हम सब लोग हमेशा स्वस्थ रहना चाहते हैं। साथ ही हमारी कोशिश किसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी के लिए तैयार रहने की भी होती है। कोरोना वायरस की वजह से होने वाली बीमारी कोविड-19 एक बिल्कुल नई बीमारी है। नई बीमारी होने के कारण शुरुआत में सभी इस बात को लेकर असमंजस में थे कि पहले से चले आ रहे हमारे हेल्थ इन्शुरन्स में इसे कवर किया जाएगा या नहीं। इस बीमारी ने तेजी से दुनियाभर के साथ ही भारत में भी कदम पसारे तो संक्रमितों के संख्या देखते ही देखते हजारों से लाखों और फिर करोड़ों में पहुंच गई। इतनी संक्रामक बीमारी के खिलाफ हमारे पास कोई प्रोटेक्शन प्लान जरूर होना चाहिए, खासतौर पर जब इन्शुरन्स कंपनियां भी इसे कवर करने को लेकर असमंजस में हों। यह असमंजस की स्थिति इसलिए भी थी, क्योंकि इस बीमारी का कोई इलाज अभी तक नहीं है। हालांकि, myUpchar बीमा प्लस प्लान में कोई कंफ्यूजन नहीं है, प्लान के तहत इस बीमारी को बीमित राशि तक कवर किया जाता है।

ऐसे वक्त में जब बीमारी तेजी से पांव फैला रही थी, कुछ इन्शुरन्स कंपनियां आगे आईं और उन्होंने इसके लिए इन्शुरन्स प्लान की घोषणा की। चलिए जानते हैं आज कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए किस-किस तरह की पॉलिसी मौजूद हैं, उनका नाम क्या है और वह किस तरह की प्रोटेक्शन मुहैया कराती हैं।

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  1. कोरोना वारयस इन्शुरन्स कितने प्रकार का होता है - Types of Coronavirus Health Insurance in Hindi
  2. कोरोना वायरस हेल्थ इन्शुरन्स क्या है - What is Coronavirus Health Insurance in Hindi
  3. कोविड-19 प्रोटेक्शन कवर क्या है - What is Covid 19 Protection Cover in Hindi

कोरोना वायरस जैसे ग्लोबल पेंडेमिक के खिलाफ भारत में दो तरह के इन्शुरन्स प्लान उपलब्ध हैं। इनके नाम कोविड-19 प्रोटेक्शन कवर और कोरोना वारयस हेल्थ इन्शुरन्स हैं। हालांकि, अलग-अलग इन्शुरन्स कंपनियों ने इन्हें अलग-अलग नाम से लॉन्च किया है।

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कोविड-19 बीमारी के कारण होने वाले मेडिकल खर्चों (अस्पताल में भर्ती होने) को कोरोना वायरस हेल्थ इन्शुरन्स के तहत कवर किया जाता है। इस पॉलिसी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें बीमित व्यक्ति को कोरोना होने पर यदि उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है तो उसके सभी खर्चों को इन्शुरन्स कंपनी वहन करेगी। लगभग सभी कंपनियां वायरल इंफेक्शन के कारण होने वाले किसी भी तरह के हॉस्पिटलाइजेशन को कवर करती हैं। क्योंकि कोरोना वायरस भी एक तरह का वायरल इंफेक्शन है, इसलिए सभी कॉम्प्रहैंसिव हेल्थ इंशुरन्स पॉलिसी में इसे कवर किया जाता है। इसमें इन-पेसेंट और आउट पेसेंट खर्चों, जिसमें प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्चे भी शामिल हैं को कवर किया जाता है।

कोरोना वारयस हेल्थ इन्शुरन्स के फायदे - Key benefits of Covid-19 Health Insurance in Hindi

कोरोना वारस हेल्थ इन्शुरन्स लेने के कुछ फायदे निम्नलिखित हैं :

  • कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा है और आर एड-ऑन कवर का भी लाभ उठ सकते हैं।
  • यदि आप कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आपको पूरा क्लेम मिलेगा
  • यदि डॉक्टर आपको घर पर ही रहकर इलाज कराने का सुझाव देते हैं, इसे भी कोरोना वायरस हेल्थ इन्शुरन्स में कवर किया जाता है।
  • पीपीई किट, वेंटिलेटर, मास्क, ग्लवज जैसे कंज्यूमेबल खर्चों को भी इस इन्शुरन्स के तहत कवर किया जाता है।
  • जहां तक बात आती है को-पेमेंट की तो ज्यादातर पॉलिसियों में को-पेमेंट की मांग नहीं की जाती।

