त्वचा संबंधी रोग यानी स्किन डिजीज। ये कई प्रकार की हो सकती हैं। मसलन कभी स्किन पर दाने (चकत्ते) आ जाना तो कभी किसी तरह की स्किन एलर्जी। हालांकि, इस तरह की समस्या का समाधान कुछ वक्त में हो सकता है, मगर जब त्वचा रोग से जुड़ी समस्या अलग प्रकार की हो तो उसमें परेशानी चार गुना तक बढ़ सकती है। जैसे कि सोरायसिस या छाल रोग का होना है।

क्या है सोरायसिस?
सोरायसिस, बार-बार होने वाली बीमारी है जो आपकी त्वचा को प्रभावित करती है। सोरायसिस संक्रामक रोग नहीं है, मगर इससे ग्रसित व्यक्ति को त्वचा पर बहुत खुजली होती है और कभी-कभी स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि स्किन पर सूजन हो सकती है। इतना ही नहीं, कई बार आप दर्द भी महसूस करते हैं। इसके परिणामस्वरूप त्वचा पर छोटे परतदार धब्बे, स्किन का शुष्क होना, फटना और कई बार खून भी निकल सकता है। सोरायसिस को ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया से जोड़ा गया है। शरीर के इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक प्रणाली की गड़बड़ी को इसका कारण माना जाता है।

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लोगों में तेजी से फैल रहा सोरायसिस
दरअसल सोरायसिस कितनी गंभीर बीमारी है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हैदराबाद स्थित त्वचा विशेषज्ञ इस ऑटोइम्यून बीमारी के बारे में जागरुकता बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं, क्योंकि शहर की 2 से 5 प्रतिशत आबादी सोरायसिस से पीड़ित है। इसकी कई वजहें हो सकती हैं, जैसे- बीमारी की देरी से जांच, गलत निदान और गुमराह उपचार। जिसके कारण सोरायसिस और गंभीर हो रहा है। इतना ही नहीं सोरायसिस, कॉमरेडिडिटी ( एक समय में एक से अधिक स्थिति का होना) या हृदय संबंधी बीमारी और मधुमेह, गठिया, चिंता और डिप्रेशन जैसे रोगों का कारण बन सकती है।

सोरायसिस में खुजली के साथ दर्द
एक पीड़ित युवक ने बताया कि कैसे सोरायसिस की बीमारी के दौरान उसे दर्द सहना पड़ा था। दरअसल यह घटना जून 2018 की है। जब युवक की उंगलियों की नोक पर सोरायसिस बीमारी की शुरुआत हुई। एक लाल, खुरदुरा पैच। जिसके चलते वो पूरे दिन पागल की तरह खुजली करता था। कुछ ऐसी स्थिति, जिसे आप आसानी से अनदेखा नहीं कर सकते हैं।

  • लगभग एक हफ्ते तक, पीड़ित युवक ने मान लिया कि यह एक दाने की तरह था, लेकिन फिर पैच बढ़ने लगा, उसकी दूसरी उंगलियों तक यह पैच फैल गया। हालांकि, जब उसने देखा कि पैरों में भी खुजली थी, तो फिर वह घबरा गया और परेशानी में वो डॉक्टर के पास पहुंचा, मगर समस्या का समाधान नहीं होने पर त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श ली। जिसने बताया कि ये एक सोरायसिस नामक बीमारी है।
  • सोरायसिस आपके शरीर पर हमला करती है और त्वचा की कोशिकाएं, जो महीने भर में ज्यादा वक्त में बढ़ती हैं और भी तेजी से बढ़ने लगती हैं। फिर मृत कोशिकाएं त्वचा की सतह पर खुजली और दर्द से भरी पट्टियां बनाती हैं।
  • हालांकि, सोरायसिस का कोई इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को पहचान कर उपचार और जीवनशैली में सुधार के द्वारा इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। ये बीमारी संक्रामक नहीं है और इसके होने की मुख्य वजह भी अब तक किसी को नहीं पता।

सोरायसिस ने बढ़ाया मेंटल स्ट्रेस
इस स्थिति में तनाव की समस्या उत्पन्न होने लगती है। पीड़ित के मुताबिक जब वो इस बीमारी से ग्रसित था, तो उसने साल 2018 के बाद से किसी से हाथ तक नहीं मिलाया। इस स्थिति में युवक काफी चिंतित रहने लगा और खुद को बाकी लोगों से थोड़ा अलग महसूस करने लगा।

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बीमारी से लड़ने का लिया फैसला
सोरायसिस से बढ़ती परेशानी के बीच पीड़ित ने फैसला किया है कि अगर ठीक होना है और स्थिति को बदलना है तो इसे नियंत्रित करना होगा। इसके बाद युवक ने त्वचा विशेषज्ञों से सलाह ली। जिससे कि वो इस बीमारी को ठीक प्रकार से समझ सके। इस दौरान डॉक्टरों ने ब्लड से संबंधित सभी टेस्ट करने की बात कही और इसके बाद युवक में विटामिन डी की कमी, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल और थोड़ी सोडियम की कमी पाई। इसके बाद डॉक्टर ने तुरंत उसकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप दवा को बदल दिया।

एक बार जब युवक ने सोरायसिस के पहलू को समझा, तो उसने अपनी सामाजिक चिंता और तनाव के स्तर पर काम करने की कोशिश की। उसने अपनी भावना से निपटने के लिए परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा की। इससे उसे काफी हद तक मदद मिली। इस दौरान युवक के हाथ और पैर बेहतर दिख रहे थे और दर्द में पहले ज्यादा कंट्रोल था।

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