टीट्ज़ सिंड्रोम - Tietze Syndrome in Hindi

Dr. Ayush PandeyMBBS,PG Diploma

March 17, 2022

March 17, 2022

टीट्ज़ सिंड्रोम
टीट्ज़ सिंड्रोम

टीट्ज़ सिंड्रोम क्या है?

टीट्ज़ सिंड्रोम एक दुर्लभ इंफ्लेमेटरी विकार है जिसमें ऊपरी पसलियों के कार्टिलेज (कोस्टोकॉन्ड्रल जंक्शन) में सूजन आ जाती है। सूजन खासतौर पर उस जगह आती है, जहां पसली ब्रेस्टबोन (छाती की हड्डी) से जुड़ी होती है। दर्द धीरे-धीरे शुरू हो सकता है या अचानक हो सकता है और बाज़ू व कंधो को प्रभावित करने के लिए अधिक फैल सकता है। टीट्ज़ सिंड्रोम को सौम्य या सामान्य माना जाता है कुछ मामलों में यह बिना  ट्रीटमेंट के ठीक हो जाता है। इसका सटीक कारण अभी तक पता नहीं है।

टीट्ज़ सिंड्रोम के लक्षण - Tietze Syndrome Symptoms in Hindi

टीट्ज़ सिंड्रोम में आपकी ऊपरी पसलियों में कोमलता व सामान्य से गंभीर दर्द हो सकता है। दूसरी या तीसरी पसली आमतौर पर प्रभावित होती है। बहुत से लोगों में केवल किसी एक पसली का कार्टिलेज प्रभावित होता है। प्रभावित पसली के कार्टिलेज में थोड़ी सी स्पिंडल के आकार की सूजन होती है। इस जगह पर ग्रिपिंग (किसी के पकड़ने जैसा), तीव्र, मंदा या न्यूरॉल्जिक दर्द होता है। कभी-कभी दर्द बढ़ कर गर्दन, बांह और  कंधो तक भी फैल सकता है। प्रभावित जगह पर लालिमा (एरिथेमा) और गर्माहट हो सकती है। 

दर्द की शुरुआत धीरे या अचानक से हो सकती है और इसकी तीव्रता भिन्न हो सकती है। टीट्ज़ सिंड्रोम से जुड़ा दर्द छींक, खांसी या अधिक शारीरिक कार्यों व व्यायाम और अधिक बढ़ सकता है। दर्द कुछ हफ़्तों या महीनों में खुद ही ठीक हो जाता है लेकिन सूजन रह सकती है।

टीट्ज़ सिंड्रोम के कारण - Tietze Syndrome Causes in Hindi

इसके सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है (एडीओपेथिक)। कुछ शोधकर्ताओं ने यह अनुमान लगाया है कि छाती के  अंदरूनी भाग में मल्टीपल माइक्रोट्रॉमा से भी टीट्ज़ सिंड्रोम हो सकता है। कभी-कभी यह विकार पुरानी और अत्यधिक खांसी, उल्टी, ट्रॉमा या छाती में हुए वायरल व बैक्टीरियल संक्रमण या फिर छाती की सर्जरी के कारण भी हो सकता है।

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टीट्ज़ सिंड्रोम की जांच - Diagnosis of Tietze Syndrome in Hindi

टीट्ज़ सिंड्रोम का परीक्षण एक क्लिनिकल चेक अप, मरीज के स्वास्थ्य की विस्तृत जानकारी, दिखाई दे रहे लक्षणों का आकलन और छाती में दर्द के अन्य कारणों की पहचान कर के किया जाता है। टेस्ट जैसे इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी), एक्स-रे और बायोप्सी किये जा सकते हैं। ऐसा छाती के दर्द के अन्य कारण जिसमें कार्डियोवैस्कुलर विकार या गंभीर स्थिति शामिल हैं  आदि का पता लगाने के लिए किया जा सकता है। मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) से प्रभावित कार्टिलेज कितना अधिक मोटा हो गया है या सूज गया है इसका पता लगा सकता है।

टीट्ज़ सिंड्रोम का उपचार - Tietze Syndrome Treatment in Hindi

कुछ मामलों में टीट्ज़ सिंड्रोम से जुड़ा दर्द बिना ट्रीटमेंट के अपने आप ठीक हो जाता है। टीट्ज़ सिंड्रोम से प्रभावित लोगों के विशेष ट्रीटमेंट में आराम करना, अत्यधिक शारीरिक क्रियाएं न करना, प्रभावित जगह पर सिकाई करना आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा  दर्द के लिए नॉन स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स या हल्के दर्द के लिए (एनालजेसिक) दी जा सकती है। जिन लोगों को दर्द निवारक से प्रभाव नहीं पड़ता उन्हें लोकल कॉर्टिकोस्टेरॉयड या लिडोकेन इंजेक्शन दिया जा सकता है। आमतौर पर दर्द कुछ हफ़्तों, महीनों में ठीक हो जाता है, लेकिन सूजन कुछ समय तक रह सकती है।

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