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कोरोना हेल्थ इन्शुरन्स में क्या शामिल है - Coronavirus Health Insurance Inclusion in Hindi

कोरोना वायरस हेल्थ इन्शुरन्स के अंतर्गत आपको ज्यादातर कंपनियों के प्लान में निम्न खर्चों का क्लेम मिल जाता हैं :

  • इन-पेशेंट हॉस्पिटलाइजेशन एक्सपेंसेज
  • प्री हॉस्पिटलाइजेशन एक्सपेंसेज
  • क्रिटिकल इलनेस हॉस्पिटलाइजेशन
  • डे केयर प्रोसेड्योर्स
  • इनके अलावा रोड एम्बुलेंस एक्सपेंसेज, आईसीयू रूम रेंट, ऑर्गन डोनर एक्सपेंसेज, डेली हॉस्पिटल कैश, होम हॉस्पिटलाइजेशन, पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन एक्सपेंसेज, अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट यानी आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी या किसी अन्य विधि से चिकित्सा का खर्च और रिकवरी बेनिफिट भी इस पॉलिसी में कवर होते हैं।
  • मैटरनिटी बैनिफिट और न्यू बॉर्न बेबी कवर जैसे एडऑन भी आप अपनी पॉलिसी में जोड़ सकते हैं।

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कोरोना वायरस हेल्थ इन्शुरन्स में क्या शामिल नहीं है - Coronavirus Health Insurance Exclusion in Hindi

कोरोना वायरस हेल्थ इन्शुरन्स के तहत सभी तरह के मेडिकल खर्च को कवर नहीं किया जाता है। कोई भी क्लेम करने से पहले या पॉलिसी खरीदने से पहले आप निम्नलिखित एक्सक्लूजन (जिन्हें कवर नहीं किया जाता) के बारे में अच्छे से समझ लें -

  • होम क्वारंटीन : घर पर क्वारंटीन के दौरान आप जो खर्च करते हैं, उन्हें इस पॉलिसी के तहत कवर नहीं किया जाता।
  • गैर-मान्यता प्राप्त क्वारंटीन सेंटर : यदि आप कोविड-19 के इलाज के लिए किसी ऐसे सेंटर में भर्ती होते हैं, जो सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं है तो इस पॉलिसी के तहत इसे कवर नहीं किया जाता।
  • प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज : किसी भी तरह के प्री-एग्जिस्टिंग डिजीज के इलाज के लिए इस पॉलिसी के तहत क्लेम नहीं मिलता। हालांकि, वेटिंग पीरियड खत्म होने के बाद इन्हें कवर किया जाता है।
  • प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद के खर्चे : यदि अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है तो इस पॉलिसी के तहत प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद के खर्चों को कवर नहीं किया जाता।
  • डॉक्टर की सलाह के बिना अस्पताल में भर्ती : यदि आप किसी योग्य डॉक्टर की सलाह के बिना अस्पताल में भर्ती होते हैं तो किसी भी तरह के खर्चे का इन्शुरन्स कंपनी आपको क्लेम नहीं देगी।

कोरोना-19 हेल्थ इन्शुरन्स का क्लेम कैसे लें - How to claim Health Insurance for Covid-19 in Hindi

किसी भी अन्य हेल्थ इन्शुरन्स की तरह ही कोविड-19 हेल्थ इन्शुरन्स में भी दो तरह से क्लेम किया जा सकता है। आप चाहें तो कंपनी के नेटवर्क अस्पताल में इलाज करवाकर कैशलेस क्लेम प्रोसेस कर सकते हैं, जिसमें अस्पताल और इन्शुरन्स कंपनियां मिलकर बिल का निपटान करती हैं। इस दौरान आपको कोई खर्च नहीं करना होता। दूसरा प्रोसेस यह है कि आप किसी भी अस्पताल में इलाज करवाकर अपनी बचत से उसका बिल भर दें और बाद में इन्शुरन्स कंपनी में क्लेम के लिए आवेदन करें। इस प्रोसेस को री-इम्बर्समेंट कहा जाता है और कंपनी आपके सभी बिल और डॉक्यूमेंट की जांच करके आपके क्लेम की राशि आपके बैंक अकाउंट में ट्रांस्फर कर देती है।

