भारत में अधिकतर बीमा कंपनियां हेल्थ इन्शुरन्स में डेंटल केयर को शामिल नहीं करती हैं और जो कंपनियां डेंटल केयर को शामिल करती हैं वे आमतौर पर प्रीमियम बढ़ा देती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दांतों की चिकित्सा अपेक्षाकृत थोड़ी महंगी होती है, क्योंकि इसका फील्ड अन्य शारीरिक चिकित्सा से अलग होता है। सरल भाषा में कहें तो डेंटल केयर के लिए हॉस्पिटल व लैब सेट-अप पूरी तरह से अलग होता है, इसलिए उसका खर्च बढ़ जाता है। इसी कारण से डेंटल केयर के लिए अलग से इन्शुरन्स प्लान तैयार किया गया। डेंटल इन्शुरन्स में दांतों संबंधी सभी समस्याओं पर कवरेज दी जाती है, जैसे दांतों में चोट या कोई भी बीमारी होना।

हालांकि, आजकल मार्केट में काफी सारी नई बीमा कंपनियां आ गई हैं, जिससे इन्शुरन्स मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। इसके चलते कंपनियां ग्राहक को आकर्षित करने के लिए नए-नए ऑफर प्रदान करने की कोशिश करती हैं और इसी कारण कुछ कंपनियां हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में डेंटल इन्शुरन्स के कुछ बेनेफिट्स भी देने लगी हैं।

इस लेख में हम आपको डेंटल इन्शुरन्स से संबंधित जानकारी देंगे और यह बताने की कोशिश करेंगे कि हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में मिलने वाले डेंटल केयर लाभ से डेंटल इन्शुरन्स कितना बेहतर है, चलिए जानते हैं -

  1. डेंटल इन्शुरन्स क्या है - What is Dental insurance in Hindi
  2. डेंटल इन्शुरन्स के कितने प्रकार हैं - What are the types of Dental insurance in Hindi
  3. डेंटल इन्शुरन्स प्लान में क्या कवर किया जाता है और क्या नहीं - What does and does not coverd by Dental insurance in Hindi
  4. डेंटल इन्शुरन्स का वेटिंग पीरियड कितना होता है - What is the waiting period for Dental insurance in Hindi
  5. डेंटल इन्शुरन्स प्लान खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखें? - Things to keep in mind before buying a Dental insurance plan

डेंटल इन्शुरन्स एक विशेष बीमा योजना है, जो सिर्फ दांतों के स्वास्थ्य व बीमारियों पर होने वाले खर्च को कवर करती है। हालांकि, डेंटल इन्शुरन्स में भी सिर्फ उन समस्याओं को ही शामिल किया जाता है, जिन्हें एक डॉक्टर द्वारा इमर्जेंसी या आवश्यक समझा जाता है। सरल भाषा में कहें तो डेंटल इन्शुरन्स प्लान में किसी भी कॉस्मेटिक डेंटल प्रोसीजर के खर्च पर क्लेम नहीं दिया जाता है।

जब आप अपनी बीमाकर्ता कंपनी को क्लेम करते हैं, तो आपकी समस्या को प्रिवेंटिव या डायग्नोस्टिक के अंदर वर्गीकृत किया जाता है। डेंटल इन्शुरन्स प्लान में प्रमुख रूप से डेंटल फिलिंग, दांत निकालना, नकली दांत (डेन्चर) लगाना और रूट कनैल आदि प्रक्रियाओं को शामिल किया जाता है।

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डेंटल इन्शुरन्स सामान्य हेल्थ इन्शुरन्स प्लान से काफी हद तक अलग होता है। इसके बावजूद भी ग्राहक की आवश्यकताओं को देखते हुए इसे भी कई अलग-अलग प्रकार से डिजाइन किया गया है। यदि आप भी डेंटल इन्शुरन्स प्लान खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको इनके बारे में जानना चाहिए। इनके बारे में जानकर आप यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि आपके लिए डेंटल इन्शुरन्स का कौन सा प्लान उचित रहेगा। नीचे डेंटल इन्शुरन्स प्लान में पाए जाने वाले अंतर बताए गए हैं -

