अगर आप अपने दिल के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं, तो अपने पैरों पर ध्यान देने का प्रयास करें। चौंकिए मत ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि हृदय स्वास्थ्य के विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि आपके पैर आपके हृदय की धमनियों के स्वास्थ्य के बारे में संकेत दे सकते हैं। यदि आपके पैर खराब रक्त संचरण या पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (पीएडी) के लक्षण दिखाते हैं तो आपको हृदय की समस्या भी हो सकती है। पेरिफेरल आर्टरी डिजीज तब होती है जब हृदय तक खून ले जाने वाली धमनियां कोलेस्ट्रॉल और प्लाक के जमाव से संकुचित हो जाती हैं।

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  1. चलना-फिरना तक मुश्किल
  2. नब्ज की जांच
  3. टखने की ब्राचियल इंडेक्स
  4. जल्द थकान है प्रमुख लक्षण
  5. सारांश

विशेषज्ञों का कहना है कि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के कारण आपको कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। यह रोग आपकी टांगों और पैरों में असुविधा पैदा कर सकता है। आपका चलना-फिरना और अन्य कार्य करने की क्षमता सीमित हो सकती है। यदि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज गंभीर हो तो इसके कारण आपके शरीर के किसी अंग को भी क्षति हो सकती है। डॉक्टर आपके पैरों में नब्ज के साधारण परीक्षण से इस बीमारी के संकेतों की जांच करते हैं।

विशेषज्ञ बताते हैं, “जब कोलेस्ट्रॉल का जमाव आपके दिल की धमनियों को अवरुद्ध करता है, तो इस स्थिति को कोरोनरी धमनी रोग या कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) कहा जाता है। वास्तव में, पीएडी और सीएडी दोनों रोग एक ही बीमारी, एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़े हैं। एथेरोस्क्लेरोसिस बीमारी तब होती है जब पूरे शरीर की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का जमाव हो जाता है," उनके अनुसार कभी-कभी पेरिफेरल आर्टरी डिजीज होना हृदय रोग के लिए बढ़े हुए जोखिम का संकेत देती है, इसलिए पेरिफेरल आर्टरी डिजीज और कोरोनरी आर्टरी डिजीज के बीच संबंध की जांच और जागरूकता काफी महत्वपूर्ण है। 

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पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के लिए जांच करने का सबसे सरल तरीका नियमित शारीरिक परीक्षण के दौरान आपके पैरों में नब्ज की जांच करना है। प्रत्येक पैर में, दो नब्ज होनी चाहिए जिनका एक प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा आसानी से पता लगाया जा सकता है। परीक्षण यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि आपके पैरों में रक्त प्रवाह सामान्य है या नहीं। 

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जांच का अगला चरण टखने की ब्राचियल इंडेक्स है। इसमें डॉपलर जांच के साथ आपके पैर और हाथ की कलाई पर मौजूद ब्लड प्रेशर नब्ज का उपयोग किया जाता है। डॉपलर जांच में पैर की नब्ज सुनने के लिए एक अल्ट्रासाउंड तरंग का उपयोग होता है। विशेषज्ञ कहते हैं “इस तकनीक का उपयोग करते हुए, हम इस क्षेत्र में रक्त के प्रवाह का बेहतर आकलन कर सकते हैं। ज्यादातर लोगों के पैर और हाथ में ब्लड प्रेशर एक समान होना चाहिए। ब्लड प्रेशर में केवल 10 प्रतिशत की कमी भी पेरिफेरल आर्टरी डिजीज का संकेत हो सकती है।”

विशेषज्ञ सलाह देते हैं “यह पता लगाने के लिए कि क्या आपको किसी विशिष्ट परीक्षण की जरुरत है या नहीं, अपने प्राथमिक देखभाल चिकित्सक से मिलना आपके लिए सबसे बेहतर होगा, जो आपकी स्थिति को सबसे अच्छे से जानते हैं। कंपनियों द्वारा प्रायोजित पब्लिक आयोजनों के दौरान होने वाले सामान्य परीक्षण से लाभ का कोई सबूत नहीं है और इसके अप्रत्याशित परिणाम भी हो सकते हैं, जिसमें गलत परिणाम भी शामिल हैं, जो आपको अन्य अनावश्यक प्रक्रियाओं के जोखिम में डाल सकते हैं।

विशेषज्ञ कहते हैं “समस्या का संकेत तब मिलता है जब लोगों के पैर दर्द कर रहे हैं या वे आसानी से थक जाते हैं या उन्हें टांगों की ऐंठन के कारण चलने में परेशानी होती है, तो ऐसे लोगों में पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के लिए आकलन करना चाहिए। वर्तमान में या पहले धूम्रपान करने वाले लोगों या पेरिफेरल आर्टरी डिजीज या इस बीमारी के लक्षणों के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों का भी मूल्यांकन किया जाना चाहिए। 

विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि कोई लक्षण नहीं दिखते हैं तो जांच की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा ऐसे स्वस्थ लोग जो 60 वर्ष से कम उम्र के हैं तथा उन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया है और एथेरोस्क्लेरोसिस या हृदय रोग का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं है, उनकी पेरिफेरल आर्टरी डिजीज के लिए जांच का संभवत: कोई फायदा नहीं है। 

ऐसे मामले में, वास्तव में परीक्षण व्यक्ति को अधिक जोखिम में डाल सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि परीक्षण कभी-कभी गलत हो सकते हैं और इन गलत नतीजों के कारण व्यक्ति को कुछ अन्य टेस्ट करवाने पड़ सकते हैं, जिनके अपने निहित जोखिम हो सकते हैं।

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विशेषज्ञ कहते हैं कि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज आपके पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एथेरोस्क्लेरोसिस किसी अंग विशेष में होने वाला रोग नहीं है। यह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में हर जगह धमनियों को प्रभावित करती है। यदि आपको पेरिफेरल आर्टरी डिजीज हैं, तो आपको स्ट्रोक होने या दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी अधिक है। वे कहते हैं कि धूम्रपान बंद करने सहित दवा और जीवन शैली में परिवर्तन उन रोगियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिनकी टांगों और पैरों में रक्त के प्रवाह में कमी का कोई सबूत है। इसलिए अपने शरीर के संकेतों पर ध्यान दें और रिपोर्ट करें कि आपका शरीर आपसे क्या बात कर रहा है।

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