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कोरोना वायरस हेल्थ इन्शुरन्स को लेकर महत्वपूर्ण फैक्ट - Important Facts on Coronavirus Insurance Cover in Hindi

इससे पहले कि आप कोविड-19 हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदें, आपको इस तरह की पॉलिसी के संबंध में कुछ जानकारियां होना बेहद आवश्यक है। कोविड-19 हेल्थ इन्शुरन्स लेने से पहले निम्न बातों पर गौर करें :

  • सम-इनश्योर्ड : कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में लाखों लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना के कारण जिन लोगों को अस्पतालों में भर्ती रहना पड़ा है, उनका बिल से दिल बैठे जा रहा है। यह बीमारी आपके श्वसन तंत्र पर हमला करती है और गंभीर रूप से बीमार कर सकती है। इसलिए अगर आप कोरोना वायरस हेल्थ इन्शुरन्स ले ही रहे हैं तो एक बड़ा सम-इनश्योर्ड लें। 
  • पूरी कवरेज मिले : आप जो भी प्लान ले रहे हैं, उसके बारे में अच्छे से जांच-पड़ताल कर लें। ज्यादातर पॉलिसी में इन-हॉस्पिटलाइजेशन खर्चे, पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन केयर, आईसीयू के खर्चे, ओपीडी के खर्चे, एम्बुलेंस व ऑक्सीजन के खर्च भी कवर होते हैं।
  • वेटिंग पीरियड : वेटिंग पीरियड के बारे में भी आपको जरूर अच्छे से समझ लेना चाहिए। ज्यादातर हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में एक्सीडेंट जैसी इमरजेंसी को छोड़कर बाकी बीमारियों को कवर करने के लिए एक महीने का वेटिंग पीरियड होता है। हालांकि, कुछ कंपनियां दो हफ्ते के वेटिंग पीरियड के बाद भी कोविड-19 को कवर करती हैं।

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क्या कोरोना मेरी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में कवर होगा - Is Coronavirus Covered under my Existing Policy in Hindi

कोविड-19 एक बिल्कुल नई बीमारी है, इसलिए इसको लेकर शुरुआत में कुछ असमंजस की स्थिति थी। लेकिन अब स्पष्ट हो चुका है कि कोविड भी एक वायरल इंफेक्शन है और हर तरह का वायरल इंफेक्शन हेल्थ इन्शुरन्स में कवर किया जाता है। इसलिए आप निश्चिंत रहें, आपकी पुरानी हेल्थ इन्शुरन्स पॉलिसी में भी आपको कोरोना क्लेम मिलेगा। इसके बावजूद अपनी चिंता को दूर करने के लिए आपको अपनी हेल्थ इन्शुरन्स कंपनी के कॉल सेंटर में फोन करके इस बारे में पूछ लेना चाहिए।

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कोविड-19 प्रोटेक्शन प्लान को ग्रुप इन्शुरन्स के तौर पर पेश किया गया। इसके तहत कंपनियां अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षा मुहैया कराती हैं, ताकि कोविड-19 होने की स्थिति में उन्हें वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े। पेटीएम, फोनपे, ईटीमनी जैसे एग्रीगेटर ने भी अपने ग्राहकों को इन ग्रुप इन्शुरन्स का लाभ दिया है।

कोविड-19 प्रोटेक्शन कवर के लाभ - Benefits of Covid-19 Protection Cover in Hindi

यदि पॉलिसी पीरियड के दौरान किसी व्यक्ति को कोरोना हो जाता है तो पहली बार कोविड-19 की पहचान होने पर उसे पूरा सम-इनश्योर्ड दे दिया जाता है। पॉलिसी लेते समय आपने जितना भी सम-इनश्योर्ड तय किया होगा कंपनी जरूरी दस्तावेजों की जांच के बाद उतनी राशि आपके अकाउंट में ट्रांस्फर कर देती है। इसमें 25 हजार, 50 हजार, 1 लाख और 2 लाख रुपये जैसे सम-इनश्योर्ड के विकल्प मिलते हैं।

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में क्या-क्या कवर नहीं होता)

कोविड-19 प्रोटेक्शन कवर के अन्य लाभ - Other Benefits of Covid-19 Protection Cover in Hindi

