ज्योग्राफिक टंग - Geographic Tongue in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

October 08, 2020

January 20, 2021

ज्योग्राफिक टंग
ज्योग्राफिक टंग

ज्योग्राफिक टंग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति की जीभ पर नक्शे जैसा पैटर्न बन जाता है। इस स्थिति में जीभ में सूजन आ जाती है। हालांकि, यह हानिरहित समस्या है। इसमें जीभ की सतह पर छोटे-छोटे गुलाबी घाव और सफेद रंग के उभार दार धब्बे बन जाते हैं। ये पैच (घाव) जीभ पर नक्शे के रूप में दिखाई देते हैं। इसके घाव सामान्य रूप से एक हिस्से में ठीक होकर जीभ के दूसरे हिस्सों को प्रभावित कर सकते हैं। ज्योग्राफिक टंग को 'बेनिग्न माइग्रेटरी ग्लिटिस' के नाम से भी जाना जाता है।

ज्योग्राफिक टंग के कारण व्य​क्ति को खाने या निगलने में परेशानी होती है, लेकिन यह किसी स्वास्थ्य समस्या का कारण नहीं है। हां, इस स्थिति में व्यक्ति को मसाले, नमक और यहां तक कि मिठाइयां खाने में भी दिक्कत हो सकती है। यह संक्रामक नहीं है। अधिकांश लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं। कुछ लोगों को जीभ पर जलन या जीभ पर छाले जैसा महसूस हो सकता है। आमतौर पर ज्योग्राफिक टंग में इलाज की आवश्यकता नहीं होती है और यह स्थिति स्वत: ही ठीक हो जाती है।

इस लेख में हम ज्योग्राफिक टंग के लक्षण, कारण और इसके इलाज की विधियों के बारे में जानेंगे।

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ज्योग्राफिक टंग के लक्षण - Geographic Tongue Symptoms in Hindi

ज्योग्राफिक टंग में हर बार लक्षणों का नजर आना आवश्यक नहीं है। कई लोगों को तो इस समस्या के बारे में तब तक पता नहीं चलता है, जबतक कि डॉक्टर इसका परीक्षण कर निदान नहीं करते हैं। आप जीभ पर दिखने वाले इन बदलावों के आधार पर ज्योग्राफिक टंग का पता लगा सकते हैं।

  • जीभ पर अनियमित रूप से नक्शे के आकार के घाव दिखाई देना। ये घाव सफेद रंग के पैच से घिरे हो सकते हैं। जीभ चिकनी और संवेदनशील हो जाती है।
  • घावों के किनारों के आसपास उभरे हुए सफेद या हल्के रंग के चकत्ते
  • लोगों में पैच या घाव अलग-अलग आकार के हो सकते हैं।
  • चकत्ते या घाव जीभ के एक हिस्से से ठीक होकर दूसरी ओर बढ़ सकते हैं। जीभ के एक हिस्से पर यह स्थिति कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रह सकती है।
  • सामान्य रूप से यह चकत्ते आते-जाते रहते हैं।
  • व्यक्ति को कई चीजों के प्रति संवेदनशीलता का अनुभव हो सकता है जैसे सिगरेट के धुएं, टूथपेस्ट, माउथवॉश, मिठाई, चीनी, गर्म या मसालेदार पदार्थ, अम्लीय खाद्य पदार्थ आदि।
  • जीभ और मुंह में जलन और असहजता का अनुभव हो सकता है।

ज्योग्राफिक टंग की समस्या से ग्रसित कुछ लोगों में फिसर्ड टंग की समस्या भी विकसित हो सकती है। ज्यादातर लोगों को यह दोनों समस्याएं एक साथ ही होती हैं। फिसर्ड टंग के कारण जीभ पर दरारें या खांचे बन सकते हैं। इसके कारण बहुत अधिक असहजता या दर्द होता है।

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ज्योग्राफिक टंग का कारण - Geographic Tongue Causes in Hindi

