लाजवंजी यानी छुईमुई पौधे को दुनिया भर में टच मी नॉट प्लांट के नाम से जाना जाता है. आयुर्वेद में छुईमुई पौधे का इस्तेमाल कई तरह की औषधि को तैयार करने के लिए किया जाता है. लाजवंती पौधे के इस्तेमाल से कई तरह की समस्याएं, जैसे- घाव, डिप्रेशन, चिंता, डायरियाअल्सर इत्यादि से छुटकारा मिल सकता है. लाजवंती पौधे का संपूर्ण रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है. आयुर्वेद में इसका जूस पीने की सलाह भी दी जाती है.

आज इस लेख में हम लाजवंती पौधे के फायदे, उपयोग व नुकसान पर चर्चा करेंगे -

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  1. लाजवंती पौधे के फायदे
  2. लाजवंती पौधे का उपयोग
  3. लाजवंती पौधे के नुकसान
  4. सारांश
लाजवंती पौधे के फायदे, उपयोग व नुकसान के डॉक्टर

लाजवंती पौधे के इस्तेमाल से शरीर को कई तरह की समस्याओं, जैसे- डायरिया, घाव, डिप्रेशन व टूटी हुई हड्डियों इत्यादि को दूर किया जा सकता है. ऐसे ही विभिन्न फायदों के बारे में विस्तार से जानते हैं -

घाव भरने में असरदार

लाजवंती पौधे के इस्तेमाल से घाव को तुरंत भरा जा सकता है. इसके पत्तों का अर्क घाव पर लगाने से घाव तुरंत भर जाते हैं. रिसर्च में इस बात की पुष्टि हुई है कि लाजवंती पौधे से तैयार मरहम का इस्तेमाल करने से घाव को भरने में मदद मिल सकती है.

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डिप्रेशन करे कम

आयुर्वेद में टच मी नॉट प्लांट का उपयोग डिप्रेशन को कम करने के लिए भी किया जाता है. यह पौधा डिप्रेशन का इलाज करने के साथ-साथ चिंता को भी कम करता है और याददाश्त में भी सुधार करता है. रिसर्च में इस बात की पुष्टि की गई है कि इस पौधे के अर्क में एंटी-एंजायटी और एंटी-डिप्रेसेंट प्रभाव होता है.

बवासीर में लाभकारी

लाजवंती का पौधा खूनी बवासीर की परेशानियों को दूर करने में भी प्रभावी हो सकता है. आयुर्वेद में बवासीर की परेशानी को दूर करने के लिए कई वर्षों से लाजवंती के पौधे का इस्तेमाल किया जा रहा. इसके पत्तों को पीसकर गुदा द्वार पर लगाने से बवासीर के कारण होने वाले दर्द, सूजन व खून बहने की परेशानी को कम किया जा सकता है.

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अल्सर में असरदार

छुईमुई का पौधा अल्सर जैसी गंभीर समस्या से छुटकारा दिलाने में लाभकारी हो सकता है. इसकी पत्तियों के अर्क में गैस्ट्रिक एसिड स्राव की परेशानी को कम करने का गुण होता है. चूहों पर हुई स्टडी में साबित हुआ है कि छुईमुई पौधे का 100 मिलीग्राम एथेनॉलिक अर्क अल्सर को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है. मनुष्यों में अल्सर की समस्या को ठीक करने में यह कितना प्रभावशाली है, उस पर रिसर्च किया जा रहा है.

डायरिया से राहत

लाजवंती का पौधा डायरिया की परेशानी को दूर करने में भी फायदेमंद हो सकता है. डायरिया के इलाज के लिए इसकी पत्तियों के अर्क का इस्तेमाल किया जाता है. महर्षि चरक व सुश्रुत ने आयुर्वेद में डायरिया के संबंध में लाजवंती के फायदे के बारे में विस्तार से बताया है.

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एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण

स्टडी में इस बात की पुष्टि हुई है कि लाजवंती के पौधे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है. ऐसे में इसका इस्तेमाल शरीर में होने वाले सूजन को कम करने के लिए भी किया जा सकता है.