  • कुछ दंत स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को सामान्य हेल्थ इन्शुरन्स प्लान में एक अतिरिक्त बेनेफिट के रूप में भी लिया जा सकता है। इसमें कुछ डेन्टिस्ट की लिस्ट होती है, जिनके पास दांत संबंधी समस्याओं का इलाज करवाकर आप कवरेज के लिए क्लेम कर सकते हैं। इतना ही नहीं आप बीमा कंपनी के नेटवर्क से बाहर भी किसी डेन्टिस्ट से इलाज करवा सकते हैं, लेकिन ऐसे में आपकी जेब से होने वाला खर्च बढ़ जाता है।
  • कुछ बीमा कंपनियां डेंटल इन्शुरन्स के लिए अलग से प्लान तैयार करती हैं, जिनमें हेल्थ इन्शुरन्स की तरह ही कुछ डेंटल हॉस्पिटल की लिस्ट दी गई होती है। बीमा कंपनी के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में इलाज करवाने पर आपको 100 प्रतिशत कवरेज मिल सकती है या फिर कोपेमेंट के रूप में आपको कुछ राशि अपने जेब से देनी पड़ सकती है, जो कि पूरी तरह से बीमाकर्ता कंपनी के मानदंडों पर निर्भर करता है। हालांकि, इसमें आप नेटवर्क के बाहर किसी भी दंत अस्पताल में अपना इलाज नहीं करवा सकते हैं।
  • इन दोनों से अलग कुछ बीमाकर्ता कंपनियां आपको अपने नेटवर्क में रखने के लिए डिस्काउंट का तरीका अपनाती हैं। यदि आप बीमाधारक हैं, तो आपको डेंटिस्ट्स की एक लिस्ट दी जाती है, जहां इलाज कराने से आपको कंपनी की तरफ से एक विशेष डिस्काउंट मिलता है। यदि आप लिस्ट से बाहर किसी डेंटिस्ट से अपने दांतों का इलाज करवाते हैं, तो आपको यह डिस्काउंट नहीं मिल पाता।

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किसी भी इन्शुरन्स प्लान को खरीदने से पहले उसके बारे में यह जानना जरूरी है कि उसमें किन-किन मेडिकल खर्चों को कवर किया जा रहा है और किन्हें कवर नहीं किया जा रहा। यदि आप यह नहीं जानेंगे तो बाद में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ठीक यही स्थिति डेंटल इन्शुरन्स में भी है। यदि आप अपने दांतों के स्वास्थ्य के लिए बीमा खरीद रहे हैं तो आपको उसकी कवरेज के बारे में जान लेना चाहिए। इससे आप यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि जो इन्शुरन्स प्लान आप खरीदने के बारे में सोच रहे हैं, उससे आपको पूरा लाभ मिलेगा या नहीं।

डेंटल इन्शुरन्स में हर कंपनी अपने अनुसार ही इन्क्लूजन व एक्सक्लूजन करती है, जिनमें से निम्न प्रमुख हैं -

  • डेंटल इन्शुरन्स प्लान में कवर की जाने वाली समस्याएं -
    • दांतों संबंधी कोई भी रोग
    • दांत निकलना या निकलवाना
    • दांत टूटना (दुर्घटना में)
    • दांत संबंधी कोई भी सर्जरी
       
  • डेंटल इन्शुरन्स प्लान में कवर न की जाने वाली समस्याएं -
    • दांतो की सर्जरी जो डेंटिस्ट की नजर में आवश्यक न हो
    • कॉस्मेटिक प्रोसीजर (जैसे वाइटनिंग)
    • दांतों के लिए कोई भी दवा जो कॉस्मेटिक हो

(और पढ़ें - हेल्थ इन्शुरन्स में सम-इनश्योर्ड क्या है)

वेटिंग पीरियड एक निश्चित समयावधि होती है, जिसे बीमाकर्ता कंपनी द्वारा बीमाधारक को इन्शुरन्स प्लान खरीदने के बाद दिया जाता है। इस अवधि को पूरा करने के बाद ही आप किसी मेडिकल खर्च के लिए बीमाकर्ता कंपनी में क्लेम कर सकते हैं। डेंटल इन्शुरन्स में भी स्वास्थ्य बीमा की तरह बीमारी को ध्यान में रखते हुए प्रतीक्षा अवधि निर्धारित की जाती है। आपके दांतों को जितने बड़े इलाज की जरूरत होगी, आपका वेटिंग पीरियड भी उसी के अनुसार बढ़ा दिया जाएगा।

उदाहरण के लिए यदि आपके दांतों में थोड़ी बहुत समस्या है, जिसमें किसी सर्जरी या अन्य कोई बड़ी मेडिकल प्रोसीजर करने की आवश्यकता नहीं है, तो ऐसे में आमतौर पर कम वेटिंग पीरियड दिया जाता है। ऐसा आमतौर पर इसलिए होता है, क्योंकि इन इलाज प्रक्रियाओं में खर्च कम होता है और मरीज के बार-बार अस्पताल में जाने पर भी बीमाकर्ता कंपनी को वित्तीय रूप से नुकसान नहीं होता है।

