पीसीओएस - Polycystic Ovary Syndrome (PCOS, PCOD) in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

June 28, 2017

August 23, 2023

पीसीओएस
पीसीओएस

पीसीओएस क्या है?

पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome, PCOS) एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं के सेक्स हॉर्मोन्स एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे अण्डाशयी सिस्ट (Ovarian Cyst)* बन जाती है। पीसीओएस एक महिला के मासिक धर्म चक्र, प्रजनन क्षमता, हृदय की कार्यवाही और रूप-आकार को प्रभावित कर सकता है।

पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम महिलाओं में होने वाला एक प्रचलित अंत: स्रावी विकार है और आजकल प्रजनन क्षमता में कमी होने के मुख्य कारणों में से एक है। 

यह परेशानी मुख्य रूप से 15 से 30 वर्ष की उम्र की महिलाओं में ज़्यादा पाई जा रही है। भारत में लगभग 10% महिलाएं पीसीओएस से पीड़ित हैं। फिर भी इस परेशानी के बारे में जागरूकता न के बराबर है और महिलाएं कई वर्षों तक इसका निदान नहीं करवातीं।

* ये सिस्ट नहीं होतीं बल्कि कई छोटे अंडे होते हैं जो अभी तक परिपक्व (Mature) नहीं हुए और अल्ट्रासाउंड में अंडाशय पर नज़र आते हैं। यदि मरीज़ के शरीर में पर्याप्त हॉर्मोन्स नहीं बनते, तो अंडे परिपक्व नहीं हो पाते। जब तक अंडे विकसित और परिपक्व नहीं होते, तब तक ओवुलेशन (Ovulation; अंडाशय में अंडे बनना) और गर्भधारण नहीं हो सकता।

पीसीओएस (पीसीओडी) के प्रकार - Types of Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) in Hindi

इन्सुलिन प्रतिरोधक पीसीओएस (Insulin Resistant PCOS)

यह सबसे आम प्रकार का पीसीओएस है। इस प्रकार के पीसीओएस का कारण होता है इन्सुलिन प्रतिरोध - जब शरीर इंसुलिन के प्रति कम प्रभावशाली हो जाता है और रक्त शर्करा असंतुलित हो जाती है। अत्यधिक इन्सुलिन और लेप्टिन ओव्यूलेशन (Ovualtion; अंडाशय में अंडे बनना) को प्रतिबाधित करता है और अंडाशय को टेस्टोस्टेरोन बनाने के लिए उद्दीप्त करता है। 

इन्सुलिन प्रतिरोध अधिक मोटापे, शक्कर का सेवन, धूम्रपान, ट्रांस वसा और पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थ के कारण होता है।

प्रतिरक्षा संबंधित पीसीओएस (Immune Related PCOS)

दूसरे प्रकार का पीसीओएस दीर्घकालिक सूजन की वजह से होता है जो कई कारणों की वजह से हो सकती है। इस सूजन की वजह से ओव्यूलेशन (अंडाशय में अंडे बनना) प्रतिबाधित होता है और हॉर्मोन रिसेप्टर्स बाधित होते हैं, जिससे DHEA जैसे अधिवृक्क ग्रंथि एण्ड्रोजन उद्दीप्त होते हैं। जिन महिलाओं के परिवार में किसी सदस्य को कभी प्रतिरक्षा सम्बन्धी रोग रह चुके हैं उनमें इस प्रकार के पीसीओएस होने का खतरा ज़्यादा होता है। 

पोस्ट-पिल पीसीओएस (Post-Pill PCOS)

अधिकतर महिलाओं में गर्भनिरोधक गोलियों को बंद करने के करीब छह महीनों में धीमी गति से पुनः शुरू होने वाले मासिक धर्म सामान्य हो जायेंगे; लेकिन कुछ में यह अवरोध सालों तक चल सकता है और इसमें उपचार की आवश्यकता पड़ सकती है। (और पढ़ें - आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों के नुकसान

लम्बे समय तक गोलियों द्वारा हॉर्मोन्स को नियंत्रित करने से शरीर को फिर से स्वयं एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन करने में मुश्किलें होती हैं जिससे ओव्यूलेशन में दिक्कत होती है। 

पर्यावरण पीसीओएस (Environmental PCOS)

इस प्रकार के पीसीओएस में कोई पर्यावरण (या अन्य हॉर्मोनल) असंतुलन शरीर की नियंमित रूप से ओव्यूलेशन करने की क्षमता के साथ दखल देने लगता है। इस प्रकार के पीसीओएस का निदान होने में परीक्षण त्रुटि विधि (Trial And Error Method) अपनानी पड़ती है हालांकि एक बार निदान हो जाये फिर इलाज किया जाना आसान है। 

जो मरीज़ संवेदनशील होते हैं उनमें कुछ खाद्य पदार्थ शरीर की अंडाशय द्वारा अंडे बनाने की क्षमता के साथ हस्तक्षेप कर सकते हैं।

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पीसीओएस (पीसीओडी) के लक्षण - PCOS (PCOD) Symptoms in Hindi

