सीटी स्कैन यानी कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन एक गैर-आक्रामक इमेजिंग टेस्ट है। इसमें एक्स-रे और कंप्यूटर की मदद से सीने के अंदर की छवियां तैयार की जाती हैं। एक्स-रे की तुलना में सीटी स्कैन टेस्ट में सॉफ्ट टिश्यू और आंतरिक अंगों (खासकर रक्त कोशिकाओं) की ज्यादा साफ व विस्तृत छवियां तैयार होती हैं।

चेस्ट सीटी स्कैन प्रक्रिया के दौरान, एक्स-रे बीम आपके शरीर के चारों ओर घूमता है, ताकि वह छाती के अंदर की कई छवियों तैयार कर सके। इन छवियों को मॉनिटर पर आसानी से देखा जा सकता है और किसी तरह की असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है। कुछ मामलों में टेस्ट के दौरान कंट्रास्ट डाई का प्रयोग किया जा सकता है, इससे छवियां अधिक स्पष्ट दिखाई देती हैं। इस डाई को इंजेक्शन के जरिये शरीर में पहुंचाया जाता है, इंजेक्शन के दौरान कुछ ठंडक महसूस हो सकती है। कंट्रास्ट डाई का उपयोग करना उन लोगों में हानिकारक हो सकता है जो किडनी डिजीज से ग्रस्त हों या जिन्हें इससे एलर्जी हो।

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  1. चेस्ट सीटी स्कैन कौन नहीं करा सकता है? - Who cannot have a Chest CT Scan in Hindi?
  2. चेस्ट सीटी स्कैन क्यों किया जाता है? - Why is a Chest CT Scan done in Hindi?
  3. चेस्ट सीटी स्कैन से पहले की तैयारी? - Chest CT scan preparation in Hindi?
  4. चेस्ट सीटी स्कैन कैसे होता है? - Chest CT scan procedure in Hindi?
  5. चेस्ट सीटी स्कैन के दौरान कैसा महसूस होता है? - How will a Chest CT Scan feel in Hindi?
  6. चेस्ट सीटी स्कैन के परिणामों का क्या अर्थ है? - Chest CT Scan results mean in Hindi?
  7. चेस्ट सीटी स्कैन के जोखिम और लाभ क्या हैं? - Chest CT Scan risks and benefits in Hindi?
  8. चेस्ट सीटी स्कैन के बाद क्या होता है? - What happens after a Chest CT Scan in Hindi?
  9. चेस्ट सीटी स्कैन के साथ कौन से अन्य टेस्ट किए जा सकते हैं? - Other tests that can be done with a Chest CT scan in Hindi?
  10. कंट्रास्ट बनाम नॉन-कंट्रास्ट सीटी स्कैन - Contrast vs non-contrast CT scan of chest in Hindi

निम्नलिखित स्थितियों में चेस्ट सीटी स्कैन नहीं कराना चाहिए या आपको डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए:

  • यदि गर्भवती होने का आपको संदेह है, क्योंकि इस टेस्ट में रेडिएशन का प्रयोग होता है जो कि बच्चे में जन्म दोष का कारण बन सकता है।
  • यदि कोई महिला स्तनपान करा रही है, क्योंकि यदि इस टेस्ट के दौरान कंट्रास्ट डाई दी जा सकती है, जो कि स्तन के दूध में मिल सकता है, यह एक खतरनाक स्थिति हो सकती है।
  • आपको पहले कभी कंट्रास्ट डाई से एलर्जी की समस्या रही हो।
  • आपको किडनी की बीमारी या कोई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्या रही हो।

बच्चे रेडिएशन के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं इसलिए, बच्चों पर सीटी स्कैन तभी किया जाना चाहिए, जब निदान के लिए बहुत जरूरी हो।

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यदि डॉक्टर निम्नलिखित लक्षणों या स्थितियों का मूल्यांकन करना चाहते हैं, तो वे सीने का सीटी स्कैन कराने के लिए कह सकते हैं:

यदि डॉक्टर चेस्ट एक्स रे के दौरान किसी असामान्यताओं का पता चला हो तो और बारीकी से जांच करने के लिए भी चेस्ट सीटी स्कैन कराने का सुझाव दिया जा सकता है।

एक व्यक्ति जिसमें ट्यूमर का निदान हुआ हो, उसमें चेस्ट सीटी स्कैन के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि ट्यूमर कितना फैल चुका है या ट्रीटमेंट के बाद प्रतिक्रिया की जांच के लिए भी यह टेस्ट कराने के लिए कहा जा सकता है।

भ्रूण के अल्ट्रासाउंड के दौरान यदि छाती की असामान्यता का पता चलता है, तो इसके मूल्यांकन के लिए भी चेस्ट सीटी स्कैन मदद कर सकता है।

