सिनोवियल सार्कोमा - Synovial sarcoma in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

June 06, 2021

July 14, 2021

सिनोवियल सार्कोमा
सिनोवियल सार्कोमा

सिनोवियल सार्कोमा (एसएस) एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जिसे मेलिगनेंट सिनोवियोमा भी कहा जा सकता है। यह सॉफ्ट-टिशू सार्कोमा का एक प्रकार है। एसएस ऐसे कोमल या नरम ऊतकों को प्रभावित करता है, जो आपके शरीर में हड्डियों और अंगों को जोड़ते हैं, उन्हें सहारा देते हैं। इनमें मांसपेशियां, वसा, रक्त या लसीका वाहिकाओं, नसें, कंडरा इत्यादि शामिल हो सकती हैं। बहुत ही कम लोगों को यह रोग होता है। देखा जाए तो सभी प्रकार के कैंसर के 1% से भी कम के लिए जिम्मेदार है। आमतौर पर यह किशोर और युवा वयस्कों (15 से 35 वर्ष की आयु) में होता है।

(और पढ़ें -  कैंसर का आयुर्वेदिक इलाज)

सिनोवियल सार्कोमा के लक्षण - Synovial sarcoma symptoms in Hindi

हो सकता है कि शुरुआत में आपको सिनोवियल सार्कोमा के लक्षण दिखाई न दें, लेकिन जैसे-जैसे ये ट्यूमर बढ़ते हैं, आपको एक गांठ या सूजन वाली जगह महसूस हो सकती है।

आमतौर पर यह कूल्हे, घुटने, टखने या कंधे के जोड़ों के आसपास के नरम ऊतकों को प्रभावित करता है। कुछ लोगों में ये ट्यूमर इतने बड़े हो जाते हैं कि उन्हें हिलाना मुश्किल हो जाता है या वे नसों को दबाने लगते हैं, जिससे नसें सुन्न होने लगती हैं या नसों में दर्द बनने लगता है। दुर्लभ मामलों में यह ट्यूमर सिर, गर्दन या छाती में भी हो सकते हैं।

(और पढ़ें - नस दबने का घरेलू उपचार)

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सिनोवियल सार्कोमा के मामले में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए - When to seek doctor's advice in Hindi

निम्न स्थितियों में आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए :

  • एक गांठ जिसका आकार लगातार बढ़ रहा हो या उसमें दर्द बढ़ रहा हो
  • किसी भी आकार की गांठ, जो किसी मांसपेशी के अंदर स्थित हो
  • गांठ को हटाने के बाद दोबारा से गांठ बनना

सिनोवियल सार्कोमा का कारण - Synovial sarcoma causes in Hindi

सिनोवियल सार्कोमा का सटीक अंतर्निहित कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि, अध्ययनों से पता चला है कि 90% से अधिक मामलों में यह आनुवंशिक विकार से जुड़ा है। विशेष रूप से, क्रोमोसोम एक्स और क्रोमोसोम 18 के बीच ट्रांसलोकेशन (क्रोमोसोमल असामान्यता) सिनोवियल सार्कोमा के विकास में महत्वपूर्ण रोल निभा सकता है। इस बदलाव को 'सोमेटिक म्यूटेशन' के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह शरीर की कुछ कोशिकाओं में ही विकसित होता है।

इसके अलावा कुछ वंशागत स्थितियां जैसे 'ली फ्राउमेनी सिंड्रोम' या 'न्यूरोफाइब्रोमैटॉसिस टाइप 1' भी सिनोवियल सार्कोमा के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

कुछ अध्ययनों से पता चला है कि रेडिएशन थेरेपी के संपर्क में आना भी सिनोवियल सार्कोमा के जोखिम से जुड़ा है।

(और पढ़ें - थेरेपी क्या है)

सिनोवियल सार्कोमा का निदान - Synovial sarcoma diagnosis in Hindi

सबसे पहले सिनोवियल सार्कोमा के लक्षणों के आधार पर सिनोवियल सार्कोमा के निदान पर संदेह किया जाता है। इसके बाद पुष्टि करने, स्थिति की गंभीरता को निर्धारित करने और उपचार विकल्पों को तय करने के लिए कुछ टेस्ट कराने का सुझाव दिया जाता है। इनमें शामिल हैं :

सिनोवियल सार्कोमा से ग्रस्त करीब एक तिहाई रोगियों का निदान 30 वर्ष से कम आयु में हो जाता है और यह पुरुषों में अधिक सामान्य है।

(और पढ़ें - ब्रोंकोस्कोपी क्या है)

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सिनोवियल सार्कोमा का इलाज - Synovial sarcoma treatment in Hindi

सिनोवियल सार्कोमा का इलाज इसके आकार, प्रकार और ट्यूमर की जगह पर निर्भर करता है।

  • सर्जरी : सिनोवियल सार्कोमा में सर्जरी एक आम प्रक्रिया है, जिसमें आमतौर पर कैंसर और उसके आसपास के कुछ स्वस्थ ऊतकों को हटाना शामिल है।
  • रेडिएशन थेरेपी : इसमें उच्च ऊर्जा वाली रेडियों तरंगों की मदद से कैंसर का इलाज किया जाता है -
    • सर्जरी से पहले : सर्जरी से पहले रेडिएशन ट्यूमर को सिकोड़ने में मदद कर सकता है, ताकि इसे निकालना आसान हो।
    • सर्जरी के दौरान : अंतर्गर्भाशयी विकिरण (Intraoperative radiation) आसपास के ऊतकों को बचाते हुए, सीधे लक्ष्य तक रेडिएशन को पहुंचाता है।
    • सर्जरी के बाद : पोस्टऑपरेटिव रेडिएशन बची हुई कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद कर सकता है।
  • कीमोथेरेपी : कीमो एक ऐसा उपचार है, जिसमें ऐसी दवाओं का प्रयोग किया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए रसायनों का उपयोग करता है।
  • टार्गेट ड्रग ट्रीटमेंट : कुछ प्रकार के सॉफ्ट टिश्यू सार्कोमा की कोशिकाओं पर टार्गेट ड्रग ट्रीटमेंट के माध्यम से सफलता पाई जा सकती है। ये दवाएं कीमोथेरेपी से बेहतर काम करती हैं और लगभग उतनी जहरीली नहीं होती हैं।

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