ब्रेन सीटी स्कैन क्या है?

सीटी स्कैन को कंप्यूटेड टोमोग्राफी टेस्ट कहते हैं। ब्रेन सीटी स्कैन का मत​लब केवल मस्तिष्क के सीटी स्कैन टेस्ट से है। यह एक एक्स-रे टेस्ट है, जिसकी मदद से मस्तिष्क की 3डी तस्वीरें तैयार की जाती हैं। इस मशीन में एक स्कैनर लगा होता है, जो कि एक्स-रे किरणें बनाता है। यह किरणें मस्तिष्क में प्रवेश करती हैं और इनकी मदद से कंप्यूटर स्क्रीन पर मस्तिष्क के 3डी चित्र देखे जा सकते हैं। कभी-कभी मस्तिष्क के कुछ निश्चित भागों की स्पष्टता बढ़ाने के लिए एक डाई (आयोडीन) का प्रयोग किया जाता है, इसकी मदद से एक्स-रे फिल्म पर फोटो अधिक विस्तृत व स्पष्ट आती है।

ब्रेन सीटी स्कैन टेस्ट का उद्देश्य मस्तिष्क और उसके आस-पास के ऊतकों में असामान्यताओं का पता लगाना है। इसके अलावा सीटी स्कैन रक्त परिसंचरण (ब्लड सर्कुलेशन) से जुड़े विकारों का पता लगाता है और मस्तिष्क के एक विशिष्ट हिस्से की सटीक छवियां प्रदान करता है। हेलीकल सीटी स्कैन 30 सेकंड से भी कम समय में मस्तिष्क के चयनित हिस्से को स्कैन कर सकता है। यह उन बच्चों और रोगियों में सहायक है जो टेस्ट के दौरान सहयोग नहीं करते हैं।

(और पढ़ें - ब्रेन एमआरआई स्कैन क्या है)

  1. ब्रेन सीटी स्कैन कौन नहीं करा सकता है? - Who cannot have brain CT scan done in Hindi?
  2. ब्रेन सीटी स्कैन क्यों किया जाता है? - Why is a Brain CT scan done in Hindi?
  3. ब्रेन सीटी स्कैन से पहले की तैयारी? - Brain CT scan preparation in Hindi?
  4. ब्रेन सीटी स्कैन कैसे होता है? - Brain ka CT scan kaise hota hai
  5. ब्रेन सीटी स्कैन में कैसा महसूस होता है? - How does a brain CT scan feel in Hindi?
  6. ब्रेन सीटी स्कैन के परिणाम का क्या मतलब है? - Brain CT Scan results mean in Hindi?
  7. ब्रेन सीटी स्कैन के जोखिम और लाभ? - CT Scan Brain risks and benefits in Hindi?
  8. ब्रेन सीटी स्कैन के बाद क्या होता है? - What happens after the brain CT scan in Hindi?
  9. ब्रेन सीटी स्कैन के साथ अन्य कौन से टेस्ट किए जा सकते हैं? - Other tests can be done with brain CT scan in Hindi?
  10. कंट्रास्ट बनाम नॉन-कॉन्ट्रास्ट ब्रेन सीटी स्कैन - Contrast vs on-contrast brain CT scan in Hindi
ब्रेन सीटी स्कैन के डॉक्टर

निम्नलिखित स्थितियों में ब्रेन सीटी स्कैन नहीं कराने का सुझाव दिया जाता है :

  • आयोडीन से एलर्जी
  • बंद या कम स्थान वाली जगह से भय और चिंता
  • जब तक कि बहुत ज्यादा आवश्यक न हो, तब तक गर्भावस्था में यह टेस्ट नहीं कराना चाहिए। 
  • ब्लड प्रेशर, नाड़ी (पल्स), श्वास और दिल की धड़कन में बार-बार उतार-चढ़ाव।
  • मोटापा या शरीर का वजन 181 किलोग्राम से अधिक होना। (और पढ़ें - मोटापे का इलाज क्या है)
  • हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद शरीर में आर्टिफिशियल इंप्लांट कराना, डेंटल कैविटी होने पर दांतों में फिलिंग कराना या ऐसे लोग जिनका बेरियम एनिमा (बड़ी आंत में परिवर्तन या असामान्यताओं का पता लगाने वाला एक्स-रे) टेस्ट किया जा चुका है, उनमें दिमाग का सीटी स्कैन करने से चित्र अस्पष्ट मिल सकते हैं।
  • टेस्ट में इस्तेमाल की गई डाई के संपर्क में आने के बाद किडनी फेलियर का खतरा।

(और पढ़ें - चिंता दूर करने के उपाय)

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जब लक्षणों से यह संदेह होता है कि मस्तिष्क या केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में किसी प्रकार की समस्या हो सकती है, तो ऐसे में डॉक्टर ब्रेन सीटी स्कैन कराने का सुझाव दे सकते हैं :

(और पढ़ें - याददाश्त बढ़ाने के उपाय)

सीटी स्कैन ब्रेन के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है, लेकिन निम्नलिखित बातों का जरूर ध्यान रखें :