ठीक इसके विपरीत यदि दांतों में कोई गंभीर रोग है, जिसमें कोई बड़ी सर्जरी या अन्य मेडिकल प्रोसीजर करने की आवश्यकता है जैसे रूट कनैल और क्राउनिंग। इन प्रक्रियाओं में खर्च अधिक होता है और मरीज को बार-बार अस्पताल में भी जाना पड़ता है। इन्हीं स्थितियों को ध्यान में रखते हुए वेटिंग पीरियड को बढ़ा दिया जाता है, जो आमतौर पर 12 महीने तक का हो सकता है।

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जब भी आप कोई नई चीज खरीदने जाते हैं, तो आप उसके बारे में सारी जानकारी लेते हैं चाहे व कोई चीज एक जूतों की जोड़ी हो या एक महंगी कार। इसी तरह से डेंटल इन्शुरन्स प्लान खरीदने से पहले भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, ताकि बाद में कोई परेशानी न हो। नीचे कुछ प्रमुख पॉइंट्स के बारे में बताया है, जिनके बारे में हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदने से पहले ही जान लेना चाहिए -

  • डिडक्टिबल -
    जब आपको कोई मेडिकल इमर्जेंसी हो जाती है और आप अस्पताल में जाते हैं तो आपको एक निश्चित राशि अपनी जेब से भुगतान करनी पड़ सकती है, जिसे डिडक्टिबल कहा जाता है। इसलिए डेंटल इन्शुरन्स प्लान खरीदते समय यह बात ध्यान में रखें कि दांत संबंधी कोई भी इलाज कराते समय कंपनी आपको कितनी राशि डिडक्टिबल के रूप में भुगतान करने की बात कहती है।
     
  • कोपेमेंट -
    यह मेडिकल खर्च की कुल लागत को बीमाधारक व बीमाकर्ता कंपनी के बीच एक प्रतिशत के रूप में वर्गीकृत करता है। यह आमतौर पर डिडक्टिबल का भुगतान करने के बाद की प्रक्रिया होती है। यदि कंपनी डिडक्टिबल लागू नहीं करती है, तो हो सकता है आपको कोपेमेंट या कोइन्शुरन्स के रूप में कुछ राशि का भुगतान करना पड़ जाए।
     
  • एनुअल मैक्सिमम -
    डेंटल इन्शुरन्स प्लान खरीदने वाले व्यक्ति के लिए इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि बीमाकर्ता कंपनी एक साल में कितनी राशि को मेडिकल खर्च पर क्लेम के रूप में दे सकती है। यदि दांतों का इलाज कराते समय ट्रीटमेंट का खर्च इस एनुअल मैक्सिमम से ऊपर पहुंच जाता है, तो बाकि की राशि आपको अपनी जेब से देनी पड़ती है। इसलिए, यह पता लगाना जरूरी है कि आपको सालाना कितनी राशि कवरेज के रूप में मिल सकती है।
     
  • प्रीमियम -
    किसी भी इन्शुरन्स प्लान के लिए प्रीमियम प्रमुख घटक होता है। यह वह राशि है जिसका भुगतान आपको हर महीने, त्रैमासिक या सालाना बीमाकर्ता कंपनी को करना होता है। बीमाकर्ता कंपनी आपको जितने अधिक ऑफर देती हैं, उसके अनुसार प्रीमियम भी अधिक हो जाता है। इसलिए डेंटल इन्शुरन्स प्लान खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि प्लान का प्रीमियम आपके बजट के अनुसार हो।

ऐसी बीमाकर्ता कंपनियां बहुत कम हैं, जो हेल्थ इन्शुरन्स प्लान के साथ दांत संबंधी बीमारियों पर भी कवरेज देती हैं और यदि वे अतिरिक्त बेनेफिट के रूप में डेंटल केयर पर कवरेज प्रदान करती हैं, तो उनका प्रीमियम बढ़ जाता है। यदि आप हेल्थ इन्शुरन्स प्लान खरीदना चाहते हैं, तो myUpchar बीमा प्लस से संपर्क कर सकते हैं। myUpchar बीमा प्लस आपको बीमा संबंधी सुविधाओं के साथ-साथ फ्री टेली OPD भी प्रदान करता है।

(और पढ़ें - सबसे अच्छा स्वास्थ्य बीमा कौन सा है)

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