वल्वाइटिस - Vulvitis in Hindi

Dr. Rajalakshmi VK (AIIMS)MBBS

October 20, 2018

March 29, 2022

वल्वाइटिस
वल्वाइटिस

वल्वाइटिस क्या है ?

वल्वाइटिस, महिला जननांग के बाहर मौजूद नरम त्वचा की सूजन होती है। इस क्षेत्र को योनी कहा जाता है। यह कोई परिस्थिति या बीमारी नहीं है। बल्कि, यह एक लक्षण है जो एलर्जी, संक्रमण, चोट और अन्य उत्तेजक पदार्थों सहित कई विभिन्न कारणों से हो सकता है। योनि की नम और गर्म परिस्थितियां इसे वल्वाइटिस के लिए अतिसंवेदनशील बनाती हैं।

किसी भी महिला को वल्वाइटिस हो सकता है, खासकर यदि उन्हें एलर्जी, संवेदनशीलता, संक्रमण या ऐसी बीमारियां हैं जो उन्हें वल्वाइटिस के प्रति अधिक संवेदनशील बना देती हैं।

पूर्व यौवन वाली बालिकाओं और रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के बाद महिलाओं को वल्वाइटिस का अधिक जोखिम होता है क्योंकि उनमें एस्ट्रोजन का स्तर कम होता है।

(और पढ़ें - एस्ट्रोजन स्तर कम होने का कारण)

योनि से अधिक रिसाव या योनी की त्वचा पर घाव होने पर, डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

(और पढ़ें - योनि स्राव का इलाज)

वल्वाइटिस के लक्षण - Vulvitis Symptoms in Hindi

वल्वाइटिस के क्या लक्षण होते हैं ?

वल्वाइटिस के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं (आप सभी या इनमें से कुछ लक्षण अनुभव कर सकते हैं) -

(और पढ़ें - सेक्स के दौरान दर्द का कारण)

वल्वाइटिस के कारण - Vulvitis Causes in Hindi

वल्वाइटिस के क्या कारण होते हैं ?

कुछ उत्पादों, वस्तुओं या आदतों के लिए संवेदनशीलता आमतौर पर वल्वाइटिस को उत्तेजित करती हैं। इसका निम्न में से कोई भी कारण हो सकता है -

कुछ स्वच्छता उत्पाद -

  • रंगीन या सुगंधित टॉयलेट पेपर
  • योनि स्प्रे या शावर
  • शैंपू व बालों का कंडीशनर
  • कपड़े धोने का डिटर्जेंट
  • त्वचा पर लगाने वाली क्रीम और दवाएं

(और पढ़ें - फेस को साफ करने वाली क्रीम)

एलर्जी की प्रतिक्रिया -

(और पढ़ें - पर्सनल हाइजीन से संबंधित गलती)

अन्य कारक -

रजोनिवृत्ति के बाद महिलाऐं विशेष रूप से वल्वाइटिस के लिए अतिसंवेदनशील हो सकती हैं क्योंकि एस्ट्रोजेन का स्तर कम होने से योनि के टिशू पतले, सूखे और कम लोचदार हो जाते हैं। इससे महिलाओं को जलन और संक्रमण होता है।

(और पढ़ें - पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग का इलाज)

वल्वाइटिस का खतरा कब बढ़ जाता हैं ?

  • शुगर से ग्रस्त महिलाओं को वल्वाइटिस के विकास का अधिक जोखिम होता है क्योंकि उनकी कोशिकाओं में मौजूद उच्च शुगर उन्हें संक्रमण के लिए संवेदनशील बनाती है। (और पढ़ें - शुगर की आयुर्वेदिक दवा)
  • रजोनिवृत्ति से कुछ समय पहले एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट के कारण, महिलाओं को वल्वाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। (और पढ़ें - समय से पहले मेनोपॉज रोकने के उपाय)
  • जो युवा लड़कियां अभी तक यौवन तक नहीं पहुंची हैं, उन्हें भी वल्वाइटिस का जोखिम होता है क्योंकि उनके शरीर में पर्याप्त हार्मोन का स्तर नहीं होता है।
  • कोई भी महिला जो एलर्जी के लिए संवेदनशील है, जिसकी त्वचा संवेदनशील है या उन्हें अन्य संक्रमण व बीमारियां हैं, तो उन्हें वल्वाइटिस हो सकता है।

(और पढ़ें - स्किन एलर्जी का इलाज)

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वल्वाइटिस के बचाव के उपाय - Prevention of Vulvitis in Hindi

वल्वाइटिस का बचाव कैसे होता है ?

