गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए सुखद अनुभूति होती है। हर महिला चाहती है कि वो एक स्वस्थ्य और सुन्दर शिशु को जन्म दे। वास्तव में यह प्रक्रिया बहुत जटिल नहीं होती, लेकिन बहुत आसान भी नहीं है। गर्भधारण करने के लिए शुक्राणु को अंडे से मिलने की जरूरत होती है। दूसरे शब्दों में जब निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवार में जाता है तब गर्भधारण होता है।
अगर आप भी जानना चाहती हैं कि प्रेग्नेंट कैसे होते हैं या बच्चा कैसे पैदा होता है तो यह लेख आपके लिए ही है -
गर्भधारण का प्रयास कर रहे कपल्स को आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से निर्मित फर्टिलिटी बूस्टर दवा का सेवन करना चाहिए, जो कम दाम में उपलब्ध है।
- गर्भकाल का समय - Gestational age in Hindi
- महिला गर्भवती कैसे होती है? - Pregnant kaise hote hai
- जुड़वां बच्चे कैसे होते हैं? - Judwa bache in Hindi
- सारांश
गर्भकाल का समय - Gestational age in Hindi
आपको गर्भधारण किये हुए जितना समय हुआ है उसे गर्भकालीन आयु (Gestational age) कहते हैं। गर्भकालीन आयु की गणना आपके आखिरी मासिक धर्म के पहले दिन से शुरू करके की जाती है। यह समय थोड़ा भ्रमित करने वाला होता है क्योंकि इसमें गर्भावस्था पिछले मासिकधर्म से गिनी जाती है अर्थात आपको पता चलने के 3-4 सप्ताह पहले से आप गर्भवती होती हैं। जैसा कि सब जानते हैं कि गर्भावस्था 9 महीने की होती है लेकिन अगर गर्भावस्था को सही मायनों में गर्भकालीन आयु मिला कर मापा जाये तो गर्भावस्था 10 महीने तक होती है।
बहुत लोगों को अपने मासिक धर्म की आखिरी तारीख याद नहीं रहती है। अगर आपको भी याद नहीं है तो इसमें परेशान होने की ज़रूरत नहीं है डॉक्टर आपका अल्ट्रासाउंड करके गर्भकालीन आयु का पता लगा सकते हैं।
(और पढ़ें - गर्भावस्था के लक्षण)
महिला गर्भवती कैसे होती है? - Pregnant kaise hote hai
प्रेग्नेंट होना वास्तव में एक कठिन प्रक्रिया है। इसमें कई चरण होते हैं और सारा काम शुक्राणुओं (पुरुषों का वीर्य) और अंडाणुओं (मादा अंडे) का होता है। शुक्राणु बहुत ही सूक्ष्म (साधारण आँखों द्वारा न दिखने वाली) कोशिकाएं है जो अंडकोष (testicles) में बनते हैं। शुक्राणु, वीर्य बनाने के लिए अन्य द्रवों के साथ मिलता है, जो सेक्स के दौरान लिंग से बाहर निकलता है। आप जितनी भी बार सेक्स करते हैं करोड़ों की संख्या में शुक्राणु निकलते हैं लेकिन गर्भधारण के लिए केवल एक ही शुक्राणु उत्तरदायी होता है। आइए, क्रमवार जानते हैं कि महिला कैसे गर्भवती होती है -
- अंडाशय (ovaries) में अंडा होता है और हर महीने आपके मासिकधर्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोनों का स्रावण इन्हीं में से कुछ अण्डों के तैयार होने पर होता है। अंडाणु के तैयार होने का मतलब है कि वह शुक्राणु के साथ संयोग कर सकता है। ये हार्मोन आपके गर्भाशय (uterus) की परत को भी मोटा बनाते हैं, जिससे आपका शरीर गर्भधारण करने के लिए तैयार हो जाता है।
- आपके मासिक चक्र (लगभग 28 दिन) के दौरान आधे समय बाद (14 दिन बाद) एक अंडाणु, अंडाशय से निकलता है जिसे ओव्यूलेशन कहते हैं और फिर यह फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से पूरे गर्भाशय में भ्रमण करता है। फैलोपियन ट्यूब में यह 12-24 घंटे रहता है और किसी शुक्राणु से संयोग करने के लिए इंतजार करता है। जब कोई शुक्राणु आस पास नहीं होता तो यह मासिक धर्म के रक्तस्राव के साथ निकल जाता है।
- जब वीर्य, योनि में आता है तो शुक्राणु, अंडे की तलाश में इसी फैलोपियन ट्यूब में तैरते हैं। ये 6 दिनों तक अंडे से संयोग करने का इंतज़ार करते हैं उसके बाद नष्ट हो जाते हैं। जब शुक्राणु कोशिका अंडे से मिलती है, तो इस प्रक्रिया को निषेचन कहा जाता है। निषेचन तुरंत नहीं होता है, क्योंकि शुक्राणु सेक्स के बाद फैलोपियन ट्यूब में 6 दिनों तक रहता है इसलिए निषेचन में भी यह इतना ही समय लेता है।