लक्षण शुरुआत में हलके ही होते हैं। आप में कम से कम लक्षण भी हो सकते हैं और लक्षण अत्यधिक भी हो सकते हैं। सबसे आम लक्षण हैं:

  1. मुँहासे
  2. वज़न बढ़ना या वज़न घटाने में परेशानी
  3. चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल। अक्सर महिलाओं के चेहरे, पेट, नाभि और पीठ पर मोटे और काले बाल हो जाते हैं। 
  4. सिर के बाल झड़ना
  5. मासिक धर्म में अनियमितता 
  6. प्रजनन क्षमता में परेशानियां
  7. अवसाद

हालांकि यह परेशानियां पीसीओएस के कारण ही हो रहीं हैं, ऐसा आवशयक नहीं है।

पीसीओडी (पीसीओएस) के कारण - PCOD (PCOS) Causes in Hindi

पीसीओएस का असल कारण अज्ञात है हालांकि डॉक्टर मानते हैं कि इसमें हॉर्मोनल असंतुलन और आनुवांशिक परेशानियां खास भूमिका निभाते हैं। जिन महिलाओं की माँ या बहन को पीसीओएस की परेशानी रह चुकी है उनमें यह स्थिति विकसित होने की अधिक संभावना होती है।

एण्ड्रोजन (Androgen) हॉर्मोन का अतिउत्पादन भी एक कारक हो सकता है। एण्ड्रोजन एक पुरुष सेक्स हॉर्मोन है जो महिलाओं के शरीर में भी उत्पन्न होता है। पीसीओएस से ग्रस्त महिला में अक्सर सामान्य से ज़्यादा स्तर में एण्ड्रोजन का उत्पादन होता है। यह ओव्यूलेशन (Ovulation) के दौरान अंडे के विकास और रिलीज को प्रभावित कर सकता है। अतिरिक्त इंसुलिन (एक हार्मोन जो शर्करा और स्टार्च को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है) अधिक एण्ड्रोजन स्तर का कारण हो सकता है।

(और पढ़ें - sex kaise kare)

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पीसीओएस (पीसीओडी) से बचाव - Prevention of PCOS (PCOD) in Hindi

पीसीओएस को रोका नहीं जा सकता लेकिन समय पर निदान और उपचार हो जाने से लम्बे समय तक होने वाली जटिलताओं, जैसे प्रजनन क्षमता में कमी, मेटाबोलिक सिंड्रोम, मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग से बचा जा सकता है। 

पीसीओएस का परीक्षण - Diagnosis of Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) in Hindi

पीसीओएस का निदान करने के लिए कोई एक विशिष्ट परीक्षण नहीं है। इसका निदान करने के लिए और लक्षणों के होने की अन्य वजह की जानकारी प्राप्त करने के लिए आपके चिकित्सक आपकी मेडिकल स्थिति, पहले हो चुकी मेडिकल समस्याएं, शारीरिक परीक्षण और कई भिन्न टेस्ट्स करवाने पर चर्चा कर सकते हैं। 

  • शारीरिक जांच (Physical Exam):
    डॉक्टर आपका रक्तचाप, बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index, BMI) और कमर का माप लेते हैं। वे चेहरे, छाती या पीठ की त्वचा पर अतिरिक्त बाल, मुँहासे या त्वचा मलिनकिरण (Skin Discoloration) की जांच करेंगे। डॉक्टर बाल झड़ने या अन्य लक्षणों, जैसे थाइरोइड ग्रंथि का बढ़ना, पर भी विचार करते हैं। 
     
  • श्रोणिक जांच (Pelvic Exam):
    अतिरिक्त नर-हॉर्मोन्स की जांच करने के लिए या यह देखने के लिए की अंडाशय बढ़ा हुआ या सूजा हुआ तो नहीं है, डॉक्टर श्रोणिक जांच करते हैं।
     
  • श्रोणिक अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound):
    इस टेस्ट में ध्वनि तरंगों का प्रयोग करके अंडाशय की जांच की जाती है कि कहीं कोई सिस्ट तो नहीं बना और गर्भाशय की लाइनिंग (परत) की भी जांच की जाती है। 
     
  • रक्त परीक्षण (Blood Tests):
    डॉक्टर रक्त परीक्षण करके नर-हॉर्मोन्स के दर की जांच करते हैं। (और पढ़ें - ब्लड टेस्ट)

डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल दर और मधुमेह की भी जांच कर सकते हैं। 

यह निदान हो जाने पर कि आपको ये लक्षण किसी अन्य समस्या की वजह से नहीं हैं, डॉक्टर पीसीओएस का निदान कर देते हैं अगर आपकी स्थिति में निम्न दो लक्षण पाए जाते हैं:

  1. मासिक धर्म चक्र में अनियमितता
  2. सामान्य से अधिक नर-हॉर्मोन्स होने के संकेत मिलना
  3. अंडाशय (एक या दोनों में) में कई सिस्ट होना। 