इसके तहत अलग-अलग इन्शुरन्स कंपनियां कई तरह के एड-ऑन की सुविधा दे सकती हैं, जिसमें बीमित व्यक्ति को अतिरिक्त लाभ मिल जाते हैं। जैसे -

  • टेली कंसल्टेशन : प्लान की अवधि तक इन्शुरन्स कंपनी अपने प्रत्येक ग्राहक को फ्री टेली कंसल्टेशन की सुविधा दे सकती है, जो 24 घंटे उपलब्ध हो।
  • एम्बुलेंस असिस्टेंस : इन्शुरन्स कंपनी जरूरत के समय एम्बुलेंस की व्यवस्था करने में भी मदद कर सकती है। हालांकि, इसमें ऐसा भी हो सकता है कि इन्शुरन्स कंपनी सिर्फ व्यवस्था करे, लेकिन एम्बुलेंस का खर्च आपको ही उठाना पड़े।

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कोविड-19 प्रोटेक्शन कवर क्लेम करने का तरीका - Conditions for claim eligibility in Covid Protection Cover in Hindi

यदि आपके पास कोविड-19 प्रोटेक्शन कवर है और आपमें कोविड-19 के लक्षण दिख रहे हैं तो सबसे पहले आप इसके लिए सरकार द्वारा निर्धारित कोविड टेस्ट करवाएं। ध्यान रहे कि आपको सरकारी अस्पताल या सरकारी कोविड सेंटर से टेस्ट करवाना होगा। टेस्ट करवाने के बाद यदि आप कोविड-19 पॉजिटिव आते हैं तो आपको इन्शुरन्स कंपनी में जरूरी दस्तावेजों के साथ क्लेम करना होगा। हर कंपनी कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ ही अलग-अलग दस्तावेजों की मांग करती है। आपके क्लेम की जांच करने के बाद आपकी सम-इनश्योर्ड राशि आपके बैंक में ट्रांस्फर कर दी जाती है।

कोविड-19 प्रोटेक्शन कवर में क्या क्लेम नहीं मिलता - Exclusions under Covid-19 Protection Cover in Hindi

  • पॉलिसी लेने के 14 दिन के भीतर कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर आपको क्लेम नहीं मिलेगा, क्योंकि इसमें 14 दिन का वेटिंग पीरियड है।
  • यदि आपको पहले कोरोना हो चुका है। आप कोरोना के कारण क्वारंटीन हो चुके हैं, तो कंपनी आपको क्लेम नहीं देगी।

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कोविड-19 प्रोटेक्शन कवर क्लेम के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत - Documents Required for Claim under Covid-19 Protection Cover in Hindi

यदि आपका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आता है तो आपको जल्द से जल्द इन्शुरन्स कंपनी के पास जरूरी दस्तावेजों के साथ क्लेम करना चाहिए। इसके लिए निदान होने के 30 दिन के भीतर क्लेम करना अनिवार्य है, अन्यथा आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। क्लेम के लिए जरूरी दस्तावेज निम्नानुसार हैं :

  • पूरी तरह से भरा हुआ क्लेम फॉर्म
  • आपके कोरोना पॉजिटिव होने की लैब रिपोर्ट, जिस पर लैब अधिकारियों के दस्तखत और मुहर लगी हो।
  • सरकार द्वारा निर्धारित लैब की रिपोर्ट जिसमें स्पष्ट हो कि आपका टेस्ट पॉजिटिव आया है।
  • सरकारी मेडिकल अफसर या सरकार से ऑथराइज डॉक्टर द्वारा आपके कोविड-19 पॉजिटिव होने का सर्टिफिकेट
  • आपके बैंक अकाउंट का कैंसिल चैक या पूरी तरह से भरा हुआ एनईएफटी मैनडेट फॉर्म

कोविड-19 प्रोटेक्शन कवर के अन्य नियम और शर्तें - Other Terms & Conditions in Hindi

  • इस इन्शुरन्स के लिए आपकी न्यूनतम उम्र 18 और अधिकतम उमर 75 वर्ष होनी चाहिए।
  • पॉलिसी एक साल के लिए वैध होगी।
  • यदि आपको पॉलिसी पीरियड के दौरान कुछ नहीं होता तो आपको कोई राशि वापस नहीं की जाएगी।
  • देश से बाहर जाने पर आपको पॉलिसी का लाभ नहीं मिलेगा।
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