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गर्भपात किसी भी महिला के लिए दुखद अहसास हो सकता है. इस स्थिति में वह कई तरह के उतार-चढ़ाव से गुजरती है, जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों बदलाव शामिल हैं. एक ओर जहां उसका शरीर दर्द से टूट रहा होता है, तो वहीं दूसरी ओर उसका मन अपने बच्चे को खोने के दर्द से उबर नहीं पाता है. इसके अलावा, शरीर में आई कमजोरी के कारण भी महिला परेशान रहती है. ऐसे में हीटिंग पैड्स का इस्तेमाल, पेन किलर व पौष्टिक चीजें खाने से कमजोरी को दूर किया जा सकता है.

आज इस लेख में हम गर्भपात के बाद होने वाली कमजोरी को दूर करने वाले उपायों के बारे में ही बात करेंगे -

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  1. गर्भपात के बाद की कमजोरी दूर करने के तरीके
  2. सारांश
गर्भपात के बाद कमजोरी कैसे दूर करें के डॉक्टर

आंकड़े बताते हैं कि 45 की उम्र से पहले तक हर 4 में 1 महिला को एक बार तो गर्भपात का सामना करना ही पड़ता है. गर्भपात के बाद कुछ महिलाओं के इमोशन और मूड में जबरदस्त बदलाव देखने को मिलते हैं, जो उसे मानसिक तौर पर कमजोर बना देते हैं. यही नहीं, शारीरिक तौर पर उस महिला को कमजोरी भी हो जाती है. इस कमजोरी को दूर करने के लिए हीटिंग पैड्स का इस्तेमाल, दर्द दूर करने वाली दवाइयां और हाइड्रेशन जरूरी हैं. आइए, विस्तार से गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय के बारे में जानते हैं -

हीटिंग पैड्स का इस्तेमाल

हीटिंग पैड्स का इस्तेमाल हर तरह के दर्द को दूर करने में मदद करता है. ऐसे में गर्भपात के बाद शरीर में होने वाले भयंकर दर्द से भी निजात दिलाने में यह मददगार है. इसके लिए हॉट वॉटर बैग या हॉट कम्प्रेस का इस्तेमाल किया जा सकता है. यदि इनमें से कुछ भी उपलब्ध नहीं है, तो गरम पानी में तौलिए को भिगोने के बाद उसे निचोड़ कर दर्द वाली जगह पर सेंकने से आराम मिल सकता है.

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मालिश

पेट और पीठ के निचले हिस्से पर मालिश जरूरी है. ब्लड सर्कुलेशन के बेहतर होने से भी दर्द में कमी आ सकती है. इसके अलावा, यूट्रस भी जल्दी अपनी शेप में वापस आता है. इसलिए, हल्के हाथों से मालिश करने की सलाह दी जाती है.

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दर्द दूर करने वाली दवा

गर्भपात के बाद कुछ हद तक दर्द होता ही है. ऐसा इसलिए, क्योंकि उस समय यूट्रस सिकुड़ रहा होता है. ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर पेन किलर दवाइयों के सेवन से इस दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है. यदि माइल्ड पेन किलर से दर्द नहीं ठीक होता है, तो डॉक्टर से दोबारा संपर्क करने की सलाह दी जाती है.

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पर्याप्त हाइड्रेशन

इस समय उल्टी और डायरिया होने की भी आशंका रहती है, जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इस स्थिति से निजात पाने के लिए खूब सारा पानी पीना जरूरी है. पानी के साथ ही सूप और जूस भी लिए जा सकते हैं. इनसे शरीर को पानी मिलने के साथ ही न्यूट्रिशन भी मिलेगा और शारीरिक कमजोरी जल्दी दूर होने में मदद मिलेगी.

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टाइट फिटिंग ब्रा

इस समय स्तन सॉफ्ट होने के साथ-साथ उनमें सूजन भी आ सकती है. यह सूजन और कोमलता गर्भपात के 2 सप्ताह बाद तक रह सकती है. इससे निपटने के लिए टाइट फिट वाली ब्रा पहनने के लिए कहा जाता है.

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पर्याप्त आराम

इस समय जरूरी है कि शरीर को पूरी तरह से आराम मिले. यही कारण है कि हर काम को छोड़कर सिर्फ आराम करने पर ध्यान देना जरूरी है. यही नहीं, किसी भी तरह की एक्सरसाइज या एक्टिविटी से भी इस समय परहेज करने के लिए कहा जाता है. यदि ऐसा न किया जाए, तो इससे दर्द और ब्लीडिंग दोनों बढ़ सकती हैं.

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पौष्टिक भोजन

गर्भपात के बाद आई कमजोरी को दूर करने के लिए सभी तरह के पोषक तत्व लेना भी जरूरी है. खासतौर से कैल्शियमप्रोटीनओमेगा-3 और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए. आयरन के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों व चुकंदर आदि का सेवन किया जा सकता है. इससे कमजोरी व चक्कर आने की समस्या कम हो सकती है. ओमेगा-3 के लिए मछलीअखरोट व चिया सीड्स का सेवन किया जा सकता है.

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गर्भपात के बाद महिला का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है. इस कमजोरी से निजात पाने के लिए हीटिंग पैड्स का इस्तेमाल, मालिश, हाइड्रेशन व पेन किलर दवा जैसे उपायों से मदद मिलती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि एक ही उपाय सबको समान रूप से फायदा पहुंचाए, इसलिए डॉक्टर द्वारा बताए गए उपायों पर अमल करना सबसे ज्यादा जरूरी है.

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