कैनेडी डिजीज - Kennedy's Disease in Hindi

Dr. Nadheer K M (AIIMS)MBBS

December 11, 2020

March 28, 2022

कैनेडी डिजीज
कैनेडी डिजीज

कैनेडी डिजीज/ कैनेडी की बीमारी को 'एक्स-लिंक्ड स्पाइनल बॅलबर मस्कुलर एट्रोफी' के रूप में भी जाना जाता है। यह एक वंशानुगत स्थिति है, जिसमें धीरे-धीरे कमजोरी और मांसपेशियों के ऊतकों की कमी होने लगती है। कैनेडी की बीमारी के लक्षण आमतौर पर केवल पुरुषों में दिखाई देते हैं। हालांकि, दुर्लभ मामलों में महिलाओं में भी इस बीमारी के लक्षण नोटिस किए गए हैं। इसकी जानकारी पहली बार 1968 में डॉ. विलियम आर. केनेडी और उनके सहकर्मियों द्वारा दी गई थी, यही वजह है कि इसे केनेडी डिजीज के नाम से जाना जाता है। यह स्थिति जिस आनुवांशिक गड़बड़ी की वजह से होती है उसकी पहचान 1991 में की गई थी।

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कैनेडी की बीमारी के लक्षण क्या हैं? - Kennedy's Disease Symptoms in Hindi

कैनेडी की बीमारी के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। इसके शुरुआती लक्षणों में कंपकंपी, मांसपेशियों में अकड़न और मांसपेशियों में ऐंठन शामिल हो सकते हैं। इसके बाद लगातार मांसपेशियों में कमजोरी की समस्या बढ़ने लगती है, जो विभिन्न प्रकार से दिखाई दे सकती है। कैनेडी की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति में गाइनेकोमास्टिया (पुरुषों के ब्रेस्ट टिश्यू का बढ़ना व उनमें सूजन), खाने और निगलने में कठिनाई टेस्टिकुलर एट्रोफी (वृषण का आकार या इसके कार्य में कमी आना) और माइल्ड एंड्रोजन की वजह से प्रजनन क्षमता में कमी (बांझपन) आना इसके लक्षणों में शामिल है।

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कैनेडी की बीमारी के कारण क्या हैं? - Kennedy's Disease Causes/Inheritance in Hindi

कैनेडी की बीमारी एंड्रोजन रिसेप्टर (एआर) नामक जीन में गड़बड़ी की वजह से होती है, इस जीन का कार्य पुरुषों में मौजूद सेक्स हार्मोन (एंड्रोजन) की क्रिया को नियंत्रित करना है।

कैनेडी रोग एक्स-लिंक्ड रिसेसिव तरीके से अगली पीढ़ी में पारित होता है। एक्स-लिंक्ड पैटर्न का मतलब है कि यह स्थिति जिस जीन की वजह से हुई है, उसका संबंध एक्स क्रोमोसोम से है। मनुष्यों और स्तनधारियों में दो सेक्स क्रोमोसोम (X और Y) होते हैं। महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते हैं जबकि पुरुषों में एक X और एक Y क्रोमोसोम होता है।

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कैनेडी की बीमारी का इलाज कैसे होता है? - Kennedy's Disease Treatment in Hindi

वर्तमान में इस बीमारी के लिए कोई सटीक इलाज मौजूद नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का प्रबंधन किया जा सकता है। डॉक्टर मांसपेशियों की कमजोर होने की गति को धीमा करने के लिए फिजिकल थेरेपी और रिहैब्लिटेशन की मदद ले सकते हैं। यह कमजोरी को ठीक करने के साथ-साथ शरीरिक क्षमता को भी बढ़ा सकता है।

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महिलाओं में कैनेडी की बीमारी - Kennedy's Disease in Female in Hindi

ज्यादातर मामलों में, जिन महिलाओं को गड़बड़ जीन पारित हुआ है, वे केवल इस बीमारी की वाहक होती हैं, यहां वाहक का मतलब है कि उनसे यह बीमारी अगली पीढ़ी में तो जा सकती है, लेकिन जिस महिला में जीन की खराब प्रति मौजूद है, उसमें बीमारी के लक्षण ट्रिगर नहीं होंगे। इसके विपरीत जिन पुरुषों में गड़बड़ जीन पारित हुआ है, उनमें बीमारी के लक्षण ट्रिगर होंगे।

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