- यदि शुक्राणु अंडे से संयोग कर लेता है, तो फिर यह निषेचित अंडा फैलोपियन ट्यूब के माध्यम से गर्भाशय में आ जाता है और फिर यह अन्य कोशिकाओं में विभाजित हो जाता है। ये कोशिकाएं एक गेंद का आकार ले लेती हैं, जिसे ब्लास्टोसिस्ट (blastocyst) कहते हैं। ब्लास्टोसिस्ट 2-3 दिन तक गर्भाशय में रहती है। अगर यह गर्भाशय की दीवार में चिपक जाती है तो इस प्रक्रिया को आरोपण (implantation) कहते हैं और इस समय से गर्भावस्था की शुरुआत होती है।
- आरोपण, निषेचन के लगभग 6 दिन बाद होता है और 3-4 में पूरा हो पाता है। भ्रूण ब्लास्टोसिस्ट के अंदर और गर्भनाल (placenta) ब्लास्टोसिस्ट के बाहर कोशिकाओं से विकसित होती है।
- जब निषेचित अंडा गर्भाशय से लगता है, तो यह गर्भावस्था हार्मोन मुक्त करता है, जो गर्भाशय से अन्य स्रावण को होने से रोकता है। यही कारण है कि गर्भधारण करने के बाद पीरियड्स नहीं होते।
- यदि अंडा शुक्राणु से संयोग नहीं कर पाया है या निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवार पर आरोपित नहीं हुआ है, तो गर्भाशय में बनी मोती परत आपके मासिक धर्म के दौरान बाहर निकल जाती है। सामान्यतः आधे अंडे जो निषेचित हो जाते हैं, लेकिन गर्भाशय की दीवार में आरोपित नहीं हो पाते वो इसी तरह पीरियड्स में शरीर से बाहर निकल जाते हैं।
महिला बांझपन का इलाज जानने के लिए आप कृपया यहां दिए लिंक पर क्लिक करें।
जुड़वां बच्चे कैसे होते हैं? - Judwa bache in Hindi
जुड़वां बच्चे दो तरह से होते हैं। समान जुड़वां तब बनते हैं, जब एक निशेचित अंडे से दो भ्रूण बनते हैं, क्योंकि ये जुड़वां एक ही शुक्राणु और अंडाणु से बने हैं। इनका डीनए और चेहरे समान होते हैं।
गैर-समान जुड़वां तब बनते हैं, जब दो अंडे दो शुक्राणुओं से निषेचन करते हैं और ये दोनों ही गर्भाशय की दीवार में आरोपित हो जाते हैं। ऐसा तब होता है जब आपके अंडाशय से एक से अधिक अंडे मुक्त होते हैं या किसी प्रकार के गर्भ संबंधित उपचार के दौरान ऐसा हुआ हो। इनका डीएनए अलग होता है और ये दिखने में भी एक जैसे नहीं होते हैं। इस प्रकार के जुड़वां बच्चे अधिक पाए जाते हैं।
(और पढ़ें - जुड़वा बच्चे होने का कारण)
सारांश
गर्भधारण करने की प्रक्रिया लंबी होती है। इसलिए, गर्भवती होने का प्रयास कर रही महिलाओं को संयम रखना चाहिए। साथ ही इस बात पर फोकस करने की जरूरत है कि मासिक धर्म चक्र में ओवुलेशन टाइम कब आता है। ओवुलेशन के समय सेक्स करने से गर्भवती होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
प्रजनन क्षमता को बेहतर करने व अन्य शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए महिलाएं चंद्रप्रभा वटी का इस्तेमाल जरूर करें और इसे ब्लू लिंक पर क्लिक कर खरीदें।
शहर के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट खोजें
- बैंगलोर के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
- मुंबई के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
- गाज़ियाबाद के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
- चेन्नई के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
- पुणे के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
- दिल्ली के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
- हैदराबाद के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
- नई दिल्ली के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
- ग्वालियर के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
- गुडगाँव के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट
गर्भधारण कैसे और कब होता है? के डॉक्टर

Dr. Ayushi Gandhi
प्रसूति एवं स्त्री रोग
4 वर्षों का अनुभव

Dr. Anjali
प्रसूति एवं स्त्री रोग
23 वर्षों का अनुभव

Dr.Anuja Ojha
प्रसूति एवं स्त्री रोग
20 वर्षों का अनुभव