ज्योग्राफिक टंग की समस्या किन कारणों से होती है, इस बारे में डॉक्टरों को स्पष्ट जानकारी नहीं है। हालांकि, इतना जरूर कहा जा सकता है कि यह स्थिति संक्रामक नहीं है। डॉक्टरों का मानना ​​है कि यह माता-पिता से उनके बच्चों को आनुवंशिक रूप से मिल सकती है। अब तक हुए अध्ययनों के आधार पर विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ ऐसी स्थितियां और बीमारियां हैं जो ज्योग्राफिक टंग की समस्या का कारक हो सकती हैं।

  • सोरायसिस: इस समस्या के कारण त्वचा की सतह पर कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है। यह कोशिकाएं आमतौर पर खुजली या फिर असहजता का कारण बन सकती हैं। सोरायसिस से ग्रसित लोगों में ज्योग्राफिक टंग की समस्या के होने का खतरा अधिक रहता है। इतना ही नहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ज्योग्राफिक टंग,सोरायसिस का एक मौखिक रूप है।
  • हार्मोनल वृद्धि: जो महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करती हैं उन्हें भी ज्योग्राफिक टंग की समस्या हो सकती है। माना जाता है कि इन गोलियों के कारण फीमेल हार्मोन बढ़ जाते हैं।
  • विटामिन बी की कमी: जिन लोगों को विटामिन बी की कमी होती है उनकी जीभ पर सूजन और अन्य लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि इन लोगों में ज्योग्राफिक टंग का भी खतरा रहता है।
  • मधुमेह: कुछ डॉक्टरों ने पाया है कि मधुमेह रोगी, विशेष रूप से टाइप 1 मधुमेह से ग्र​सित लोगों में ज्योग्राफिक टंग विकसित होने का खतरा रहता है।
  • एलर्जी: जिन लोगों को एक्जिमा, हे-फीवर या अन्य प्रकार की एलर्जी होती है उनको भी ज्योग्राफिक टंग की दिक्कत हो सकती है।

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ज्योग्राफिक टंग का निदान - Diagnosis of Geographic Tongue in Hindi

ज्योग्राफिक टंग में जीभ की बनावट अलग हो जाती है, ऐसे में डॉक्टर सिर्फ जीभ को देखकर ही इसका निदान कर सकते हैं। इसके अलावा डॉक्टर कुछ परीक्षणों के माध्यम से ज्योग्राफिक टंग के अंतनिर्हित कारकों को पता करने की को​शिश करते हैं।

स्थिति की पुष्टि करने के लिए कई प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं। इंफ्लामेशन मार्कर, संक्रमण और पोषण संबंधी कमियों के बारे में जानने के लिए ब्लड टेस्ट कर सकते हैं। इसके अलावा मुंह, गले और जीभ का निरीक्षण करने के लिए सामान्य रूप से एक यंत्र का प्रयोग किया जाता है। वहीं, यदि उपचार की तमाम विधियों को प्रयोग में लाने के बाद भी हफ्ते भर में कोई आराम न मिले तो डॉक्टर स्किन बायोप्सी कराने की सलाह देते हैं। स्थिति के निदान के ​आधार पर रोग का इलाज किया जाता है।

ज्योग्राफिक टंग का इलाज - Treatment of Geographic Tongue in Hindi

ज्योग्राफिक टंग के रोगियों को आमतौर पर इलाज की आवश्यकता नहीं होती है। जीभ के घाव और चकत्ते कुछ दिनों में आसानी से ठीक हो जाते हैं। रोगी को यदि लगातार दर्द हो तो उसके लिए डॉक्टर कुछ दवाएं लिख सकते हैं।

  • दर्द की दवाएं
  • एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं
  • मुंह को साफ करने या गरारे करने की दवाएं
  • जीभ पर डालने के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड
  • जिंक की खुराक

प्रिस्क्रिप्शन मेडिसिन : जीभ की सूजन को कम करने के लिए डॉक्टर कॉर्टिकोस्टेरॉइड से कुल्ला कराने की सलाह देते हैं। दर्द को कम करने के लिए कुछ और दवाएं दी जा सकती हैं।

फ्लेवर वाले टूथपेस्ट से बचें : अत्यधिक स्वाद वाले या फिर फ्लेवर वाले टूथपेस्ट करने से बचना चाहिए। ये जलन को बढ़ावा देते हैं।

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