कंट्रास्ट डाई का प्रयोग तब तक नहीं किया जाता है जब त​क डॉक्टर को सीने में कुछ रक्त वाहिकाओं का मूल्यांकन की जरूरत न पड़े। इस स्कैन में, एक आयोडीन-आधारित कंट्रास्ट डाई को इंजेक्शन के जरिये नसों में इंजेक्ट किया जाता है।

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सीटी स्कैन से पहले आपको डॉक्टर को निम्नलिखित चीजों के बारे में बता देना चाहिए:

  • डाई से एलर्जी की समस्या रही हो
  • छाती या पेट वाले हिस्से में बॉडी पियर्सिंग
  • आयोडीन या शेलफिश से एलर्जी की समस्या
  • कोई भी दवा जो आप नियमित रूप ले रहे हों

यदि डॉक्टर को लगता है कि कंट्रास्ट डाई का उपयोग आवश्यक है, तो निम्न सावधानियां बरतने की आवश्यकता है:

  • आपको सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाएगा।
  • आपको टेस्ट से पहले कुछ घंटों के लिए खाली पेट रहने के लिए कहा जा सकता है।
  • यदि आप मेटफॉर्मिन (डायबिटीज के लिए) जैसी दवाएं लेते हैं, और कंट्रास्ट डाई का उपयोग करके चेस्ट सीटी स्कैन किया जाना है तो ऐसे में टेस्ट के 48 घंटे बाद तक दवा लेने के लिए मना किया जा सकता है।

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चेस्ट सीटी स्कैन टेस्ट निम्नलिखित तरीके से किया जाएगा:

  • सबसे पहले आपको अस्पताल या नैदानिक केंद्र से मिलने वाले गाउन को पहनने के लिए कहा जा सकता है। इस दौरान आपको आभूषण को हटाने के लिए कहा जाएगा, क्योंकि वे टेस्ट में किसी तरह की बाधा न बनें।
  • यदि डॉक्टर या रेडियोलॉजिस्ट कंट्रास्ट डाई का उपयोग करते हैं, तो वे आपके हाथ की नसों में इसे इंजेक्ट करेंगे।
  • इसके बाद, आपको स्कैनिंग टेबल पर ऐसे लेटना होगा कि दोनों हाथ सिर के ऊपर सीधे रहें। स्कैनिंग के दौरान आपको तकिए के उपयोग से उचित पोजिशन में रहने से मदद मिलती है।
  • अब स्कैनिंग टेबल एक बड़े गोलाकार आकृति के बने दरवाजे में जाएगी, जिसे मेडिकल भाषा में गैंट्री कहा जाता है।
  • आप एक विंडो यानी खिड़की के जरिये रेडियोलॉजिस्ट को देख सकते हैं और यदि कुछ जरूरी बताना है, तो वहां मौजूद बटन को दबा सकते हैं। मशीन में स्पीकर के माध्यम से आप टेक्नोलॉजिस्ट से बात कर सकेंगे।
  • टेस्ट के दौरान शरीर के ऊतकों द्वारा एक्स-रे को अवशोषित कर लिया जाता है, जिसे कंप्यूटर स्क्रीन पर देखा जा सकता है।
  • आमतौर पर, चित्रों का पहला सेट तैयार करने के दौरान कंट्रास्ट डाई का प्रयोग नहीं किया जाता है, जबकि दूसरे सेट के दौरान, डॉक्टर आपकी बांह की नसों में डाई को इंजेक्ट (यदि जरूरत हो तो) कर सकते हैं। कुछ मामलों में, डाई को मौखिक रूप से भी दिया जा सकता है।
  • यदि आप टेस्ट के दौरान असहज महसूस करते हैं तो इस बारे में तुरंत डॉक्टर या रेडियोलॉजिस्ट को बताएं।
  • यदि आईवी लाइन बनाई जाती है तो इसे स्कैन के बाद हटा दिया जाता है।

टेस्ट के बाद टेक्नोलॉजिस्ट आपको टेबल पर बैठाने और उतरने में मदद कर सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 10-15 मिनट लग सकते हैं।

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हालांकि, यह टेस्ट गैर-आक्रामक (बिना चीर-फाड़ वाला) और दर्द रहित है, लेकिन कुछ को स्कैनिंग मशीन के अंदर होने के लिए थोड़ा असहज लग सकता है, क्योंकि इस दौरान एक बंद स्थान में रहने की जरूरत होती है। यदि आप नर्वस हैं तो इस बारे में चिकित्सक को बताएं।

यदि कंट्रास्ट डाई का प्रयोग किया जाता है तो आप निम्नलिखित अनुभव कर सकते हैं :

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चेस्ट सीटी स्कैन के परिणामों की रेडियोलॉजिस्ट द्वारा व्याख्या की जाती है और निम्नलिखित असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है :

  • हल्के या गंभीर ट्यूमर
  • लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी
  • ब्लॉकेज
  • चोट या शरीर के अंदर ब्लीडिंग
  • टीबी जैसे संक्रमण
  • निमोनिया
  • सिस्टिक फाइब्रोसिस
  • प्लेउरा की सूजन संबंधी बीमारियां
  • जन्मजात असामान्यताएं

