पल्मोनरी अल्वीओलर प्रोटीनोसिस - Pulmonary Alveolar Proteinosis in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

October 28, 2020

January 09, 2021

पल्मोनरी अल्वीओलर प्रोटीनोसिस
पल्मोनरी अल्वीओलर प्रोटीनोसिस

पल्मोनरी अल्वीओलर प्रोटीनोसिस क्या है?

पल्मोनरी अल्वीओलर प्रोटीनोसिस (पीएपी) फेफड़ों से जुड़ी एक दुर्लभ स्थिति है। इसमें फेफड़ों की वायु थैली (अल्वीओली) में प्रोटीन, वसा और अन्य पदार्थों (सर्फेक्टेंट) का निर्माण होने लगता है। अल्वीओली फेफड़े का वह भाग है, जिसमें हवा होती है।

दुनियाभर में 1,00,000 लोगों में से यह बीमारी किसी एक को प्रभावित करती है। यह एक जन्मजात स्थिति है लेकिन आमतौर पर यह वयस्कों में विकसित होती है। इसे कभी-कभी फॉस्फोलिपिडोसिस या पल्मोनरी अल्वीओलर लिपोप्रोटीनोसिस कहा जाता है।

पल्मोनरी अल्वीओलर प्रोटीनोसिस के संकेत और लक्षण क्या हैं?

पीएपी के मामलों में ऐसा भी हो सकता है कि लक्षण न दिखाई दें, लेकिन जिन मामलों में लक्षण देखे जाते हैं उनमें शामिल हैं :

पीएपी के लक्षणों का इलाज न कराने की स्थिति में यह गंभीर रूप ले सकता है। इसमें फेफड़ों के कार्यों में कमी और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

पल्मोनरी अल्वीओलर प्रोटीनोसिस का कारण क्या है?

सर्फेक्टेंट फेफड़ों पर एक परत बनाता है। पीएपी की समस्या तब विकसित होती है, जब यह बाहरी पदार्थ (सर्फेक्टेंट) की मात्रा असामान्य या बहुत अधिक हो जाती है और फेफड़ों के वायुमार्ग को ब्लॉक कर देती है। इ​स स्थिति में फेफड़ों से खून में ऑक्सीजन पहुंचने की प्रक्रिया बाधित हो जाती है, जिस कारण सांस लेने में दिक्कत आती है। हालांकि, पीएपी का सटीक कारण पता नहीं है लेकिन इस पर शोध जारी है।

(और पढ़ें - ऑक्सीजन की कमी क्या है)

पल्मोनरी अल्वीओलर प्रोटीनोसिस का निदान कैसे किया जाता है?

यदि लक्षण देखने के बाद डॉक्टर को संदेह है कि मरीज को पीएपी की समस्या है, तो वे निम्नलिखित परीक्षण कर सकते हैं :

  • फेफड़ों में सफेद धब्बे या पैच देखने के लिए छाती का एक्स-रे
  • फेफड़ों में सफेद पैच देखने के लिए छाती का सीटी स्कैन
  • एंटीबॉडी के लिए ब्लड टेस्ट
  • फेफड़ों की वायु क्षमता की जांच के लिए पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट

पल्मोनरी अल्वीओलर प्रोटीनोसिस का इलाज कैसे किया जाता है?

कुछ मामलों में, पीएपी के लक्षण इतने हल्के होते हैं कि उन्हें उपचार की जरूरत नहीं होती है, जबकि कुछ हल्के मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी से स्थिति हल हो सकती है।

यदि लक्षण गंभीर हैं, तो डॉक्टर सलाइन सॉल्यूशन (एक तरह की दवाई) की मदद से फेफड़ों से सर्फेक्टेंट को हटा सकते हैं। यदि फेफड़े का थोड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है तो सिर्फ उस हिस्से की सफाई की जाएगी, लेकिन फेफड़े का ज्यादा हिस्सा प्रभावित होने पर पूरे फेफड़े की सफाई की आवश्यकता पड़ सकती है, जिसके लिए 'होल लंग्स लैवेज' नामक प्रक्रिया की मदद ली जाती है।

यदि फेफड़े की सफाई से स्थिति ठीक नहीं होती है, तो ऐसे में कई उपचारों की आवश्यकता हो सकती है। डॉक्टर कुछ दवाइयां लिख सकते हैं, यदि इससे भी उम्मीद के मुताबिक असर नहीं होता है आखिर में वे लंग्स ट्रांसप्लांट का सुझाव दे सकते हैं।