क्रिएटिन फोस्फोकाइनेज टेस्ट (सीपीके) क्या है?

सीपीके टेस्ट को क्रिएटिन काइनेज (सीके) टेस्ट भी कहा जाता है। यह एक ब्लड टेस्ट है, जो शरीर में सीपीके एंजाइम की मात्रा का पता लगाता है। यह मुख्य रूप से मस्तिष्क, कार्डियक और स्केलेटल मसल में पाया जाता है। यह हमारी मांसपेशियों को ठीक प्रकार से कार्य करने में मदद करता है। रक्त में सीपीके की अधिक मात्रा मांसपेशियां क्षतिग्रस्त होने का संकेत देती है।

आमतौर पर सीपीके रक्त में बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है। हालांकि, मांसपेशियों को किसी भी प्रकार की क्षति या मांसपेशियों द्वारा ऊर्जा के उत्पादन में कोई भी परेशानी होने से इसका स्तर बढ़ जाता है।

कुछ ऐसी स्थितिया हैं, जिनके परिणामस्वरूप मांसपेशियां क्षतिग्रस्त होने लग जाती हैं, जैसे सूजन आना, मायोपैथी (मस्कुलर डिस्ट्रॉफी), अत्यधिक व्यायाम करना और मांसपेशियों का टूटना (Rhabdomyolysis; इस बीमारी में मांसपेशियां टूटने लग जाती हैं और सीपीके का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है) आदि।

(और पढ़ें - ब्लड टेस्ट क्या है)

  1. सीपीके टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of CPK test in Hindi
  2. सीपीके टेस्ट से पहले - Before CPK test in Hindi
  3. सीपीके टेस्ट के दौरान - During CPK test in Hindi
  4. सीपीके टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - CPK test Result and Normal Range in Hindi

सीपीके टेस्ट किसलिए किया जाता है?

सीपीके टेस्ट तब किया जाता है जब मांसपेशियां में क्षति होने का संदेह हो या व्यक्ति में मांसपेशियों की चोट के लक्षण दिखाई दें। इन लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

यह टेस्ट नियमित अंतराल पर डैमेज की स्थिति पर नजर रखने के लिए किया जाता है। इसके अलावा यह मायोपैथी (मस्कुलर डिस्ट्रोफी) और ट्रॉमा (जैसे जलना या मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ना) आदि का परीक्षण करने में भी काफी सहायक है।

सीपीके के तीन आइसोएंजाइम होते हैं जो शरीर में अलग-अलग जगहों पर मौजूद होते हैं और इनकी मदद से डैमेज के क्षेत्र का पता चलता है:

  • सीपीके-एमबी (हृदय की मांसपेशियों में पाया जाता है)
  • सीपीके-एमएम (स्केलेटल मसल में पाया जाता है)
  • सीपीके-बीबी (मस्तिष्क में पाया जाता है)

(और पढ़ें - ब्लड ग्रुप टेस्ट क्या है)

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सीपीके टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

यह एक सामान्य खून टेस्ट की तरह किया जाता है, इसलिए यह टेस्ट करवाने से पहले कोई विशेष तैयारी करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

सीपीके टेस्ट कैसे किया जाता है?

यह एक सामान्य टेस्ट है जिसमें पांच मिनट से भी कम का समय लगता है। एक अनुभवी डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई लगाकर ब्लड सैंपल ले लेंगे। खून की छोटी सी मात्रा को एक टेस्ट ट्यूब में निकाल लिया जाता है, फिर ट्यूब को ठीक से बंद कर के लैब में परीक्षण के लिए भेज दिया जाएगा। नस में सुई लगने से आपको हल्का सा दर्द हो सकता है।

इसके अलावा हल्का सा खतरा दर्द होने, चक्कर आने और सुई लगी जगह पर नील पड़ने का हो सकता है। हालांकि, अधिकतर ये लक्षण जल्द ही गायब हो जाते हैं। कभी-कभार खून निकालने वाली जगह से संक्रमण हो सकता है। यदि लक्षण ज्यादा समय तक रहते हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बताएं।

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सीपीके टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है?

सीपीके के स्तर माइक्रोग्राम प्रति लीटर में लिखे जाते हैं (mcg/L)।

सामान्य परिणाम :
सीपीके का नॉर्मल रेंज 10-120 mcg/L होता है।

असामान्य परिणाम:
सीपीके के उच्च स्तर निम्न मामलों में देखे जाते हैं:

सीपीके की मात्रा सामान्य रूप से स्ट्रेनियस व्यायाम, लम्बे समय तक व्यायाम करने और स्पोर्ट खेलने के दौरान या इनके बाद बढ़ जाती है।

जिन लोगों में मांसपेशियों का घनत्व अधिक होता है उनमें सीपीके के अधिक पाया जाता है, इसीलिए महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में ये अधिक होता है। मांसपेशियों में किसी प्रकार की चोट जैसे इंजेक्शन लगने से होने वाला छेद आदि भी कुछ समय के लिए सीपीए के स्तर को बढ़ा सकता है। गर्भवस्था की शुरुआती अवस्था में सीपीके के स्तर कम होते हैं।

सीपीके को हार्ट अटैक के परीक्षण के लिए प्रयुक्त माना जाता था लेकिन अब ये ट्रोपोनिन आई टेस्ट  द्वारा किया जाता है। हालांकि जब एक बार हार्ट अटैक आने के तुंरत बाद फिर से आता है, तो इस स्थिति की जांच करने के लिए भी यह टेस्ट किया जा सकता है। आमतौर पर सीपीके दूसरे टेस्ट के साथ भी किया जाता है इसमें इलेक्ट्रोलाइट लेवल, ब्लड यूरिया नाइट्रोजन, क्रिएटिनिन लेवल और यूरिन मायोग्लोबिन लेवल (जब रैब्डोमायलोसिस रोग होने का संदेह होता है) शामिल हैं।

संदर्भ

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