डायबिटीज में फायदेमंद

छुईमुई या लाजवंती का पौधा डायबिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद है. रिसर्च में साबित हुआ है कि लाजवंती पौधे के एथेनॉलिक अर्क का उपयोग करने से ब्लड में शुगर के स्तर को कम किया जा सकता है. बस ध्यान रखें कि अगर कोई पहले से शुगर का स्तर कम करने वाली दवा का सेवन कर रहा है, तो वो इसका इस्तेमाल न करे.

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लिवर को रखे सुरक्षित

लाजवंती पौधे के इस्तेमाल से लिवर से जुड़ी समस्याएं भी कंट्रोल हो सकती हैं. यह आयुर्वेदिक औषधि लिवर से विषाक्त पदार्थों को बाहर करने में लाभकारी है. लिवर में जमा गंदगी को साफ करने के लिए लाजवंती के पौधों से तैयार अर्क का सेवन मरीज के लिए लाभकारी हो सकता है. ऐसे में लिवर की परेशानी से जूझ रहे मरीज डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन कर सकते हैं.

लाववंती के पौधे का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है. आयुर्वेद में इसकी पत्तियों से लेकर जड़ का इस्तेमाल होता है. साथ ही मार्केट में इसका अर्क भी आसानी से मिल सकता है. घर में भी इसका जूस या फिर पाउडर तैयार किया जा सकता है. आइए, जानते हैं कि लाजवंती के पौधे का उपयोग कैसे किया जा सकता है -

  • अस्थमा या फिर किडनी स्टोन की परेशानी होने पर इसकी जड़ से तैयार अर्क का सेवन किया जा सकता है. रोजाना 50 से 60 एमएल अर्क का सेवन करने से मरीज को काफी लाभ मिल सकता है.
  • बवासीर की परेशानी होने पर लाजवंती के पौधों की पत्तियों को पीसकर प्रभावित स्थान पर लगाएं. इससे बवासीर की समस्याएं कम हो सकती हैं.
  • स्पर्म काउंट कम होने पर 4 से 6 ग्राम लाजवंती के बीज का पाउडर का सेवन करने से काफी लाभ मिल सकता है.
  • फ्रैक्चर होने पर लाजवंती के पौधों की पत्तियों को पीसकर प्रभावित स्थान पर लगाएं. इससे दर्द और सूजन से काफी आराम मिलेगा.
  • इसके अलावा, लाजवंती की पत्तियों से तैयार जूस का रोजाना सेवन करने से काफी लाभ मिल सकता है.

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लाजवंती पौधा प्राकृतिक गुणों से भरपूर होता है. ऐसे में इससे नुकसान होने की आशंका कम है. फिर भी कुछ स्थितियों में इसका सेवन न करने की सलाह दी जाती है, जैसे -

गर्भवती महिलाएं

लाजवंती के पौधे में प्रजनन क्षमता रोधी गुण पाए गए हैं, ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए. वहीं, अगर कोई महिला गर्भधारण करने की कोशिश कर रही है, तो उसे भी लाजवंती पौधे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. दरअसल, इसमें मौजूद एंटी-फर्टिलिटी गुण कंसीव करने में समस्या उत्पन्न कर सकता है.

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स्तनपान

जो महिला अपने शिशु को स्तनपान करवाती है, उसे भी छुईमुई का सेवन नहीं करना चाहिए. इस अवस्था में लाजवंती के सेवन से शिशु को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

लाजवंती का पौधा स्वास्थ्य की कई परेशानियों, जैसे- डायरिया, डायबिटीज, घाव व अल्सर इत्यादि को दूर करने में प्रभावी हो सकता है. इस पौधे के संपूर्ण हिस्से का उपयोग किया जा सकता है. ऐसे में यह पौधा काफी लाभकारी है. इसी के साथ कुछ परिस्थितियों में खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए. वहीं, अगर आप पहली बार लाजवंती का सेवन या फिर इस्तेमाल करने जा रहे हैं, तो डॉक्टर या फिर आयुर्वेद एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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