सत्यानाशी (Argemone Mexicana) एक वार्षिक औषधीय पौधा है जो लगभग पूरे भारत में पाया जाता है। आपने अक्सर इसे पार्क, सड़क के किनारे आदि पर देखा होगा। इस जड़ी बूटी में एंटीमाइक्रोबायल, एंटीडाइबेटिक, एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके अलावा इसके बीज में रेचक गुण होते हैं जो कब्ज का इलाज करने में उपयोगी होते हैं। सत्यानाशी आपके लिवर के लिए भी लाभकारी होती है। 

इस साब के अलावा सत्यानाशी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। आगे इस लेख में पढ़िए सत्यानाशी के लाभ और इससे संभवतः होने वाले नुकसान। 

  1. सत्यानाशी के फायदे - Satyanashi ke fayde
  2. सत्यानाशी के नुकसान - Satyanashi ke Nuksan

इसे दवा को कई बीमारियों का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों का उपयोग मलेरिया बुखार, अल्सर और त्वचा की समस्याओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसकी जड़ मूत्र से जुड़ी और पुराने त्वचा रोगों को ठीक करने के लिए उपयोग की जाती है। 

इसके पौधे से तैयार रस पीलिया और त्वचा की समस्याओं के लिए लाभकारी होता है। इसके अलावा यह जड़ी बूटी मोतियाबिंद, आंखों में लालिमा और खुजली के इलाज के लिए भी उपयोग की जाती है।

सत्यानाशी के फायदे हैं ब्रोन्कियल अस्थमा में लाभकारी - Satyanashi ke fayde ashtma ke liye

यह जड़ी बूटी ब्रोंकायल अस्थमा या ब्रोंकाइटिस से पीड़ित व्यक्तियों के लिए बहुत लाभकारी हो सकती है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -

सामग्री -

  • सत्यानाशी पौधे की जड़
  • पानी या दूध
  • चीनी, स्वादानुसार

सत्यानाशी पौधे की जड़ का इस्तेमाल ब्रोंकायल अस्थमा के लिए कैसे करें -

  • पौधे की जड़ें निकालकर सबसे पहले अच्छे से धोएं। इसके बाद इन्हें अच्छी तरह से सुखाने के बाद, इसकी जड़ से पाउडर तैयार करें।
  • दिन में दो बार गर्म दूध या पानी के साथ आधे से 1 ग्राम पाउडर का सेवन करें। (और पढ़ें - गर्म पानी पीने के फायदे)
  • यह कफ को निकालने में मदद करता है। (और पढ़ें - कफ निकालने के उपाय)
  • आप चीनी के साथ इसके पीले दूध की 4-5 बूंद मिक्स करके सेवन कर सकते हैं। यह भी इसके लिए एक अच्छा उपाय है।

(और पढ़ें - अस्थमा के घरेलू उपाय)

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सत्यानाशी पौधे का उपयोग करें आँखों के लिए - Satyanashi paudhe ka upyog kare ankhon ke liye

यह जड़ी बूटी किसी भी प्रकार की आँखों की समस्या के लिए बहुत लाभकारी हो सकती है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -

सामग्री -

  1. सत्यानाशी से प्राप्त दूध
  2. गुलाब जल
  3. घी

सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल आँखों की समस्याओं के लिए कैसे करें -

  • पहला तरीका
  • दूसरा तरीका 
    • आप 1 ग्राम सत्यानाशी अर्क और 50 ग्राम गुलाब जल को अच्छे से मिक्स करें।
    • दिन में दो बार इस घोल की 2 बूंदें आंखों में डालें। यह आंखों की लाली, दृष्टि की समस्या और अन्य आँखों से जुड़ें विकार भी ठीक करता है।
    • आप आँखों में भी इसकी पत्तियों का रस डाल सकते हैं।

(और पढ़ें - आंखों की रोशनी बढ़ाने के उपाय)

सत्यानाशी के गुण दिलाएं खांसी से छुटकारा - Satyanashi ke gun dilaye khansi se chutkara

आप सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल खांसी और अस्थमा जैसी सांस की बिमारियों के लिए कर सकते हैं। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -

सामग्री -

  1. सत्यानाशी का रस
  2. गुड़
  3. राल

सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल सांस से जुड़ी समस्याओं के लिए कैसे करें -

  1. सत्यानाशी के पौधे से 500 मिलीलीटर रस तैयार करें और उबालें।
  2. जब यह रस गाढ़ा हो जाए, तो इसमें 60 ग्राम गुड़ और 20 ग्राम राल मिक्स करें।
  3. अब सभी सामग्रियों को मिलाएं और 250 मिलीग्राम की गोलियां तैयार करें।
  4. दिन में तीन बार पानी के साथ 1-1 टैबलेट का सेवन करें। यह अस्थमा में राहत प्रदान करने में मदद करती है।
  5. आप इसके अलावा इसकी पत्तियों का काढ़ा तैयार करें और उसमें बराबर मात्रा में बेंज़ोइक एसिड मिलाएं।
  6. एक-एक ग्राम की गोलियां तैयार करें।
  7. दिन में तीन बार इसका उपयोग करें।

(और पढ़ें - खांसी में क्या नहीं खाना चाहिए)

