सांस फूलना - Shortness of Breath in Hindi

Dr. Nabi Darya Vali (AIIMS)MBBS

August 12, 2018

February 01, 2024

सांस फूलना
सांस फूलना

सांस फूलना क्या होता है?

सांस फूलना या सांस चढ़ना एक बेचैनी भरी स्थिति होती है, जिसमें फेफड़ों तक पर्याप्त मात्रा में वायु (ऑक्सीजन) पहुंचने में कठिनाई होने लगती है। आपके दिल या फेफड़ों से संबंधित कोई भी समस्या आपकी सांसों में बाधा डाल सकती है। सांस फूलने की समस्या कुछ लोगों को अचानक व कुछ समय के लिए होती है और कुछ लोगों को लंबे समय तक यह समस्या बनी रहती है, जिसमें कुछ हफ्ते या उससे ज्यादा का समय भी लग सकता है।

सांस फूलने की समस्या के दौरान हुए अनुभव का लोग अलग-अलग तरीके से वर्णन करते हैं, जैसे सांस लेने में दिक्कत, छाती में जकड़न, अंदर पर्याप्त वायु ना खींच पाना आदि। सांस फूलना काफी बेचैनी भरा हो सकता है और कई बार काफी डरावना भी, हालांकि, इस समस्या से फेफड़ों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंच पाता। 

जब आप कुछ ज्यादा मेहनभरा या तनाव भरा काम करते हैं तो सांसे फूलना आम बात होती है, लेकिन किसी प्रकार की मेहनत किए बिना और अचानक से यदि इसकी समस्या होती है तो यह एक मेडिकल (चिकित्सा) स्थिति हो सकती है। 

(और पढ़ें - प्राणायाम के फायदे)

सांस फूलने के लक्षण - Shortness of Breath Symptoms in Hindi

सांस फूलने के लक्षण क्या हो सकते हैं?

सांस फूलने के दौरान महसूस होता है कि आपको सांस लेने में कठिनाई हो रही है और आप अपने फेफड़ों को पर्याप्त वायु नहीं दे पा रहे हैं।

सांस फूलने की समस्या अचानक या धीरे-धीरे बढ़ सकती है। अचानक से होने वाली सांस फूलने की समस्या कुछ ही मिनट में विकसित हो जाती है तथा यह बुखारचकत्ते, ​खांसी जैसे लक्षणो के साथ हो सकती है।​ 

सांस फूलने की क्रोनिक समस्या में घर के किसी भी काम को करते समय सांसों में कमी का अनुभव होने लगता है, जैसे एक कमरे से दूसरे कमरे तक चलकर जाना, एक पॉजिशन (स्थिति) में खड़े रहना आदि।

शरीर के पॉजिनशन को बदलना भी कई बार इस स्थिति (सांस फूलने की समस्या) में परिवर्तन ला सकता है। उदाहरण के लिए, जिन लोगों को फेफड़ों या दिल से सबंधित बीमारियां हैं, उनके लेटने से उनकी सांस फूलने की समस्या शुरू हो जाती है।

सांस फूलने की समस्या से ग्रसित लोगों में निम्न प्रकार के लक्षण दिखाई पड़ना चिंता का विषय हो सकता है:

  • छाती में बेचैनी महसूस होना, दिल जोर-जोर से धड़कना या धड़कन तेज होना या बीच-बीच में दिल की धड़कने छूटना (रुकना)।
  • आराम करने के दौरान भी सांस फूलना।
  • हलचल, विभ्रान्ति या चेतना का स्तर कम होना।
  • रात के समय पसीना आना।
  • वजन कम होना (और पढ़ें - वजन बढ़ाने का तरीका)

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर आप सांस फूलने की गंभीर समस्या से ग्रसित हैं, जो अचानक से होने लगती है और शारीरिक क्षमताओं को प्रभावित करती है। या, अगर आपको सांस फूलने और छाती में दर्द होने जैसी दोनों समस्याएं एक साथ महसूस हो रही हों, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर बेहोशी या मतली आदि जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको लमोनरी एंबोलिज्म (Pulmonary embolism) की समस्या हो सकती है।

अगर सांस फूलने की समस्या के साथ निम्न लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाएं -

  • सीधे लेट जाने पर सांस लेने में कठिनाई,
  • बुखार, ठंड लगना और खांसी,
  • सांस लेने पर सीने से घरघराहट की आवाज,
  • पैरों और टखनों में सूजन, (और पढ़ें - पैरों में सूजन के कारण)
  • सांस की कठिनाई पहले से अधिक बदतर हो जाना, इत्यादि।

सांस फूलने के कारण और जोखिम कारक - Shortness of Breath Causes & Risk Factors in Hindi

सांस फूलने के कारण क्या हो सकते हैं?

