यूरिन इन्फेक्शन बहुत ही आम समस्या है. इस समस्या को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) भी कहते हैं. यह समस्या महिला-पुरुष दोनों में से किसी को भी हो सकती है. हालांकि, महिलाओं को यूरिन इन्फेक्शन का खतरा अधिक रहता है.

अधिकतर लोगों को यूरिन इन्फेक्शन ई-कोलाई बैक्टीरिया की वजह से होता है. यूरिन इन्फेक्शन (यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन) से ग्रसित व्यक्ति को पेशाब करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति के मूत्रमार्ग और मूत्राशय की परत में सूजन, पेशाब त्यागने में दर्द और जलन, बार-बार पेशाब आना, पेशाब से बदबू और खून आना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना जैसे लक्षण दिखते हैं. वहीं, कुछ लोगों को यूरिन इन्फेक्शन की वजह से हल्का बुखार और ठंड के साथ कंपकंपी भी हो सकती है.

ऐसे में व्यक्ति को तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है. अगर आपको पेशाब करने में परेशानी या फिर यूरिन इन्फेक्शन के अन्य लक्षण दिखे, तो तुरंत अपना इलाज कराएं. अब सवाल यह है कि यूरिन इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है? आज हम आपको इस लेख में आपके इसी सवाल का जवाब देंगे.

(और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय)

  1. कैसे शुरू होता है यूरिन इन्फेक्शन का इलाज? - How does the treatment of urine infection start in Hindi
  2. यूरिन इन्फेक्शन को ठीक होने में कितना लगता है समय? - How long does it take for urine infection to heal in Hindi
  3. एंटीबायोटिक्स के साइड-इफेक्ट्स - Side effects of antibiotics in Hindi
  4. यूरिन इन्फेक्शन होने पर एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स करना क्यों है जरूरी? - Why should I take the full course of antibiotics for UTI in Hindi?
  5. सारांश - Takeaway
यूरिन इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है के डॉक्टर

शरीर में यूरिन इन्फेक्शन (UTI) के लक्षण दिखने पर डॉक्टर सबसे पहले यूटीआई यानी यूरिन इन्फेक्शन के प्रकार की पहचान करने के लिए आपको कुछ टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं. आमतौर पर आपको बैक्टीरियल टेस्ट, लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells), श्वेत रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells) की जांच और यूरिन में केमिकल्स की जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं. कुछ अन्य मामलों में यूरिन इन्फेक्शन का निदान करने के लिए ब्लड टेस्ट, सीटी स्कैन, किडनी स्कैन या अल्ट्रासाउंड करवाने की भी सलाह दी जाती है. इसके बाद यूरिन इन्फेक्शन की गंभीरता के आधार पर इलाज शुरू किया जाता है.

(और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए)

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हल्के निचले मूत्र पथ के संक्रमण (मूत्राशय के संक्रमण) को किडनी तक फैलने से रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाइयां दी जाती हैं. यह एंटीबायोटिक महिलाओं को आमतौर पर 3 दिनों के लिए दी जाती है. वहीं, पुरुषों को 7-14 दिनों या फिर उससे अधिक समय के लिए दी जा सकती है.

वहीं, कुछ मामलों में एंटीबायोटिक की एक खुराक पर्याप्त हो सकती है. अगर मरीज गर्भवती है या उसे डायबिटीज या फिर किडनी में हल्का संक्रमण फैल चुका है, तो इस स्थिति में महिलाओं को भी एंटीबायोटिक्स 7 से 14 दिनों तक दी जा सकती है. निचले मूत्र पथ के संक्रमण के लक्षण आमतौर पर एंटीबायोटिक्स शुरू करने के लगभग 24 घंटों के अंदर साफ होने की संभावना होती है.

इन सभी बातों से स्पष्ट है कि डॉक्टर यूरिन इन्फेक्शन कब ठीक होगा, यह इन्फेक्शन के प्रकार पर निर्भर करता है. हल्के लक्षण वाले व्यक्ति 2 से 3 दिनों के अंदर ही ठीक हो सकते हैं. वहीं, कुछ लोगों को यूरिन इन्फेक्शन से ठीक होने में 7 से 10 दिनों का भी वक्त लग सकता है. अगर मामला अधिक गंभीर है, तो मरीज को ठीक होने में 14 दिनों या फिर उससे अधिक समय लग सकता है.

अगर आपको यूरिन इन्फेक्शन (UTI) की समस्या है, तो आपकी एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स लंबे समय तक चल सकता है. ऐसे में घबराएं नहीं और अपना समय पर पूरा इलाज कराएं. कभी भी बीच में दवाइयां लेना न छोड़ें, इससे आपकी स्थिति गंभीर हो सकती है. हालांकि, एंटीबायोटिक्स लंबे समय तक लेने से आपको कुछ साइड-इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. लेकिन इससे घबराएं नहीं, बल्कि डॉक्टर से सलाह लें.

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यूरिन इन्फेक्शन में एंटीबायोटिक्स या फिर अन्य दवाइयां लेने से आपके शरीर में कुछ हल्के-फुल्के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे -

(और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन की आयुर्वेदिक दवा)

यूरिन इन्फेक्शन में होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक्स काफी बेहतर तरीके से कार्य करता है. एंटीबायोटिक्स की दवाइयां कुछ दिनों तक लेने के बाद आपको बेहतर महसूस हो सकता है. ऐसे में कई लोग दवाइयां बीच में छोड़ देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वह ठीक हो गए हैं. लेकिन आपको ऐसा करने की जरूरत नहीं है, कभी भी एंटीबायोटिक्स की दवाइयों को बीच में लेना बंद ना करें. अगर आप एंटीबायोटिक की दवाओं को बीच में ही लेना बंद कर देते हैं, तो इससे मूत्र पथ (urinary tract) में मौजूद सभी बैक्टीरिया नष्ट नहीं होंगे.

मूत्र पथ में मौजूद ये रोगाणु एंटीबायोटिक दवाओं के प्रतिरोधी बन सकते हैं. इसका मतलब यह है कि भविष्य में आपको दोबारा यूरिन इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए दवाइयों की पूरी खुराक लेना जरूरी है. ताकि यूरिन पथ में मौजूद हर जगह के संक्रमण को खत्म किया जा सके.

(और पढ़ें - बार-बार यूरिन इन्फेक्शन क्यों होता है?)

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ध्यान रखें कि यूरिन इन्फेक्शन किसी को भी हो सकता है. इसलिए अगर आपको यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण दिखे, तो इसका तुरंत इलाज कराएं. डॉक्टर द्वारा दी गई सभी दवाइयों और दिशा-निर्देशों को अच्छे से फॉलो करें. कभी भी एंटीबायोटिक्स की दवाओं के कोर्स को बीच में न छोड़ें. अगर आप ऐसा करते हैं, तो इससे आगे आपकी परेशानी बढ़ सकती है.

(और पढ़ें - बच्चों में यूरिन इन्फेक्शन के कारण)

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