ब्रिटेन की रहने वालीं 28 साल की केली फेयरहर्स्ट को पता चला कि वे जुड़वां बच्चों की मां बनने वाली हैं, तो उनके लिए यह एक बहुत बड़ी खुशखबरी थी। इसके बाद जब गर्भावस्था के 12वें हफ्ते में केली का चेकअप और स्कैन हुआ तो उन्हें इससे भी बड़ा एक शॉक मिला, जब डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके शरीर में एक नहीं बल्कि 2 गर्भाशय हैं और उनके दोनों बच्चे उन दो अलग-अलग गर्भाशयों में पल रहे हैं। 2 अलग गर्भाशय होने का मतलब है कि गर्भवती महिला 2 अलग लेबर के जरिए बच्चे को जन्म दे सकती है।

5 करोड़ महिलाओं में से किसी 1 में होता है डबल यूट्रस
शरीर में 2 गर्भाशय होने की इस स्थिति को यूट्रस डाइडेलफिस (didelphys) या डबल यूट्रस कहते हैं और दोनों गर्भाशय में 2 अलग-अलग जुड़वां बच्चे पलते हैं। डबल यूट्रस की इस तरह की घटना 5 करोड़ महिलाओं में से किसी 1 महिला में देखने को मिलती है और इस दौरान महिला के शरीर में 2 सर्विक्स या गर्भाशय ग्रीवा भी होती हैं।

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इस बारे में पूछने पर केली फेयरहर्स्ट कहती हैं, 'मैंने कभी ये नहीं सोचा था कि मेरे एक जैसे दिखने वाले जुड़वां बच्चे होंगे लेकिन वे 2 अलग-अलग गर्भाशय में पलेंगे। मुझे बहुत आश्चर्य हो रहा है और मैं इसके लिए ईश्वर का आभार व्यक्त करती हूं कि ये मेरे साथ हुआ और मुझे ये दो बेहतरीन बच्चे मिले।'

ब्रिटेन से पहले बांग्लादेश की एक महिला में भी था डबल यूट्रस
साल 2019 में बांग्लादेश की एक महिला के साथ भी ऐसा हुआ था। उसके शरीर में भी 2 गर्भाशय थे और उस महिला ने अपनी पूरी प्रेगनेंसी के दौरान एक बार भी अल्ट्रासाउंड नहीं करवाया था, इसलिए उसे लग रहा था कि उसके गर्भ में सिर्फ एक बच्चा ही पल रहा है। फरवरी महीने में उस महिला ने पहले बेबी बॉय को जन्म दिया और 26 दिन बाद जब उसे फिर से पेट में दर्द शुरू हुआ तो वह अस्पताल पहुंची और तब उसे पता चला कि उसके शरीर में डबल यूट्रस है और उसके गर्भ में एक नहीं बल्कि 2 जुड़वां बच्चे पल रहे थे। इसके बाद उसने सी-सेक्शन से बेबी गर्ल को जन्म दिया।

2 गर्भाशय से हो सकता है कई तरह का जोखिम
मेयो क्लिनिक के मुताबिक, यूट्रस डाइडेलफिस (didelphys) या डबल यूट्रस एक जन्मजात विकृति है। इसमें महिला भ्रूण के शरीर में बनने वाला यूट्रस 2 अलग छोटी ट्यूब के रूप में बनना शुरू होता है। जैसे-जैसे भ्रूण विकसित होता जाता है ट्यूब्स आमतौर पर जुड़ जाती हैं और एक बड़े खोखले अंग यूट्रस का निर्माण करती हैं।

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लेकिन कई बार ये ट्यूब्स एक साथ पूरी तरह से जुड़ती नहीं हैं। इसकी जगह दोनों ट्यूब 2 अलग-अलग स्ट्रक्चर का निर्माण करती हैं। डबल यूट्रस में सिर्फ एक सर्विक्स या गर्भाशय ग्रीवा भी हो सकती है या फिर दोनों गर्भाशय का 2 अलग-अलग सर्विक्स भी हो सकता है। डबल यूट्रस के बहुत से मामलों में टीशू से बनी एक पतली सी दीवार योनि के अंदर तक जाती है और 2 अलग-अलग ओपनिंग या सर्विक्स में बंट जाती है।
 
जिस महिला को डबल यूट्रस होता है उनकी प्रेगनेंसी आमतौर पर पूरी तरह से सफल रहती है, लेकिन कई बार इसकी वजह से कई तरह के जोखिम होने का भी खतरा रहता है जैसे- प्रीमैच्योर बर्थ और मिसकैरेज आदि। 2 गर्भाशय होने पर गर्भवती महिला द्वारा 2 बार लेबर में जाने की भी आशंका रहती है।

डबल यूट्रस का कारण 
चूंकि यह डबल यूट्रस की घटना 5 करोड़ में से किसी एक महिला के साथ होती है इसलिए यह स्थिति बेहद दुर्लभ है। डॉक्टर भी पूरी स्पष्टता के साथ यह नहीं बता पाते हैं कि आखिर भ्रूण द्वारा डबल यूट्रस विकसित करने का कारण क्या है। इसके पीछे कोई आनुवंशिक कारण जिम्मेदार हो सकता है, क्योंकि कई बार अगर यह समस्या मां को हो तो बेटी को भी होने का खतरा अधिक होता है। 

वैसे तो डबल यूट्रस वाली महिलाओं की सेक्स लाइफ, प्रेगनेंसी और डिलिवरी पूरी तरह से सामान्य होती है। लेकिन कई बार डबल यूट्रस या इससे जुड़ी दूसरी विकृतियों कि वजह से :

  • बांझपन (इन्फर्टिलिटी)
  • मिसकैरेज
  • प्रीमैच्योर बर्थ
  • किडनी की विकृति जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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