esophageal candidiasis in Hindi

भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण का परीक्षण गले के विशेषज्ञ डॉक्टरों (ENT) द्वारा ही किया जाता है। आपके डॉक्टर सबसे पहले आपके द्वारा महसूस होने वाले लक्षणों और आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं के बारे में पूछते हैं। यदि उन्हें लगता है कि आपको इसोफेजियल कैंडिडायसिस होने की आशंका है, तो वे आपका एंडोस्कोपिक परीक्षण कर सकते हैं।

एंडोस्कोपिक परीक्षण की मदद से डॉक्टर आपकी भोजन नली के अंदरूनी हिस्सों की तस्वीरें देख पाते हैं, जिनकी मदद से उन्हें स्थिति का परीक्षण करने में आसानी होती है। एंडोस्कोपिक टेस्ट एंडोस्कोप नामक एक उपकरण के द्वारा किया जाता है। यह उपकरण एक पतली और लचीली ट्यूब होती है, जिसमें सिरे पर एक छोटा कैमरा और लाइट लगी होती है। यह उपकरण शरीर के अंदर जाता है और प्रभावित हिस्से की तस्वीरें खींच कर उन्हें कंप्यूटर स्क्रीन पर देखता है।

आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर एंडोस्कोप को और नीचे भेज सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं संक्रमण पेट तक तो नहीं फैल गया है।

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भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण का इलाज - Esophageal candidiasis Treatment in Hindi

फंगल संक्रमण का इलाज मुख्य रूप से एंटीफंगल दवाओं से किया जाता है। इसोफेजियल कैंडिडायसिस भी एक फंगल संक्रमण है, इसलिए इसके इलाज के लिए टेबलेट के रूप में एंटीफंगल दवाएं दी जाती हैं। कुछ गंभीर मामलों में यदि संक्रमण अत्यधिक बढ़ गया है, तो मरीज को नसों के द्वारा भी एंटीफंगल दवाएं दी जा सकती हैं।

भोजन नली में थ्रश का इलाज करने के लिए सबसे पहले फ्लूकोनाजॉल दवाओं का कोर्स शुरू किया जाता है। यदि निर्धारित समय पर ये दवाएं कुछ काम न कर पाएं, तो फिर दवा या खुराक में बदलाव किया जा सकता है। फ्लूकोनाजॉल के काम न कर पाने पर डॉक्टर स्थिति के अनुसार वोरीकोनाजॉल, इट्राकोनाजॉल या एम्फोटेरिसिन बी में से कोई दवा शुरू करते हैं।

इसोफेजियल कैंडिडायसिस के इलाज में आमतौर पर 14 से 21 दिन तक दवाओं का कोर्स चलता है। यहां तक कि यदि संक्रमण के लक्षण ठीक हो जाएं, तो भी डॉक्टर द्वारा निर्धारित कोर्स को पूरा करना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि कोर्स को पूरा न करने पर लक्षण फिर से विकसित होने लग जाते हैं।

गंभीर इसोफेजियल कैंडिडायसिस से ग्रस्त मरीज को अस्पताल में भी भर्ती करना पड़ सकता है। जहां पर मरीज की समय-समय पर जांच की जाती है और परीक्षण परिणाम के अनुसार लगातार दवाओं में बदलाव किए जाते हैं।

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भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण की जटिलताएं - Esophageal candidiasis Complications in Hindi

भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण बहुत तेजी से फैलने वाला संक्रमण है, जो कई बार गंभीर रूप धारण कर लेता है। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए या फिर इलाज ठीक से काम न कर पाए, तो निम्न स्थितियां विकसित हो सकती हैं -

जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनका इलाज असफल होने की आसंका अधिक रहती है। ऐसे में डॉक्टर को कई अलग-अलग दवाएं देकर पता लगाना पड़ता है कि कौन सी दवा ठीक से काम कर पा रही है।

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भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Esophageal candidiasis in Hindi

भोजन नली में कैंडिडा संक्रमण के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

दवा का नाम

कीमत

₹47.26

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