कुछ लोगों को अचानक से सांस फूलने की समस्या अनुभव होती है, वह भी केवल थोड़े समय के लिए तथा कुछ लोगों को लंबे समय तक या नियमित रूप से सांस की समस्या महसूस होती है। नियमित रूप से होने वाली सांस की समस्या के कारण सामान्य भी हो सकते हैं, और कोई गंभीर अंदरूनी समस्या भी हो सकती है। अचानक से सांस फूलने का संकेत है कि व्यक्ति को तुरंत मेडिकल जांच करवानी चाहिए।

सांस फूलने की समस्या अगर हर समय होती है, तो उसके निम्न कारण भी हो सकते हैं, जैसे:

  • वायु प्रदूषण या हवा में एलर्जिक पदार्थ होना
  • चिंता
  • अधिक वजन बढ़ना या आकार से बाहर होना (बेडौल होना)

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  • धूम्रपान करना (और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के सरल तरीके)
  • अधिक तापमान बढ़ना
  • अत्याधिक और जोरदार व्यायाम करना

नियमित रूप से सांस फूलने की समस्या किसी अत्याधिक गंभीर स्थिति का संकेत भी दे सकती है, जो दिल व फेफड़ों को प्रभावित करती है। दिल और फेफड़े ऑक्सीजन को पूरे शरीर तक पहुंचाते हैं और कॉर्बनडाइऑक्साइड को बाहर निकाल देते हैं। ऐसी स्थितियां जो इन कार्यों को प्रभावित करती हैं, वे सांस फूलने की समस्या को भी शुरू कर देती हैं।

कुछ अंतर्निहित समस्याएं जो दिल और फेफड़ों को प्रभावित करती हैं, वे सांस फूलने की समस्या को भी उत्पन्न कर सकती हैं, जैसे:

सांस फूलने की एक्यूट समस्या के कुछ अन्य लक्षण भी है, जो मेडिकल इमर्जेंसी का संकेत देते हैं, जैसे,

  • फेफड़ों में खून के थक्के जमना
  • निमोनिया
  • कॉर्बन मोनोक्साइड पॉइजनिंग
  • बाहरी चीजों व पदार्थों को सांस द्वारा अंदर खींचना
  • श्वसन मार्ग अवरुद्ध होना
  • हार्ट फेल होना
  • दिल का दौरा पड़ना
  • दिल का आकार बढ़ना (दिल में सूजन)
  • गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया (और पढ़ें - anaphylaxis in hindi)

सांस फूलने का जोखिम कब बढ़ जाता है? 

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सांस फूलने से बचाव - Prevention of Shortness of Breath in Hindi

सांस फूलने की समस्या की रोकथाम के उपाय क्या हैं?

सांस फूलने की समस्या को आमतौर पर दवा, सांस लेने की तकनीकों, व्यायाम या ऑक्सीजन सप्लिमेंट्स द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। अन्य कुछ तरीके जिनको अपनाकर सांस संबंधी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है, उनमें निम्न शामिल हैं -

  • घर के अंदर एवं बाहर प्रदूषित वायु के संपर्क में आने से बचें।
  • धूम्रपान करना छोड़ दें।
  • सामान्य शारीरिक चेकअप करवाएं, क्योंकि सांस फूलना किसी गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है।
  • पंखे के आगे बैठें और हवा को चेहरे पर लगने दें।
  • यदि वजन ज्यादा है, तो उसे घटाएं।
  • अगर आप 5,000 फीट के आस पास की ऊंचाई पर हैं, तो तनाव या परिश्रम आदि से बचें।
  • ऐसी चीजों से दूर रहें जो अस्थमा को बढ़ा सकती हैं।
  • सांस फूलने से जुड़ी अपनी सोच व चिंताओं को खुलकर डॉक्टर को बताएं।
  • अगर आप ऑक्सीजन सप्लिमेंट्स (ऑक्सीजन के वैकल्पिक साधन) पर आश्रित हैं, तो सुनिश्चित कर लें  कि आपको ऑक्सीजन की जरुरी मात्रा मिल रही है और संबंधित उपकरण पूरी तरह से काम कर रहे हैं।
  • सांस को रोकने की कोशिश ना करें।

सांस फूलने का परीक्षण - Diagnosis of Shortness of Breath in Hindi

सांस फूलने की समस्या का निदान कैसे किया जाता है?