  • यदि इस टेस्ट के दौरान कंट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है, तो डॉक्टर आपको टेस्ट से चार घंटे पहले से कुछ न खाने पीने के लिए कह सकते हैं, जबकि डाई का प्रयोग न होने पर ऐसा करने की जरूरत नहीं होती है।
  • यदि आप (मेटफोर्मिन) डायबिटीज की दवा ले रहे हैं, तो आपको टेस्ट वाले दिन दवा न लेने के लिए कहा जा सकता है, लेकिन आप अपनी बाकी नियमित दवाएं लेना जारी रख सकते हैं।
  • यदि आप टेस्ट से पहले चार घंटे से खाली पेट हैं तो ऐसे में निर्जलीकरण से बचने के लिए आपको इन चार घंटों से पहले खूब पानी पीने की जरूरत है।
  • स्कैन से पहले ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (बीयूएन) और क्रिएटिनिन के स्तर की जांच के लिए खून की जांच कराने की आवश्यकता हो सकती है।

(और पढ़ें - ब्लड यूरिया नाइट्रोजन टेस्ट क्या है)

जब आप इस टेस्ट के लिए जाते हैं तो लैब टेक्नीशियन पहले आपको पूरी प्रक्रिया के बारे में बता देते हैं। वे आपको कुछ दिशा-निर्देशों के बारे में भी बता सकते हैं, जिनका पालन करना जरूरी है जैसे :

  • टेस्ट से पहले धातु की बनी वस्तुएं जैसे हेयरपिन, क्लिप, डेन्चर, चश्मा, आभूषण और हियरिंग ऐड (सुनने में मदद करने वाली डिवाइस) निकाल दें।
  • इसके बाद सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर करने की जरूरत होगी, क्योंकि ऐसा करने से ही लैब के कर्मचारी को टेस्ट करने की अनुमती मिलेगी।
  • टेस्ट कराने से पहले प्रयोगशाला से आपको गाउन पहनने के लिए कहा जा सकता है।
  • अब आपको स्कैनिंग के लिए बताए गए टेबल पर लेटना होगा और यदि जरूरी होगा तो इंजेक्शन की मदद से डाई को इंजेक्ट किया जाएगा।
  • सिर को सहारा देने के लिए के लिए आपको तकिया या कुछ और दिया जा सकता है, ताकि आप सहज मुद्रा में रहें।
  • यदि आप बंद स्थान से डरते हैं तो आपको इस बारे में रेडियोलॉजिस्ट को बताने की जरूरत है। वे आपको टेस्ट से पहले एंटी-एंजाइटी या हल्की सिडेटिव ड्रग्स दे सकते हैं।
  • अब यह टेबल गोलाकार या डोनट के आकार की स्कैनिंग मशीन (गैन्ट्री) में स्लाइड करेगी, जिसमें एक्स-रे ट्यूब होता है।
  • यह ट्यूब आपके सिर के चारों ओर घूमेगी और चित्र तैयार करेगी, जिसे मॉनीटर पर देखा जा सकता है।
  • प्रक्रिया के दौरान आपको कुछ समय के लिए सांस रोकने के लिए भी कहा जा सकता है।
  • जब मशीन संचालित होगी, तब आपको जोर से क्लिक जैसी आवाज आ सकती है।
  • यदि टेस्ट के दौरान कंट्रास्ट डाई का प्रयोग नहीं किया गया है तो यह प्रोसेस एक घंटे में खत्म हो जाएगा, लेकिन जब कंट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है तो ऐसे में दोगुना समय भी लग सकता है।
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टेस्ट के दौरान कोई हलचल किए बिना शांत रहने की जरूरत होती है। यदि आपको कोई चोट लगी है या हाल ही में कोई सर्जरी हुई है तो लंबे समय तक सीटी स्कैन वाली टेबल पर लेटने से कुछ असुविधा महसूस हो सकती है। यदि कंट्रास्ट डाई का प्रयोग किया गया है, तो आपको मतली, मुंह में नमकीन या धातु जैसा स्वाद, हल्का सिरदर्द, गर्मी लगना आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं। हालांकि यह लक्षण कुछ समय बाद ठीक हो जाते हैं।

(और पढ़ें - मतली रोकने के उपाय)

ब्रेन सीटी स्कैन की रिपोर्ट असामान्य आना निम्न स्थितियों की ओर इशारा कर सकती है :

(और पढ़ें - ट्यूमर और कैंसर के बीच अंतर)

ब्रेन सीटी स्कैन के लाभ :

  • इस टेस्ट में बहुत कम मात्रा में रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है, ​जो कि वृद्ध व बच्चों सहित विभिन्न आयु समूहों के लिए हानिकारक है।
  • निदान के लिए एक्सपोरेटरी सर्जरी की आवश्यकता को कम करता है।
  • यह तय करने में मदद करता है कि सर्जरी की वास्तव में जरूरत है या नहीं।
  • यह कैंसर के उपचार की निगरानी और निदान में मदद करता है।
  • अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती होने के जोखिम को कम करता है।

ब्रेन सीटी स्कैन के जोखिम :

