होर्नर सिंड्रोम - Horner's Syndrome in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

October 29, 2018

March 06, 2020

होर्नर सिंड्रोम
होर्नर सिंड्रोम

होर्नर सिंड्रोम क्या है?

होर्नर सिंड्रोम एक बहुत ही दुर्लभ विकार है जो आपके चेहरे के एक तरफ की आंख और उसके आस-पास के ऊतकों को प्रभावित करता है। इसके कारण कुछ नसों में पक्षाघात हो जाता है। होर्नर सिंड्रोम पूरे जीवन में किसी भी समय प्रकट हो सकता है। इस विकार से प्रभावित लगभग 5 प्रतिशत व्यक्तियों में यह जन्म से ही होता है।

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होर्नर सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?

होर्नर सिंड्रोम के लक्षणों में आंख की पुतली सिकुड़ना (मायोसिस), आंखों की पलकों का लकवा (पीटोसिस), चेहरे पर पसीना न आना (एनहाईड्रोसिस) और आंखों की सुरक्षा करने वाली हड्डी जैसी गुहा में आईबॉल डूबना (एनोफथल्मोस) आदि शामिल हैं। ये होर्नर सिंड्रोम विकार के चार क्लासिक संकेत हैं।

होर्नर सिंड्रोम विकार क्यों होता है?

होर्नर सिंड्रोम का जन्मजात और अधिक दुर्लभ रूप जन्म के समय से मौजूद होता है लेकिन इसका कारण ज्ञात नहीं है। अक्सर, होर्नर सिंड्रोम आंखों की संवेदनशील तंत्रिकाओं के साथ किसी तरह के हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप पैदा होता है। इसके कुछ विविध अंतर्निहित कारण हो सकते हैं जैसे - सांप या कीट के काटने से लेकर गर्दन पर आघात इत्यादि।

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होर्नर सिंड्रोम का इलाज कैसे होता है?

एक नेत्र रोग विशेषज्ञ आंख के विशेष परीक्षणों द्वारा विकार की पुष्टि कर सकता है। इसके अलावा, तंत्रिका तंत्र के किन्हीं अन्य हिस्सों पर हुए प्रभाव की जांच करने के लिए न्यूरोलॉजिकल जांच की आवश्यकता हो सकती है।

होर्नर सिंड्रोम का इलाज करने के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। आपके लक्षणों को कम करने का सबसे अच्छा तरीका उस समस्या का इलाज करना है जो उन्हें उत्पन्न कर रही है। कुछ मामलों में, यदि लक्षण हल्के होते हैं, तो इलाज की आवश्यकता नहीं होती है।

होर्नर सिंड्रोम विकार की कुछ गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं जिनके लिए आपको ध्यान देना चाहिए। यदि ऐसे लक्षण प्रकट होते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन गंभीर लक्षणों में शामिल हैं, चक्कर आना, दिखाई न देना, गर्दन में दर्द या सिरदर्द जो अचानक और गंभीर हो, मांसपेशियों में कमजोरी या आपकी मांसपेशियों की गति को नियंत्रित करने में असमर्थता हो रही हो।

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