सांस फूलने की समस्या का निदान करने के लिए मरीज द्वारा दी गई लक्षणों की जानकारी काफी होती है। मेडिकल संबंधी पिछली जानकारी एवं साथ ही साथ शारीरिक परीक्षण इस बारे में एक अच्छा स्पष्टीकरण दे सकते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ विशेष टेस्ट करने की आवश्यकता पड़ जाती है।

 कुछ प्रकार के टेस्ट जिनकी जरूरत पड़ सकती है:

  • छाती का एक्स-रे या सीटी स्कैन - निमोनिया और फेफड़ों में खून के थक्के आदि की जांच करने के लिए ये टेस्ट किए जाते हैं।
  • ईसीजी​ – इससे दिल से इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स को मापा जाता है। ये सिग्नल दिल के धड़कने की गति और दिल के दौरे संबंधी जानकारी देते हैं।
  • पल्स ऑक्सिमेट्री (Pulse oximetry) - यह एक उपकरण होता है, जिसको उंगली या कान की पट्टिका पर लगाया जाता है, यह उपकरण खून में ऑक्सीजन की मात्रा को मापता है।
  • ब्लड टेस्ट - ब्लड टेस्ट में पूर्ण रक्त गणना (complete blood count) भी की जाती है, ताकि एनीमिया और संक्रमण आदि की जांच की जा सके। और फेफड़ों में खून के थक्के या अन्य द्रव की जांच करने के लिए अन्य प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं।

सांस फूलने का इलाज - Shortness of Breath Treatment in Hindi

सांस फूलने की समस्या का उपचार कैसे किया जाता है?

सांस फूलने की समस्या का इलाज उसके कारणों  के आधार पर किया जाता है। जिन लोगों के खून में ऑक्सीज़न की मात्रा में कमी होती है, उनको प्लास्टिक नेज़ल स्प्रे या प्लास्टिक मास्क का उपयोग करके ऑक्सीजन सप्लिमेंट्स दिए जाते हैं। गंभीर मामलों में, विशेष रूप से जब मरीज पर्याप्त तेजी से और गहराई से सांस ना ले पाएं, तो ब्रेथिंग वेंटिलेशन द्वारा मदद मिल सकती है, जिसमें एक ट्यूब को श्वास नली में डाला जाता है या मास्क का इस्तेमाल किया जाता है।

स्वयं अपनी देखभाल कैसे करें - 

अगर मरीज को पता हो की उनके सांस संबंधी समस्या का कारण क्या है और वे ये भी जानते हों कि यह समस्या कोई मेडिकल इमर्जेंसी नहीं है। तो उनको घर पर ही निम्न तरीके इस्तेमाल करने चाहिए

1. व्यायाम - निम्न कुछ प्रकार के व्यायाम सांस फूलने की समस्या का उपचार करने में मदद कर सकते हैं।

2. आरामदायक पॉजिशन (स्थिति) ढूंढना - लेटने या खड़े होने में आरामदायक पॉजिशन ढूंढना, सांस फूलने की समस्या को कम करने के लिए काफी मददगार हो सकती है। अगर समस्या चिंता या तनाव के कारण है, तो विशेष रूप से इसका इस्तेमाल करना बेहतर होता है।

निम्न पॉजिशन हैं, तो वायुमार्गों में दबाव को कम करती है औऱ सांस फूलने की समस्या से राहत दिलाती है:

  • कुर्सी पर सीधी अवस्था में बैठें
  • दीवर पर पीठ लगाकर उसके सहारे खड़ा होना और कमर को दीवार की तरह सीधा रखना
  • पैरों से वजन कम करने के लिए, हाथों को मेज पर रखें और शरीर का झुकाव हाथों पर रखें
  • सिर व घुटनों के नीचे तकिया लगाकर लेटना

3. पंखे का इस्तेमाल करना - पंखे के आगे हवा के दबाव के सामने बैठना, इससे ऐसा महसूस होता है जैसे अधिक मात्रा में हवा अंदर जा रही है। सांस फूलने की समस्या में यह उपचार काफी प्रभावी पाया गया है।