  • गर्भावस्था के दौरान रेडिएशन के संपर्क में आने से अजन्मे बच्चे में जन्म दोष हो सकता है।
  • सीटी स्कैन में इस्तेमाल होने वाला रेडिएशन अपने बच्चे को दूध पिलाने वाली माताओं और उनके शिशुओं में एक जोखिम कारक हो सकता है।
  • स्कैन के दौरान यदि डाई (आयोडीन) का प्रयोग किया गया है तो इससे कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या हो सकती है।
  • डाई से एलर्जी की वजह से एक्यूट किडनी फेलियर का जोखिम हो सकता है।
  • जो लोग डायबिटीज मेलिटस के उपचार के लिए मेटफॉर्मिन ले रहे हैं, वे जब कंट्रास्ट डाई सहित ब्रेन सीटी स्कैन कराते हैं तो उनमें लैक्टिक एसिडोसिस की वजह से तेज सांस आना, ब्लड प्रेशर में कमी, मतली, उल्टी और भूख में कमी हो सकती है।
  • सीटी स्कैन के दौरान जब एक्सनॉन नामक एनेस्थीसिया गैस का उपयोग किया जाता है तो टेस्ट के बाद अचानक से सांस रुक (कुछ सेकंड के लिए) सकती है।

(और पढ़ें - भूख बढ़ाने के उपाय)

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ब्रेन सीटी स्कैन के बाद आपको निम्न कार्य करने के लिए कहा जा सकता है :

  • यदि आपको सिडेटिव ड्रग्स दिया जाता है, तो आपको परिवार के सदस्य या किसी खास करीबी के साथ घर जाने की जरूरत है और इस दौरान आपको गाड़ी नहीं चलानी चाहिए।
  • ढेर सारा पानी पिएं, ताकि शरीर में मौजूद डाई मूत्रमार्ग के जरिये बाहर निकल जाए।
  • यदि कंट्रास्ट डाई का प्रयोग किया गया है तो टेस्ट के 24 घंटे बाद तक व्यक्ति का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि डाई की वजह से एलर्जी हो सकती है। ऐसे में त्वचा पर दाने या पित्ती, मतली, सांस फूलना या मुंह में पैरोटिड ग्रंथियों (ग्रंथियां जो लार का स्राव करती हैं) की सूजन या यहां तक कि सदमा जैसे लक्षण देख सकते हैं। इसके अलावा इंजेक्शन वाली जगह पर लालिमा, दर्द या सूजन भी देखी जा सकती है। यदि आप ऐसे किसी भी लक्षण को नोटिस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।

(और पढ़ें -  सूजन का आयुर्वेदिक इलाज)

कभी-कभी मस्तिष्क में असामान्यता व अन्य जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए सीटी स्कैन के बजाय एमआरआई किया जाता है। इसके अलाावा पीईटी टेस्ट से भी मस्तिष्क विकारों का निदान किया जा सकता है।

(और पढ़ें - मस्तिष्क में सूजन का इलाज)

डाई का प्रयोग इसलिए किया जाता है ताकि टेस्ट की रिपोर्ट में तस्वीरें अधिक स्पष्ट आएं और निदान में मदद मिल सके। इसी तरह, ब्रेन सीटी स्कैन में डाई का प्रयोग मस्तिष्क में कुछ हिस्सों की स्पष्टता में सुधार लाने के लिए किया जाता है, इस प्रोसीजर में आयोडीन नामक कंट्रास्ट डाई का प्रयोग करते हैं, जिसे केवल नसों के माध्यम से शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। यदि कंट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है तो व्यक्ति को टेस्ट से चार घंटे पहले कुछ खाने पीने के लिए मना किया जाता है। हालांकि, डाई के प्रयोग के बाद कुछ लोगों को मतली, मुंह में नमकीन या धातु का स्वाद, गर्मी लगना, हल्का सिरदर्द आदि लक्षणों का अनुभव हो सकता है, जो समय के साथ अपने आप ठीक हो जाता है। यदि कंट्रास्ट डाई का प्रयोग नहीं किया जाता है, तो स्कैन में लगभग एक घंटे का समय लगता है।

हालांकि, अगर कंट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है, तो इसमें दोगुना समय लग सकता है। डाई से एलर्जी का खतरा हो सकता है। इसके अलावा जो लोग डायबिटीज मेलिटस के उपचार के लिए मेटफॉर्मिन ले रहे हैं उनमें डाई का प्रयोग कुछ अन्य जोखिम भी से भी जुड़ा हो सकता है जैसे बीपी कम होना, मतली, भूख न लगना, उल्टी, एक्यूट किडनी ​फेलियर आदि। जिन लोगों को डाई से एलर्जी है या जिन्हें किडनी फेलियर का खतरा है ऐसे लोगों में यह स्कैन नहीं किया जाता है।

टेस्ट के बाद, शरीर में मौजूद डाई को शरीर के मूत्रमार्ग से बाहर निकालने के लिए खूब सारा पानी पिएं। अगले 24 घंटों तक व्यक्ति में एलर्जी के लक्षण नोटिस करने की जरूरत होती है। इसके लक्षणों में मतली, सांस फूलना, चकत्ते या पित्ती, पैरोटिड ग्रंथियों में सूजन शामिल है।

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