जब बात प्रेगनेंसी डाइट की आती है तो क्या खाएं क्या न खाएं के साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए जरूरी पोषक तत्वों की मात्रा को भी बढ़ाना भी बेहद जरूरी है। प्रेगनेंसी के दौरान एक बेहद जरूरी मिनरल जिसे बढ़ाने की जरूरत होती है- वह है आयरन। इसका कारण ये है कि हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से आयरन का निर्माण नहीं कर सकता। आयरन को सिर्फ डाइट यानी खाने-पीने की चीजों या सप्लिमेंट्स के जरिए ही प्राप्त किया जा सकता है। यही वजह है कि आयरन से भरपूर चीजों के सेवन को बढ़ाना जरूरी है खासकर प्रेगनेंसी के दौरान।

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अगर गर्भावस्था के दौरान शरीर में आयरन की कमी हो जाए इसकी वजह से शरीर में खून की कमी भी हो सकती है जिस कारण एनीमिया समेत कई और जटिलताएं होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान आयरन क्यों जरूरी है, प्रेगनेंसी में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए अपनी डाइट में आपको कौन से आहार शामिल करने चाहिए और आयरन सप्लिमेंट्स यानी आयरन की गोली का सेवन कब करना चाहिए, इन सारे सवालों के जवाब हम आपको दे रहे हैं इस आर्टिकल में।

  1. प्रेगनेंसी में आयरन क्यों जरूरी है? - Pregnancy me iron kyu jaruri hai?
  2. प्रेगनेंसी में आयरन की कमी होने पर क्या होता है? - Pregnancy me iron ki kami ke lakshan kya hain?
  3. प्रेगनेंसी में आयरन की कमी होने पर क्या खाना चाहिए? - Pregnancy me iron ki kami ke liye aahar kya hai?

गर्भावस्था के दौरान आपका हृदय सामान्य दिनों की तुलना में अधिक काम करने लगता है ताकि वह गर्भ में पल रहे भ्रूण तक जरूरी और पर्याप्त पोषक तत्वों की आपूर्ति कर पाए। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में खून की सप्लाई करीब 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है, इसलिए बेहद जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं अपने आयरन और फोलिक एसिड के सेवन को भी उसी अनुपात में बढ़ाएं। 

(और पढ़ें- गर्भावस्था में फोलिक एसिड)

खून में मौजूद लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) का निर्माण करने के लिए हमारा शरीर आयरन का इस्तेमाल करता है। खून की सप्लाई बढ़ने का मतलब है कि आपको अधिक लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की जरूरत है और इसलिए इन आरबीसी के निर्माण के लिए अधिक आयरन की जरूरत। जब शरीर में आयरन की कमी हो तो लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के सभी ऊत्तकों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंचा पाती हैं। गर्भावस्था के दौरान शरीर में खून की जरूरत बढ़ने के कारण हल्का एनीमिया महसूस करना सामान्य सी बात है लेकिन अगर एनीमिया की गंभीर समस्या हो जाए तो यह गर्भवती महिला के साथ ही उसके अजन्मे बच्चे के लिए भी कई तरह की समस्याओं और जटिलताओं का कारण बन सकता है। जैसे- समय से पहले बच्चे का जन्म (प्रीटर्म बर्थ) और जन्म के समय बच्चे का कम वजन आदि।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में एनीमिया)

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प्रेगनेंसी में अगर गर्भवती महिला के शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो उसमें निम्नलिखित लक्षण नजर आ सकते हैं:

अगर गर्भवती महिला के गर्भ में एक से ज्यादा भ्रूण हों, अगर उनकी लगातार 2 प्रेगनेंसी बिलकुल आसपास हों, अगर गर्भवती महिला पर्याप्त रूप से आयरन से भरपूर चीजों का सेवन नहीं करतीं हैं या फिर अगर प्रेगनेंसी से ठीक पहले पीरियड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग होती हो तो उस महिला के शरीर में गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी की समस्या हो सकती है।

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अगर किसी महिला को यह महसूस हो कि उनके शरीर में आयरन की कमी हो गई है तो अपने मन से आयरन की गोली या सप्लिमेंट्स का सेवन करने की बजाए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी सप्लिमेंट का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि आयरन की बहुत ज्यादा मात्रा भी खतरनाक साबित हो सकती है और लिवर को नुकसान पहुंचाने के साथ ही कई और समस्याओं का कारण बन सकती है। आपके शरीर में आयरन की कितनी कमी है और उसे पूरा करने के लिए आपको कितने आयरन की आवश्यकता है, इसके सही डोज के बारे में डॉक्टर ही बता सकते हैं। 