4. गहरी सांस लेना - पेट द्वारा गहरी सांस लेना कुछ लोगों में सांस फूलने की समस्या में सुधार ला सकती है। निम्न बताए गए तरीकों को घर पर करें।

  • लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को पेट पर रखें,
  • नाक से गहरी सांसे लें,
  • कुछ सेकेंड्स के लिए उसे अंदर रखें,
  • और फिर सांस को मुंह द्वारा धीरे-धीरे बाहर छोड़ दें,
  • इस पैटर्न को 5 से 10 मिनट तक दोहराते रहें।

इस एक्सरसाइज को दिन में कई बार किया जाना चाहिए या जब व्यक्ति को सांस फूलना महसूस होने लगे तो इसका इस्तेमाल करें। यह बेहतर होगा कि तेजी से सांस लेने की बजाए धीरे-धीरे तथा गहरी सांसे लें।

5. पर्स्ड लिप ब्रेथिंग (Pursed-lip breathing/ साँस लेने की एक पद्धति)  – इसकी मदद से मरीज की सांस लेने की गति को धीमा करके सांस फूलने की समस्या का इलाज किया जाता है। विशेष रूप से इसका इस्तेमाल चिंता के कारण होने वाली सांस फूलने की समस्या के लिए किया जाता है।  

पर्स्ड लिप ब्रेथिंग घर पर किया जाना चाहिए, जिसके लिए निम्न तरीकों को अपनाएं -

  • कुर्सी पर सीधा होकर बैठें और कंधों को आराम दे,
  • अपने होठों को एक दूसरे से दबाएं और उनके बीच में थोड़ा सुराग बना कर रखें,
  • नाक के द्वारा सांस अंदर लें और कुछ सेकेंड्स के लिए अंदर रखें,
  • और फिर दबाएं गए होठों के सुराग से धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ दें,
  • इस प्रक्रिया को 10 मिनट तक करते रहें।

लोग इस प्रक्रिया को किसी भी समय कर सकते हैं और जब तक उनको बेहतर महसूस नहीं होता, वे इसे करते रह सकते हैं।

6. ताजा अदरक का सेवन करें – ताजा अदरक का सेवन या किसी गर्म पेय में अदरक मिलाकर सेवन करने से श्वसन तंत्र में संक्रमण होने के कारण होने वाली सांस फूलने की समस्या को दूर किया जा सकता है।

7. भाप लेना – यह वायुमार्गों को खुला रखने में मदद  करता है और सांस ले पाने में मदद मिलती है। भाप में पाई जानेवाली गर्मी और नमीं बलगम को तोड़ देती है, जिससे सांस फूलने की समस्या कम होने लगती है।

इसे घर पर करने के लिए निम्न बातों का अनुसरण करें -

  • एक बर्तन को गर्म पानी से भर लें,
  • उसमें कुछ बूंदे पेपरमिंट या नीलगिरी का तेल डालें,
  • बर्तन के उपर अपना चेहरा करें और किसी तौलिया या मोटे कपड़े से ढ़क लें।
  • ढ़क कर अच्छी तरह से अंदर भाप में सांस लें।

(और पढ़ें - भाप लेने का तरीका)

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संदर्भ

  1. Dominik Berliner, Nils Schneider,Tobias Welte, Johann Bauersachs. [link]. Dtsch Arztebl Int. 2016 Dec; 113(49): 834–845. PMID: 28098068
  2. Mukerji V. Dyspnea, Orthopnea, and Paroxysmal Nocturnal Dyspnea. In: Walker HK, Hall WD, Hurst JW, editors. Clinical Methods: The History, Physical, and Laboratory Examinations. 3rd edition. Boston: Butterworths; 1990. Chapter 11.
  3. Am Fam Physician. 2012 Jul 15;86(2):173-180. [Internet] American Academy of Family Physicians; Causes and Evaluation of Chronic Dyspnea.
  4. Berliner D, Schneider N, Welte T, Bauersachs J. The differential diagnosis of dyspnea. Deutsches Ärzteblatt International. 2016 Dec;113(49):834. PMID: 28098068
  5. Merck Manual Professional Version [Internet]. Kenilworth (NJ): Merck & Co. Dyspnea
  6. Abernethy AP, Currow DC, Frith P, Fazekas BS, McHugh A, Bui C. Randomised, double blind, placebo controlled crossover trial of sustained release morphine for the management of refractory dyspnoea. . Bmj. 2003 Sep 4;327(7414):523-8. PMID: 12958109