सत्यानाशी का प्रयोग करें पीलिया दूर करने के लिए - Satyanashi ka prayog kare piliya khatam karne ke liye

आप सत्यानाशी के पौधे का इस्तेमाल पीलिया दूर करने के लिए कर सकते हैं। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -

सामग्री -

  1. सत्यानाशी तेल
  2. गिलोय का रस

सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल पीलिया दूर करने के लिए कैसे करें -

  1. 8-10 बूंदें सत्यानाशी तेल और गिलोय के रस को लें।
  2. अब इन दोनों सामग्रियों को अच्छे से मिलाएं।
  3. यह उपाय पीलिये में बहुत ही लाभकारी माना जाती है।

(और पढ़ें - पीलिया के घरेलू उपाय)

सत्यानाशी के लाभ त्वचा रोग के लिए - Satyanashi ke labh tvacha rog ke liye

अगर आप किसी भी प्रकार के त्वचा रोग से परेशान रहते हैं तो आपको इस जड़ी बूटी का उपयोग जरूर करना चाहिए। आप सत्यानाशी का उपयोग त्वचा की समस्याएं जैसे फोड़े, मुँहासे, एक्जिमा आदि के लिए कर सकते हैं। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -

सामग्री -

  1. सत्यानाशी तेल
  2. सत्यानाशी का रस
  3. सत्यानाशी दूध

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल कैसे करें)

सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल त्वचा की समस्याओं के लिए कैसे करें -

  1. शरीर पर सत्यानाशी के तेल को लगाएं। इसके साथ ही आप दिन में दो बार 250 मिलीलीटर दूध और 5-10 मिलीलीटर पत्तियों के रस को मिक्स करके, अपनी त्वचा पर लगाएं।
  2. आप इससे प्राप्त दूध को पुराने फोड़े और खुजली वाली जगह पर लगा सकते हैं।

(और पढ़ें - त्वचा रोग के उपाय)

सत्यानाशी का उपयोग करें सूजाक की समस्या हो तो - Satyanashi ka upyog kare sujak ki samasya ho to

अगर आप गोनोरिया (सूजाक) की समस्या से पीड़ित हैं तो आपके लिए ये जड़ी बूटी बहुत ही लाभकारी हो सकती है। यह एक संक्रमण होता है जो यौन क्रियाकलाप के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इस जड़ी बूटी के उपयोग से आपको सूजाक में काफी राहत मिल सकती है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -

सामग्री -

  1. मक्खन
  2. सत्यानाशी पौधे से प्राप्त दूध

सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल गोनोरिया के लिए कैसे करें -

  1. 2-5 मिलीलीटर दूध के साथ मक्खन मिलाएं। (और पढ़ें - मक्खन के फायदे)
  2. दिन में दो बार रोगी को सेवन कराएं।
  3. इसके अलावा आप 5 मिलीलीटर रस को 10 ग्राम घी के साथ मिक्स करके दिन में तीन बार सेवन कर सकते हैं।

सत्यानाशी का सेवन दे जलोदर में लाभ - Satyanashi ka sewan de jalodar me labh

पेट में ख़राब पानी जमा होने के कारण जलोदर (पेट में पानी भरना) की समस्या होती है। जलोदर कई कारणों से हो सकता है जैसे अधिक घी खाना, उल्टी करने के बाद ठंडा पानी पीना, लिवर की धमनी में अधिक दबाव बढ़ना। इस जड़ी बूटी के उपयोग से आपको जलोदर से राहत मिल सकती है, क्योंकि इसके कारण अधिक पेशाब आता है और पेट में जमा पानी कम होने लगता है। नीचे इसके बारे में बताया जा रहा है -

सामग्री -

  1. नमक
  2. सत्यानाशी पौधे का अर्क
  3. सत्यानाशी तेल

सत्यानाशी पौधे का इस्तेमाल जलोदर के लिए कैसे करें -

  1. 5-10 ग्राम अर्क निकाल कर, दिन में 3-4 बार इसका सेवन करें।
  2. इसके अलावा आप 4-5 बूंदें सत्यानाशी तेल को 2-3 ग्राम नमक मिलाएं और इसका सेवन करें।

मूत्र विकारों को दूर करें सत्यानाशी से - Urine problems ko dur kare satyanashi se

मूत्र पथ में जलन होने पर सत्यानाशी का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आपको निम्नलिखित उपाय का पालन करना चाहिए -

  • 200 मिलीलीटर पानी में  20 ग्राम पौधे को डालें।
  • अब इससे गर्म या ठंडा काढ़ा तैयार करें। (और पढ़ें - काढ़ा बनाने की विधि)
  • दिन में तीन बार इसका सेवन करें।

(और पढ़ें - यूरिन इन्फेक्शन के उपाय)

  1. यह गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान लाभकारी नहीं माना गया है। और इसके अलावा यह बच्चों के लिए भी उपयुक्त नहीं है। 
  2. यदि इसका अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है तो यह अति-शुद्धीकरण (over-purgation) और निर्जलीकरण का कारण बन सकता है।
  3. कोलाइटिस (आँतों में सूजन), दस्त और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्याओं में इसका सेवन करना लाभकारी नहीं होता है।
  4. इसके बीजों से तैयार तेल बहुत जहरीला होता है इसलिए इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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