वल्वाइटिस का बचाव निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है -

  • वल्वाइटिस का आम कारण है संवेदनशीलता, लेकिन यह समस्या यौन संचारित संक्रमणों के कारण भी हो सकती है। इनकी रोकथाम के लिए सेक्स से परहेज़ करें या कंडोम का उपयोग करें।  (कुछ महिलाओं के लिए कंडोम और सेक्स संबंधित चिकनाई वाले उत्पाद संवेदनशील हो सकते हैं। इसीलिए, उनके लिए कंडोम के उपयोग से वल्वाइटिस का बचाव नहीं होता है) (और पढ़ें - सेक्स करने का तरीका)
  • कई महिलाओं में, कुछ बुनियादी देखभाल से वल्वाइटिस की संभावना कम हो सकती है। जैसे - तनाव कम करना, पर्याप्त नींद लेना और एक पौष्टिक, स्वस्थ भोजन लेना। (और पढ़ें - नींद के उपाय)
  • यदि वल्वाइटिस बार-बार हो रहा है, तो महिलाओं को कॉटन की पैंटी पहननी चाहिए और योनि की स्वच्छता पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। (और पढ़ें - योनी साफ रखने के उपाय)
  • यीस्ट या अन्य संक्रमणों का तुरंत इलाज कराएं। (और पढ़ें - योनि में जलन का उपाय)
  • वल्वाइटिस को रोकने के तरीकों के बारे में अपने चिकित्सक से बात करें।

(और पढ़ें - योनि से बदबू आने के उपाय)

वल्वाइटिस का निदान - Diagnosis of Vulvitis in Hindi

वल्वाइटिस का निदान कैसे होता है ?

वल्वाइटिस कई कारणों से हो सकता है और इसका सही कारण जानना चुनौती भरा हो सकता है। इसके नैदानिक मूल्यांकन में निम्नलिखित शामिल होते हैं -

  • चिकित्सा इतिहास और पुराने रोगों के मामले देखना 
  • श्रोणि का परीक्षण

(और पढ़ें - लैब टेस्ट लिस्ट)

निदान में लाली, छाले या वल्वाइटिस के अन्य लक्षणों की जांच की जाती है। किसी भी योनि स्त्राव की जांच संक्रमण के लिए की जा सकती है।

  • एक नैदानिक परीक्षण में यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) की जांच और मूत्र के नमूने का विश्लेषण किया जा सकता है। (और पढ़ें - यूरिन टेस्ट)
  • इसमें रक्त परीक्षण और पैप परीक्षण भी शामिल हो सकते हैं। पैप परीक्षण में गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं का प्रयोगशाला परीक्षण किया जाता है। (और पढ़ें - गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का इलाज)
    ये परीक्षण कोशिकाओं में हुए परिवर्तन की जांच कर सकते हैं जो संक्रमण, सूजन या कैंसर से जुड़े हो सकते हैं।

(और पढ़ें - सूजन कम करने के तरीके)

वल्वाइटिस का उपचार - Vulvitis Treatment in Hindi

वल्वाइटिस का इलाज कैसे होता है ?

चूंकि वल्वाइटिस एक लक्षण है, इसका इलाज इसके कारण के आधार पर भिन्न होता है। ऐसे उपचार भी होते हैं जिनका उपयोग किसी भी असुविधा को कम करने के लिए किया जा सकता है।

  • हाइड्रोकार्टेसोन (hydrocortisone) की क्रीम कम मात्रा में कुछ समय के लिए दी जा सकती है। कभी कभी एंटी फंगल क्रीम भी बेहद मददगार साबित होती हैं। मेनोपॉज हो चुकी महिलाओं को एस्ट्रोजन उनके लक्षणों से लड़ने में मदद करता है। (और पढ़ें - फंगल इन्फेक्शन के घरेलू नुस्खे)
  • कुछ उपचार आप स्वयं भी कर सकते हैं जैसे कि गर्म बोरिक एसिड, कैलामाइन लोशन और शीतलता प्रदान करने वाली सामग्रियों से नहाना। 
  • सेक्स करते समय एेसे लुब्रिकेशन का प्रयोग न करें जिससे कि एलर्जी होती हो। (और पढ़ें - सुरक्षित सेक्स के तरीके)
  • कोई भी ऐसे उत्पाद का उपयोग न करें जो संवेदनशील हो सकता है। जैसे सुगंधित टैम्पोन या टॉयलेट टिशू। (और पढ़ें - टैम्पोन क्या है)
  • योनी को साफ, सूखा और ठंडा रखें। मासिक धर्म के दौरान और मल करने के बाद योनि के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से साफ करें। 

(और पढ़ें - योनि से रक्तस्राव के कारण)

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वल्वाइटिस के जोखिम और जटिलताएं - Vulvitis Risks & Complications in Hindi

​वल्वाइटिस से क्या क्या समस्याएं हो सकती है?

वल्वाइटिस से कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि 

(और पढ़ें - अनियमित मासिक धर्म का इलाज)



संदर्भ

  1. The Johns Hopkins Health System Corporation [Internet]; Vulvitis.
  2. Australasian Journal of Dermatology [Internet]. Gayle Fischer. Chronic vulvitis in pre‐pubertal girls. Volume51, Issue2 May 2010 Pages 118-123
  3. Manohara Joishy et al. Do we need to treat vulvovaginitis in prepubertal girls?. BMJ. 2005 Jan 22; 330(7484): 186–188. PMID: 15661783
  4. Scurry J et al. Vulvitis circumscripta plasmacellularis. A clinicopathologic entity?. J Reprod Med. 1993 Jan;38(1):14-8. PMID: 8441125
  5. Stanford Children's Health [Internet]. Stanford Medicine, Stanford University; Vulvitis.