तनाव किसी भी कारण से हो सकता है. यहां तक कि नींद पूरी न होने पर भी तनाव महसूस हो सकता है. जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक तनाव में रहता है, तो इसका उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है. तनाव शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर सकता है और हृदय रोगडिप्रेशन के जोखिम को बढ़ा सकता है. इतना ही नहीं यह त्वचा और नाखूनों को भी प्रभावित कर सकता है. अधिक समय तक तनाव में रहने से त्वचा बेजान और खराब नजर आ सकती है.

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आज इस लेख में आप जानेंगे कि तनाव में रहने का चेहरे पर क्या असर पड़ता है -

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  1. तनाव से कैसे प्रभावित होता है चेहरा
  2. तनाव कम करने के उपाय
  3. सारांश
तनाव का चेहरे पर क्या असर होता है? के डॉक्टर

तनाव त्वचा से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है. दरअसल, तनाव शरीर में कैमिकल रिएक्शन करता है, जिसकी वजह से त्वचा संवेदनशील बन जाती है. फिर त्वचा पर तरह-तरह की समस्याएं होने लगती हैं. तनाव का चेहरे पर पड़ने वाला असर -

मुंहासे

जब कोई व्यक्ति तनाव में होता है, तो उसके शरीर में हार्मोन असंतुलित होने लगते हैं. इसकी वजह से चेहरे पर मुंहासे होने लगते हैं. दरअसल, तनाव बढ़ने से वसामय ग्रंथियों में सीबम का उत्पादन अधिक होने लगता है. ये सीबम त्वचा के छिद्रों को बंद कर सकता है और मुंहासे पैदा कर सकता है. 

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आंखों के नीचे सूजन

तनाव आंखों के नीचे सूजन का कारण भी बन सकता है. दरअसल, बढ़ती उम्र में आंखों के आसपास की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. त्वचा की इलास्टिसिटी भी कम होने लगती है. इसलिए, अधिक उम्र में आंखों के नीचे सूजन होना सामान्य हो जाता है. 

वहीं, कुछ शोध में पाया गया है कि नींद की कमी के कारण होने वाला तनाव भी उम्र बढ़ने के लक्षणों को बढ़ा सकता है. तनाव के कारण त्वचा पर फाइन लाइंस, अनइवन पिगमेंटेशन जैसी समस्याएं दिख सकती हैं. ऐसे में जब स्किन इलास्टिसिटी कम होती है, तो आंखों के नीचे सूजन होने लगती है.

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ड्राई स्किन

लंबे समय तक तनाव में रहने से चेहरे की स्किन रूखी हो सकती है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि तनाव स्किन के स्ट्रेटम कॉर्नियम लेयर के काम को बाधित कर देता है. इससे स्किन पर रूखापन नजर आने लगता है.

आपको बता दें कि स्ट्रेटम कॉर्नियम त्वचा की बाहरी परत होती है. इसमें प्रोटीन और लिपिड होते हैं, जो त्वचा की कोशिकाओं को हाइड्रेट रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. स्ट्रेटम कॉर्नियम एक बैरियर के रूप में भी कार्य करता है. यह नीचे से त्वचा की रक्षा करता है. ऐसे में जब स्ट्रेटम कॉर्नियम ठीक से काम नहीं कर पाता है, तो त्वचा ड्राई हो जाती है. त्वचा पर खुजली और इरिटेशन होने लगती है. 

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रैशेज

तनाव में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है. एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली पेट और त्वचा में डिस्बिओसिस नामक बैक्टीरिया को असंतुलित कर देती है. ऐसे में जब इस बैक्टीरिया का असंतुलन त्वचा पर होता है, तो इससे चेहरे पर रैशेज होने लगते हैं. यह चेहरे पर रेडनेस व दाने आदि का कारण भी बन सकता है. 

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झुर्रियां व महीन रेखाएं

तनाव की वजह से त्वचा में इलास्टिसिटी कम होने लगती है. इसके अलावा, तनाव त्वचा में प्रोटीन में बदलाव करता है. इसकी वजह से चेहरे पर उम्र से पहले ही एजिंग के लक्षण नजर आने लगते हैं. ऐसे में चेहरे पर झुर्रियां व महीन रेखाएं आदि नजर आने लगती हैं.

अगर किसी को त्वचा से संबंधित कोई समस्या पहले से ही है और अधितकर समय तनाव में ही रहते हैं, तो तनाव स्किन प्रॉब्लम को ट्रिगर कर सकता है. तनाव सोरायसिसरोजेशिया और एक्जिमा को बढ़ा सकता है. यह पित्ती और अन्य प्रकार की त्वचा पर चकत्ते का कारण बन सकता है. इतना ही नहीं तनाव चेहरे पर फोड़े-फुंसियों को भी पैदा कर सकता है.

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तनाव के चलते चेहरे को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए -

  • अच्छी लाइफस्टाइल फॉलो करें. इसके लिए समय पर सोना और जागना जरूरी है. 7 से 9 घंटे नींद जरूर लेनी चाहिए.
  • बैलेंस डाइट लें. इसमें प्रोटीनविटामिनमिनरल और फाइबर को शामिल करें. 
  • खुद को एक्टिव रखें. इसके लिए रेगुलर एक्सरसाइज और योग करें. एक्सरसाइज करने से हार्मोन का स्तर संतुलित रहेगा.
  • अपने दोस्तों व परिवार के लोगों के साथ बैठकर बात करें. अपनी मानसिक स्थिति के बारे में उन्हें जरूर बताएं.
  • ड्रग्स और शराब आदि से बचें. नशीली दवाओं और शराब का सेवन करने से तनाव को ट्रिगर होने का मौका मिलता है.

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तनाव जीवन का एक हिस्सा बन चुका है. कभी-कभार तनाव होना आम है, लेकिन हमेशा ही तनाव में रहना स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके अलावा, तनाव में रहने से चेहरे पर मुंहास, झुर्रियां व रैशेज जैसी समस्याएं भी हो सकती है. इसलिए, हमेशा तनाव मुक्त रहने की कोशिश करनी चाहिए. तनाव यानी स्ट्रेस फ्री रहने के लिए रोजाना मेडिटेशन करें. अच्छा खाना खाएं और खुश रहने की कोशिश करें.

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