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चेस्ट सीटी स्कैन के फायदे

  • यह आसानी से होने वाला टेस्ट है और यह बहुत महंगा भी नहीं है।
  • टेस्ट के दौरान समय कम लगता है और आपातकालीन मामलों में आंतरिक चोटों और ब्लीडिंग के बारे में जानकारी दे सकता है, इस प्रकार तत्काल उपचार मिलता है और मरीज की जान बचाई जा सकती है।
  • यह गैर-आक्रामक और दर्द रहित है।
  • हड्डियों, सॉफ्ट टिश्यू और रक्त वाहिकाओं की छवियां का एक साथ आकलन किया जा सकता है।
  • पारंपरिक रूप से किए जाने वाले एक्स-रे इमेजिंग टेस्ट की तुलना में इससे अधिक विस्तृत चित्र प्राप्त होते हैं।
  • इसका उपयोग कुछ हल्के आक्रामक प्रक्रियाओं जैसे कि नीडल बायोप्सी के लिए एक उपकरण के रूप में किया जा सकता है।

चेस्ट सीटी स्कैन से जुड़े जोखिमों में शामिल हैं :

  • कंट्रास्ट डाई के उपयोग की वजह से एलर्जी
  • सुई लगाते समय असुविधा होना
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टेस्ट के बाद आपको तब तक रुकने की जरूरत होती है जब तक टेक्नीशियन यह सुनिश्चित न कर लें कि प्राप्त हुई छवियां स्पष्ट हैं। इसके बाद आप अपनी सामान्य गतिविधियों पर लौट सकते हैं।

यदि टेस्ट के लिए कंट्रास्ट डाई का प्रयोग किया गया है, तो आपको अपने शरीर से डाई को बाहर निकालने के लिए 6 से 8 गिलास पानी पीने के लिए कहा जाएगा।

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चेस्ट सीटी स्कैन के बाद किसी असामान्य स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए निम्नलिखित टेस्ट की आवश्यकता हो सकती है। सीने के सीटी स्कैन के साथ-साथ जिन अन्य टेस्ट का आदेश दिया जा सकता है, उनमें शामिल हैं :

ज्यादातर मामलों में, छाती के सीटी स्कैन के लिए कंट्रास्ट का प्रयोग नहीं किया जाता है। कंट्रास्ट डाई का प्रयोग तब किया जाता है जब रक्त वाहिकाओं से जुड़ी समस्याओं का पता करना होता है। इसके अलावा यदि डॉक्टर को छाती की एंजियोग्राफी करने की आवश्यकता होती है तो ऐसे में कंट्रास्ट डाई का प्रयोग किया जाता है।

जिन लोगों को कंट्रास्ट डाई से एलर्जी का जोखिम है, उनमें इसका प्रयोग नहीं किया जाता है, हालांकि ज्यादातर लोगों को डाई से एलर्जी नहीं होती है। साथ ही, यदि आप स्तनपान करा रही हैं और कंट्रास्ट सीटी स्कैन कराने की जरूरत है, तो आपको टेस्ट के बाद थोड़ी देर के लिए अपने बच्चे को दूध पिलाने से बचना चाहिए या इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करें।

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डॉक्टर आमतौर पर छाती के कंट्रास्ट सीटी स्कैन से कुछ घंटे पहले कुछ न खाने-पीने का सुझाव देते हैं, जबकि नॉन-कंट्रास्ट चेस्ट सीटी स्कैन से पहले ऐसा करने की जरूरत नहीं होती है।

जब कंट्रास्ट डाई को इंजेक्ट किया जाता है, तो आप मुंह में धातु का स्वाद महसूस करने के साथ-साथ चक्कर आना या जी मिचलाना महसूस कर सकते हैं। कुछ लोगों को कंट्रास्ट डाई के कारण डायरिया या कब्ज हो जाता है।

टेस्ट के बाद, आपको दिन में कम से कम 6 से 8 गिलास पानी पीना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि डाई आपके बॉडी सिस्टम से बाहर निकल जाए, जबकि नॉर्मल सीटी स्कैन के बाद ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है।

ध्यान रहे : इन सभी टेस्ट के परिणाम रोगी के नैदानिक स्थितियों से सहसंबद्ध यानी जुड़े होने चाहिए। ऊपर मौजूद जानकारी शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह किसी भी डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है।

संदर्भ

  1. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; CT Scan of the Chest
  2. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Computed Tomography (CT) Scan of the Chest
  3. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]: U.S. Department of Health and Human Services; Chest CT Scan
  4. Garvey Conall J, Hanlon Rebecca. Computed tomography in clinical practice. BMJ. 2002 May 4; 324(7345): 1077–1080. PMID: 11991915.
  5. Fred Herbert L. Drawbacks and Limitations of Computed Tomography. Tex Heart Inst J. 2004; 31(4): 345–348. PMID: 15745283.
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