टिटेनी क्या है?
टिटेनी कोई रोग नहीं बल्कि किसी अन्य रोग का एक लक्षण होता है। टिटेनी के कारण मांसपेशियों में ऐंठन, मरोड़ या कंपकंपी होती है। मांसपेशियों में ये परेशानियां तब होती है जब आपकी मांसपेशियों में अनियंत्रित संकुचन होता है।
टिटेनी आपके शरीर की किसी भी मांसपेशी में हो सकता है, जैसे कि आपके चेहरे, उंगलियों या पिंडली (calves) की मांसपेशियों में। टिटेनी से जुड़ी मांसपेशियों की ऐंठन काफी लंबे समय तक चलने वाली और दर्दनाक हो सकती है।
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टिटेनी के लक्षण क्या हैं?
मुंह के चारों ओर, हाथों और पैरों में झुनझुनी होना टिटेनी का सबसे शुरुआती लक्षण है। समय के साथ, झुनझुनी की तीव्रता बढ़ती है और सब जगह होने लगती है। चेहरे, हाथों और पैरों की मांसपेशियों में मरोड़ होने लगती है। हाथ अपने आप एक मुद्रा में आ जाता है, जिसमें उंगलियां सीधी, कलाई झुकी हुई और अंगूठा हथेली से दूर होता है।
आपको फासीक्यूलेशन (अचानक होने वाला संकुचन जो कुछ मसल फाइबर को प्रभावित करता है) और लारेंजियल स्पाज्म (गले के स्वरतंत्र में ऐंठन जिससे सांस में रुकावट आती है) जैसी समस्या भी हो सकती है।
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टिटेनी क्यों होता है?
शरीर में कैल्शियम का स्तर बहुत कम होना टिटेनी का एक आम कारण है। कैल्शियम की कमी के लिए मेडिकल भाषा में हाइपोकैल्शिमिया शब्द का उपयोग किया जाता है। कैल्शियम की कमी के कई कारण हैं जो टिटेनी के कारण बन सकते हैं और इन विभिन्न कारणों के हिसाब से टिटेनी की गंभीरता में काफी अंतर हो सकता है।
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टिटेनी के गंभीर कारणों में दस्त और गुर्दे की बीमारी शामिल है। आपके थायराइड में होने वाली समस्याएं भी कैल्शियम का स्तर कम कर सकती हैं। इसलिए ये समस्याएं भी टिटेनी का कारण बन सकती हैं।
गर्भावस्था, स्तनपान, कुपोषण, विटामिन डी की कमी और कुछ दवाएं भी कैल्शियम का स्तर कम कर सकती हैं, जिससे टिटेनी हो सकता है। कुछ मामलों में, टिटेनी गंभीर या जानलेवा स्थिति का भी लक्षण हो सकता है।
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टिटेनी का इलाज कैसे होता है?
सबसे पहले आपके डॉक्टर यह पता करते हैं कि टिटेनी का कारण क्या है, जिससे उन्हें टिटेनी का इलाज करने में मदद मिलती है।
उपचार का पहला मुख्य उद्देश्य असंतुलन को सही करना होता है। इसमें कैल्शियम या मैग्नीशियम की कमी को दूर करना भी शामिल हो सकता है, उदाहरण के लिए सीधे रक्त प्रवाह में कैल्शियम का इंजेक्शन करना सबसे आम तरीका है। हालांकि, मुंह से कैल्शियम लेना आवश्यक है ताकि इस स्थिति को दुबारा होने से रोका जा सके। कैल्शियम को पचाने के लिए इसे विटामिन डी के साथ लिया जाता है।
एक बार जब डॉक्टर निर्धारित कर लेते हैं कि टिटेनी की जड़ क्या है, तो वे अधिक गंभीर उपचार पर विचार कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि पैराथायरॉइड पर बने ट्यूमर इसका कारण हैं, तो उन्हें सर्जरी से हटाया जा सकता है।
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