फैक्टर VIII टेस्ट क्या है?
फैक्टर VIII या क्लॉटिंग फैक्टर VIII शरीर द्वारा बनाया जाने वाला ब्लड क्लॉटिंग प्रोटीन है। चोट लगी जगह पर रक्त प्रवाह रोकने के लिए ये अन्य क्लोटिंग फैक्टर के साथ मिलकर एक जाल जैसी संरचना बनाता है। यदि इनमें से किसी भी फैक्टर के स्तर में कमी होती है तो पूरी प्रक्रिया खराब हो जाती है और व्यक्ति का अनियंत्रित रूप से खून बहता रहता है। प्रत्येक क्लॉटिंग फैक्टर की जांच के लिए अलग टेस्ट मौजूद हैं। फैक्टर VIII टेस्ट क्लॉटिंग प्रोटीन VIII की जांच करता है।
यह मुख्य रूप से हीमोफीलिया नाम के एक अनुवांशिक विकार का परीक्षण करने के लिए किया जाता है। जिस व्यक्ति को यह विकार होता है उसमें फैक्टर VIII की कमी होती है। उन्हें अत्यधिक नील पड़ने, नाक से खून बहने और चोट से अनियंत्रित रक्तस्राव होने जैसी समस्याएं होती हैं।
हीमोफीलिया ए रोग X क्रोमोजोम के एक जीन की असामान्यता से जुड़ा हुआ होता है। यह आमतौर पर पुरुषों में अधिक होता है क्योंकि पुरुषों में केवल एक ही एक्स क्रोमोजोम होता है। महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते हैं, इसलिए अगर उनमें से किसी एक जीन में खराबी होती है, तो दूसरी जीन उस कमी को पूरा कर देती है। महिलाओं को हीमोफीलिया ए तभी होता है जब उनमें माता-पिता दोनों से ही खराब जीन आते हैं।
हीमोफीलिया ए की गंभीरता का पता फैक्टर VIII की सक्रियता के स्तर से लगाया जा सकता है। हालांकि, चूंकि रक्त के थक्के जमाने में विभिन्न क्लॉटिंग फैक्टर शामिल होते हैं, इसलिए यह टेस्ट अन्य सभी टेस्टों के साथ एक संपूर्ण परीक्षण के भाग के रूप में किया जाता है।