अब तक यही माना जाता रहा है कि हृदय रोगियों खासकर हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक के मरीजों और जिन्हें भविष्य में हार्ट स्ट्रोक होने की आशंका है, उनके लिए एस्पिरिन लाभकारी दवा है। डाॅक्टर भी अपने मरीजों को स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए इस दवा की सलाह देते हैं। लेकिन 2018 की शुरूआत में हुए एक अध्ययन के बाद से डाॅक्टरों को सुझाव दिया गया कि वे मरीजों की एस्पिरिन की खुराक कम कर दें।

इस चिकित्सकीय शोध से पता चला है कि रोजाना एस्पिरिन लेने से स्वस्थ व्यक्ति या बुजुर्गों पर कोई गहरा या चिंताजनक असर नजर नहीं पड़ता है। यदि 70 या इससे ज्यादा उम्र के व्यक्ति या जिन लोगों को हार्ट अटैक नहीं आया है, उनमें  नियमित एस्पिरिन की कम खुराक लेने से हेमरेज (दिमाग में धमनी के फटने के कारण मानसिक दौरा पड़ना) का जोखिम बढ़ सकता है।

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इस अध्ययन को ध्यान में रखते हुए अमेरिकन काॅलेज ऑफ कार्डियोलाॅजी और अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने नए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जिन्हें हृदय रोग नहीं है, उन्हें एस्पिरिन नहीं लेना चाहिए।

एस्पिरिन को लेकर नए दिशा-निर्देश:

  • 70 साल से ज्यादा उम्र के जो लोग हृदय रोगी नहीं हैं, उन्हें एस्पिरिन लेने से बचना चाहिए। यही बात युवा लोगों पर भी लागू होती है। यदि वे एस्पिरिन लेते हैं तो इससे उनमें हेमरेज की आशंका बढ़ सकती है।
  • 40 से 70 साल की आयुवर्ग के लोग, जिन्हें किसी तरह का हृदय रोग नहीं है, लेकिन हृदय रोग की आशंका है वे 75 से 100 मि.ग्रा एस्पिरिन रोजाना ले सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें पहले डाॅक्टर से संपर्क करना होगा और उनके परामर्श पर ही ये दवा लेनी होगी।

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किसे एस्पिरिन रोजाना लेनी चाहिए?

जिन मरीजों को पहले हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक आ चुका है, वे रोजाना एस्पिरिन ले सकते हैं। इस तरह के मरीजों को सेकेंडरी प्रीवेंशन की श्रेणी में डाला गया है। इसका मतलब है कि इस तरह के मरीज पहले से ही हृदय रोगों से संबंधित बीमारियों से गुजर चुके हैं और अब दूसरी बार इस तरह की बीमारी से बचने के लिए रोजाना एस्पिरिन ले रहे हैं।

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किसे एस्पिरिन रोजाना नहीं लेनी चाहिए?

जिन लोगों को पहले कभी हार्ट स्ट्रोक या अन्य हृदय रोग नहीं हुए हैं, उन्हें रोजाना एस्पिरिन नहीं लेनी चाहिए। इसकी बजाय वे लोग डाॅक्टरों के परामर्श पर एस्पिरिन ले सकते हैं, जिन्हें भविष्य में हृदय रोग होने की आशंका है।

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डाॅक्टरों द्वारा दिए गए अंतिम निर्देश

  • नियमित रूप से एस्पिरिन लेने की कई वजहें हो सकती हैं, जो एसोसिएशन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अंदर आती हैं। डाॅक्टर सुझाव देते हैं कि लोगों को एस्पिरिन लेना शुरू करने या इसे बंद करने से पहले डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • सिरदर्द, सर्दी-जुकाम, फ्लू, जोड़ों के लिगामेंट को क्षति और मांसपेशियों में खिंचाव या फटने की स्थिति में एस्पिरिन लेने के नए दिशा-निर्देश लागू नहीं होते हैं।
  • जिन लोगों को हृदय संबंधी कोई समस्या नहीं है, उन्हें भी एस्पिरिन लेने से पहले डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से कई और समस्याएं हो सकती है। दरअसल, एस्पिरिन लेने की कई अन्य वजहें हो सकती हैं। उदाहरण के तौर पर नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार एस्पिरिन कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक है।
  • इबूप्रोफेन और एसिटामिनोफेन की तरह एस्पिरिन हल्के दर्द को कम करने में मददगार है। एस्पिरिन लेने के संदर्भ में उन्हें ही सजग रहना चाहिए, जो इसका रोजाना और लंबे समय के लिए सेवन करते हैं। उन्हें इसके नियमित इस्तेमाल से पहले डाॅक्टर से बात करनी चाहिए।

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