पीसीओएस (पीसीओडी) को कैसे दूर करें - How to cure PCOS (PCOD) in Hindi

पीसीओएस का इलाज किया जा सकता है, लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। उपचार में लक्षणों पर नियंत्रण करने और स्थिति को संभालने पर ध्यान दिया जाता है जिससे जटिलताओं से बचा जा सके। उपचार का तरीका महिलाओं में व्यक्तिगत रूप से होने वाले विशिष्ट लक्षणों के आधार पर भिन्न होगा। लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए उपाय:

  • स्वस्थ आहार का सेवन करें:
    पीसीओएस से पीड़ित हर महिला को स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए, खासकर उन्हें जिनका वज़न ज़्यादा है। इससे मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित किया जा सकेगा और रक्त में ग्लूकोज़ दर को कम किया जा सकेगा।
     
  • गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करें:
    अगर आप गर्भवती होने की योजना नहीं बना रहीं हैं तो जन्म नियंत्रण गोलियां लें। इनसे मुंहासों का उपचार किया जा सकेगा, मासिक धर्म चक्र नियंत्रित किया जा सकेगा और शरीर में पुरुष हॉर्मोन्स, जैसे टेस्टोस्टेरोन, के स्तर को कम किया जा सकेगा। अगर महिला को प्रजनन समस्या की परेशानी हो, तो ओव्यूलेशन (Ovulation; अंडाशय में अंडे बनना) के लिए फर्टिलटी दवाएं (Fertility Drugs) निर्धारित की जा सकती हैं।
     
  • दवाएं:
    आपकी स्थिति और लक्षणों के आधार पर आपको दवाएं निर्धारित की जाती हैं। चिकित्सक की सलाह के बिना किसी भी दवा का सेवन न करें। 
     
  • सर्जरी:
    कुछ महिलाओं में पीसीओएस के उपचार के लिए सर्जरी का भी प्रयोग किया जा सकता है। अण्डाशयी ड्रिलिंग (Ovarian Drilling) एक प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर अंडाशय में एक छोटे नीडल, जिसमें इलेक्ट्रिक करंट (Electric Current) होता है, की मदद से एक छिद्र किया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि अंडाशय के भाग को नष्ट किया जा सके। यह एक लघु-कालिक (Short-Term) उपाय है जिससे ओव्यूलेशन को बढ़ाया जा सकता है और नर-हॉर्मोन्स को कम किया जा सकता है। स्थिति गभीर होने पर सिस्टेक्टॉमी (Cystectomy) द्वारा सिस्ट को हटाया भी जा सकता है। 
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पीसीओएस के जोखिम और जटिलताएं - Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) Risks & Complications in Hindi

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में निम्न परेशानियां होने का जोखिम ज़्यादा होता है:

  1. प्रजनन क्षमता में कमी (Infertility)
  2. हाई बीपी(उच्च रक्तचाप)
  3. उच्च कोलेस्ट्रॉल
  4. चिंता और अवसाद
  5. सोते समय सांस लेने में परेशानी (Sleep Apnea, स्लीप एप्निया)
  6. एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer)
  7. दिल का दौरा
  8. मधुमेह
  9. स्तन कैंसर (Breast Cancer, ब्रैस्ट कैंसर)

अगर आप गर्भवती हो जाती हैं, तो डॉक्टर आपको ऐसे डॉक्टर से उपचार करवाने की सलाह देते हैं जो अधिक जोखिम भरे गर्भधारण में विशेषज्ञ हों। जिन महिलाओं को पीसीओएस होता है, उनमें मिसकैरेज (Miscarriage), गर्भावधि मधुमेह (Gestational Diabetes) या समय से पहले प्रसव होने का जोखिम बढ़ जाता है। उनपर गर्भधारण के दौरान अधिक निगरानी रखने की आवश्यकता हो सकती है। 

जितना जल्दी पीसीओएस का निदान और उपचार हो जाये, जटिलाएं होने का जोखिम उतना ही कम हो जाता है। 



संदर्भ

  1. Enrico Carmina Rogerio A. Lobo Polycystic Ovary Syndrome (PCOS): Arguably the Most Common Endocrinopathy Is Associated with Significant Morbidity in Women. The Journal of Clinical Endocrinology & Metabolism, Volume 84, Issue 6, 1 June 1999, Pages 1897–1899
  2. Rotterdam ESHRE/ASRM. Revised 2003 consensus on diagnostic criteria and long-term health risks related to polycystic ovary syndrome. Fertil Steril. 2004 Jan;81(1):19-25. PMID: 14711538
  3. Office on women's health [internet]: US Department of Health and Human Services; Polycystic ovary syndrome.
  4. National institute of child health and human development [internet]. US Department of Health and Human Services; Polycystic Ovary Syndrome (PCOS).
  5. National Institutes of Health; [Internet]. U.S. National Library of Medicine. Polycystic ovary syndrome.

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पीसीओएस की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Polycystic Ovary Syndrome (PCOS, PCOD) in Hindi

पीसीओएस के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।