(और पढ़ें - शरीर में आयरन की अधिकता)

हम आपको यहां पर आयरन से भरपूर उन खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं जिनके सेवन से प्राकृतिक रूप से शरीर में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है:

  • चिकन : चिकन आयरन से भरपूर होता है और प्रेगनेंसी के दौरान इसका सेवन करना भी सुरक्षित माना जाता है। लेकिन बेहद जरूरी है कि चिकन को अच्छी तरह से पका कर ही खाएं क्योंकि अगर चिकन सही से पका न हो तो लिस्टेरिया जैसे खतरनाक बैक्टीरिया का खतरा हो सकता है।
  • सैल्मन मछली : सैल्मन में भी आयरन होता है और इसका सेवन करना भी प्रेगनेंसी में सेफ माना जाता है, लेकिन चिकन की ही तरह सैल्मन का भी सेवन करने से पहले उसे अच्छी तरह से पका लेना जरूरी है। सैल्मन में आयरन के अलावा ओमेगा-3 फैटी एसिड और कई और पोषक तत्व होते हैं और इसमें मर्क्यूरी की मात्रा भी कम होती है इसलिए यह प्रेगनेंसी को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। 
  • रेड मीट : वैसे तो रेड मीट प्रोटीन, जिंक और आयरन का बेहतरीन सोर्स है जो गर्भावस्था के दौरान बेहद जरूरी माना जाता है लेकिन इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि मीट अच्छी तरह से पका हुआ हो। बर्गर, स्टीक, हॉटडॉग आदि चीजों में जो प्रोसेस्ड रेड मीट होता है उसका अधिक मात्रा में सेवन करने से गर्भवती महिलाओं में बीमार होने का खतरा 20 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। (और पढ़ें - रेड मीट कैसे हो सकता है सेहत के लिए हानिकारक)
  • दाल और फलियां : प्रोटीन और फाइबर के अलावा दाल और फलियों में आयरन भी होता है। 1 कप पकी हुई दाल से आपको रोजाना की जरूरत का 6.6 मिलीग्राम आयरन मिल सकता है। आप चाहें तो राजमा, छोले, दाल आदि को बड़ी मात्रा में अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक : पालक में आयरन के अलावा एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन भी होता है। 1 कप पालक से आपको अपनी रोजाना की आयरन की जरूरत का 6.4 मिलीग्राम आयरन मिल जाता है। आप चाहें तो पालक की सब्जी, पालक का सूप, सलाद आदि में भी पालक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • ब्रोकली : ब्रोकली की अच्छी बात ये है कि इसमें आयरन के साथ ही विटामिन सी और फाइबर भी होता है जो शरीर को आयरन को अब्जॉर्ब करने यानी सोखने में मदद करता है। 1 कप ब्रोकली में रोजाना की जरूरत का 1 मिलीग्राम आयरन पाया जाता है। 
  • चुकंदर : ब्रोकली की तरह चुकंदर में भी आयरन और विटामिन सी पाया जाता है। 100 ग्राम चुकंदर में रोजाना की जरूरत का 0.8 मिलीग्राम आयरन होता है जो खून में हीमोग्लोबिन बनाने में मदद कर सकता है। (और पढ़ें - चुकंदर के जूस के फायदे नुकसान)
  • नट्स (सूखे मेवे): 100 ग्राम सूखे मेवे या नट्स में रोजाना की जरूरत का 2.6 मिलीग्राम आयरन पाया जाता है। नट्स में भी पिस्ता सबसे ज्यादा आयरन से भरपूर होता है। 100 ग्राम पिस्ता में 14 मिलीग्राम आयरन होता है। इसके अलावा बादाम, काजू आदि भी आयरन से भरपूर होता है।
  • साबुत अनाज : 100 ग्राम साबुत अनाज में करीब 2.5 मिलीग्राम आयरन होता है और साथ में फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन, मिनरल्स भी होता है। गर्भवती महिलाएं चाहें तो ओट्स, कीन्वा, अमरंथ आदि का सेवन कर सकती हैं।
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