सांस फूलना के डॉक्टर

Dr. Manish Gudeniya Dr. Manish Gudeniya कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
8 वर्षों का अनुभव
Dr. Manish Kumar Dr. Manish Kumar कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
17 वर्षों का अनुभव
Dr. Oliyath Ali Dr. Oliyath Ali कान, नाक और गले सम्बन्धी विकारों का विज्ञान
7 वर्षों का अनुभव
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सांस फूलना की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Shortness of Breath in Hindi

सांस फूलना के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है।

सांस फूलना की जांच का लैब टेस्ट करवाएं

सांस फूलना के लिए बहुत लैब टेस्ट उपलब्ध हैं। नीचे यहाँ सारे लैब टेस्ट दिए गए हैं:

सांस फूलना पर आम सवालों के जवाब

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मुझे सांस लेने में प्रॉब्लम, घरघराहट आवाज आने और सांस फूलने की दिक्कत है। पिछले एक दिन से मेरी सांसें बहुत तेज चल रही हैं, ऐसा क्यों हो रहा है?

Dr. Rahul Poddar MBBS, DNB, MBBS, DNB , सामान्य शल्यचिकित्सा

सांस लेते समय घरघराहट होना असामान्य बात है। किसी संक्रमण या ब्रोंकाइटिस या अस्थमा के कारण ऐसा हो सकता है। सही कारण का पता लगाने और समय पर इलाज के लिए आप डॉक्टर को दिखाएं।

 

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मुझे एलर्जी राइनाइटिस है। मेरी सांस फूलने लगती है और सांस लेने में भी दिक्कत होती है। मुझे क्या करना चाहिए?

ravi udawat MBBS , सामान्य चिकित्सा

आप सबसे पहले पुलमोनोलॉजिस्ट से अपनी पूरी जांच करवा लें ताकि इन लक्षणों की असली वजह का पता चल सके। वह आपको छाती का एक्स-रे और पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

हर रात लगभग 3 बजे के करीब मेरी सांस फूलने लगती है। मुझे गहरी सांस या मुंह से सांस लेनी पड़ती है। कभी-कभी गहरी सांस लेने से मेरी छाती में दर्द भी होने लगता है। मैं रोजाना पानी भी पीता हूं? मुझे क्या प्रॉब्लम है? यह दिक्कत मुझे पिछले 5 सालों से हो रही है। डॉक्टर ने मुझे कहा कि मैं ठीक हूं। अब यह प्रॉब्लम मुझे फिर से हो रही है, मैं क्या करूं? क्यों मुझे सांस लेने में दिक्कत होती है और मेरी सांस फूलती है?

Dr. Joydeep Sarkar MBBS , कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, श्वास रोग विज्ञान, गुर्दे की कार्यवाही और रोगों का विज्ञान, हीपैटोलॉजी (यकृत पित्त अग्न्याशय चिकित्सा ), आंतरिक चिकित्सा, मधुमेह चिकित्सक

ऐसा ब्रोन्कोस्पास्म की थोड़ी मात्रा की वजह से हो सकता है। इसका संबंध प्रदूषण या एलर्जी से भी हो सकता है। आपकी सांस क्यों फूल रही है और सांस लेने में इतनी प्रॉब्लम क्यों आ रही है, इस बारे में जानने के लिए छाती का एक्स-रे और पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट करवा लें। आपको ब्रोंकोडाईलेटर्स के कोर्स की जरूरत है। एक बार डॉक्टर को अपनी दिखाएं या रिपोर्ट्स के साथ आप हमसे भी संपर्क कर सकते हैं।

सवाल 4 साल से अधिक पहले

मेरी उम्र 22 साल है। कुछ दिनों से मेरी सांस फूल रही है। मैं जब भी किसी से बात या कोई काम करता हूं तो मुझे सांस लेने में बहुत परेशानी होती है। मैं जानना चाहता हूं कि क्या यह नॉर्मल है?

Dr. Kumawat Vijay Kumar MBBS , सामान्य चिकित्सा

ये परेशानी नॉर्मल नहीं है। आपको कोई प्रॉब्लम है जिसकी वजह से सांस फूल रही है। आप पुलमोनोलॉजिस्ट को दिखाएं। वो आपको कुछ टेस्ट करवाने के लिए कहेंगें जिसके बाद ही इस प्रॉब्लम की असली वजह का पता चल पाएगा।